अल्मोड़ा: गर्मी के मौसम में शुद्ध पानी को तरसेंगे अल्मोड़ा वासी 

अल्मोड़ा: गर्मी के मौसम में शुद्ध पानी को तरसेंगे अल्मोड़ा वासी 

अल्मोड़ा, अमृत विचार। इस बार भी गर्मियों के सीजन में अल्मोड़ा की एक लाख से अधिक आबादी को पीने के लिए साफ पानी मुहैया होने की उम्मीद कम ही नजर आ रही है। क्योंकि अल्मोड़ा शहर को पेयजल मुहैया कराने वाले कोसी बैराज की सफाई का प्रस्ताव लंबे समय से शासन की फाइलों में धूल फांक रहा है। बताया जा रहा है कि इस कार्य के लिए बजट अवमुक्त ना होने के कारण इस बार भी बैराज की सफाई होना मुश्किल है। ऐसे में गर्मियों के मौसम में लोगों को प्रदूषित पानी से ही अपनी प्यास बुझानी पड़ सकती है। 

अल्मोड़ा नगर और उससे सटे ग्रामीण क्षेत्रों की एक लाख से अधिक की आबादी को अल्मोड़ा की कोसी नदी में बने बैराज से पानी की आपूर्ति की जाती है। मटेला पंपिंग योजना के जरिए बैराज से पानी पंपिंग कर नगर के मुख्य टैंकों में एकत्र किया जाता है। जहां से उसकी आपूर्ति नगर के अलग अलग मोहल्लों में होती है।

कोसी नदी में बैराज का निर्माण आज से करीब आठ नौ साल पहले किया गया था। जिसके रखरखाव कर जिम्मेदारी सिंचाई विभाग की दी गई है। निर्माण से लेकर अब तक बैराज की सफाई ना होने के कारण उसमें काफी मात्रा में सिल्ट और प्लास्टिक समेत अन्य प्रकार की गंदगी भर गई है। जिसे देखते हुए करीब एक महीने पहले सिंचाई विभाग ने बैराज की सफाई कराने के लिए शासन को करीब 85 लाख रुपये की प्रस्ताव भेजा था।

जिसे अभी तक स्वीकृत नहीं मिल पाई है। सिंचाई विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जब तक सफाई के कार्य के लिए बजट स्वीकृत नहीं होगा यह कार्य संभव नहीं है। ऐसे में अब इस बार भी गर्मियों में नगर की एक लाख से अधिक आबादी वाले घरों में कोसी बैराज के गंदे पानी की आपूर्ति होगी।

इधर जानकारों की मानें तो पिछले आठ नौ साल से कोसी बैराज की सफाई ना होने के कारण बैराज के पानी की स्तर लगातार घटता जा रहा है। पेयजल आपूर्ति होने के साथ साथ बैराज से दो सिंचाई योजनाएं भी संचालित होती हैं। ऐसे में अगर बैराज का जल स्तर लगातार गिरता रहा तो पेयजल किल्लत तो होगी ही किसानों को सिंचाई के लिए भी पानी नहीं मिल पाएगा।