Banda News: सूखे तालाब में श्रद्धालुओं को करना पड़ेगा जवारा विसर्जन...पुरानी परंपरा टूटने की आशंका

बांदा में सूखे तालाब में श्रद्धालुओं को जवारा विसर्जन करना पड़ेगा

Banda News: सूखे तालाब में श्रद्धालुओं को करना पड़ेगा जवारा विसर्जन...पुरानी परंपरा टूटने की आशंका

बांदा, अमृत विचार। नरैनी कस्बे में चैत्र नवरात्र की धूम मची है। नवरात्रि के अंतिम दिन इस बार श्रद्धालुओं को जवारा विसर्जन मजबूरी में सूखे तालाब में करना पड़ेगा। इस तरह शायद पहले कभी सुनने को न मिला हो, लेकिन यह सच है। नगर पंचायत की लापरवाही को लेकर श्रद्धालुओं में आक्रोश है। 

चैत्र नवरात्रि में मां की आराधना के लिए कस्बे सहित आसपास के गांवों के घरों में जवारे बोए जाते हैं। इनका बिसर्जन कस्बे के देविन नगर मोहल्ले में स्थिति बयालीस खेर की महारानी कही जाने वाली कारू माता मंदिर पर स्थित तालाब पर होता है। लेकिन पानी न होने के कारण कस्बा सहित आसपास गांवों के लोगो को बुधवार को नवमी के दिन जवारा विसर्जन करने की चिंता सता रही है। 

कस्बे के राम कृपाल, विपिन त्रिवेदी, सीमित गुप्ता, विनय, पुनीत, प्रांशु, किशन, पवन, विनोद आदि ने बताया की मंदिर में बने तालाब चार सालों से सूखा पड़ा है। कई बार मौखिक तौर पर नगर पंचायत अध्यक्ष व अधिकारियों को अवगत कराया गया। लेकिन कोई तवज्जो नहीं दी गई। नवरात्र के समय पर ही नगर पंचायत कर्मचारियो को मंदिर की याद आती है। समर्सिबल से तालाब में पानी भरने की औपचारिकता पूरी करते हैं।

मंदिर के पुजारी रेवती रमण त्रिपाठी ने बताया की मंदिर परिसर पर स्थित तालाब के पानी में जावरों का विसर्जन करना पुरानी परंपरा है। लेकिन कुछ सालों से नगर पंचायत की लापरवाही से प्राचीन परंपरा टूट गई है। देविन नगर सभासद नीरज रैकवार ने बताया की सूखे तालाब में पानी भरा जाएगा।

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