लखनऊ: मुख्तार अंसारी की भाभी को हाईकोर्ट से बड़ी राहत

लखनऊ, अमृत विचार। हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी की भाभी फरहत अंसारी को बड़ी राहत देते हुए, डालीबाग स्थित उनके मकान पर यथास्थिति बनाए रखने का अंतरिम आदेश दिया है। न्यायालय ने सभी पक्षकारों को यह भी निर्देश दिया है कि उक्त मकान की प्रकृति में किसी भी प्रकार का बदलाव …
लखनऊ, अमृत विचार। हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी की भाभी फरहत अंसारी को बड़ी राहत देते हुए, डालीबाग स्थित उनके मकान पर यथास्थिति बनाए रखने का अंतरिम आदेश दिया है। न्यायालय ने सभी पक्षकारों को यह भी निर्देश दिया है कि उक्त मकान की प्रकृति में किसी भी प्रकार का बदलाव न लाया जाए। न्यायालय ने राज्य सरकार व एलडीए को चार सप्ताह में जवाबी हलफनामा दाखिल करने का भी आदेश दिया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज मित्तल और न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह की खंडपीठ ने फरहत अंसारी की दो याचिकाओं पर एकसाथ सुनवाई करते हुए, पारित किया। न्यायालय ने आदेश में कहा है कि कुछ प्रश्नों पर विचार की आवश्यकता है जैसे इस मामले में जिस प्रकार से अधिकारियों ने अभूतपूर्व जल्दबाजी दिखाई व याची के वरिष्ठ अधिवक्ता एचजीएस परिहार द्वारा उठाया गया मुद्दा कि शासन के उच्च अधिकारियों के निर्देश पर वर्तमान प्रक्रिया शुरू की गई व याची के विरुद्ध आदेश पारित किये गए, ऐसे में राज्य सरकार स्वयं प्रभावी व वैकल्पिक राहत नहीं दे सकती।
दरअसल एलडीए की ओर से पेश अधिवक्ता एलपी मिश्रा व सरकार के अपर महाधिवक्ता आरके सिंह ने दलील दी थी कि शहरी योजना व विकास अधिनियम के तहत याची के पास उसके मकान के नक्शे को निरस्त करने के आदेश के विरुद्ध वैकल्पिक उपाय है, ऐसे में हाईकोर्ट के समक्ष उसकी रिट याचिका पोषणीय नहीं है। याचिका में एलडीए वीसी के 29 सितंबर के उस आदेश को चुनौती दी गई है जिसके तहत वीसी ने फरहत अंसारी के मकान के नक्शे को निरस्त कर दिया था।
इसके साथ ही दूसरी याचिका में कारण बताओ नोटिस व गाटा संख्या 93 को निष्क्रांत संपत्ति घोषित किए जाने के उप-जिलाधिकारी सदर के 14 अगस्त के आदेश को भी चुनौती दी गई है। याची की ओर से कहा गया कि उसका मकान 7, डालीबाग प्लॉट न0 21/14बी पर 6700 वर्गफीट में बना है।
उक्त जमीन को सर्वप्रथम बालकृष्ण नाम के व्यक्ति ने 1 नवम्बर 1957 को खरीदा था जिसके लिए प्रबंधक, निष्क्रांत सम्पत्ति से विक्रय प्रमाण पत्र भी जारी किया था। इसके बाद सम्पत्ति को बालकृष्ण से अरविंद कुमार शर्मा नाम के व्यक्ति ने खरीदा और शर्मा से याची ने खरीदा। सिंचाई विभाग, नजूल विभाग, जल संस्थान व नगर निगम से एनओसी मिलने के बाद ही 31 जनवरी 2007 को याची के मकान का नक्शा स्वीकृत किया गया था।