श्रावस्ती: गेहूं कटाई के समय बरतें ये सावधानी, कम होगी दुर्घटना

श्रावस्ती: गेहूं कटाई के समय बरतें ये सावधानी, कम होगी दुर्घटना

श्रावस्ती, अमृत विचार। गेहूँ की फसल पककर तैयार है। फसल की कटाई के समय थोड़ी-सी सावधानी से अग्निकांड से बचा जा सकता है। जिलाधिकारी कृतिका शर्मा ने बताया कि कटाई कार्य में शीघ्रता के लिए कटाई एवं भूसा बनाने के लिए बड़ी संख्या में कम्बाईन हार्वेस्टर, स्ट्रारीपर, स्ट्राचापर, सुपर स्ट्रा मेनेजमेंट सिस्टम का प्रयोग किया जा रहा है।

विभिन्न यंत्रों में लोहे व इस्पात के पुर्जों के आपसी घर्षण एवं ईंजन में तकनीकी खामियों के कारण उत्पन्न होने वाली चिनगारियों से सूखी खड़ी फसल तथा फसल अवशेषों में आग लगने की सम्भावना होती है। उन्होने बताया कि गेहूं कटाई एवं मडाई से सम्बन्धित समस्त यंत्रों की सर्विसिंग कार्य आरम्भ करने से पूर्व अवश्य करवा ली जाये।

  1. यंत्र के सभी हिस्सों व कल पुर्जों की यथावश्यकता तेल व ग्रीसिंग अवश्य सुनिश्चित की जाये
  2. साथ ही कम्बाईन हार्वेस्टर व सुपर स्ट्रामेकर सिस्टम के साथ अग्निश्मन उपकरण अनिवार्य रूप से रखा जाये ताकि आग लगने पर उसे तत्काल बुझाया जा सके।
  3. कार्य स्थल के आप पास उपलब्ध पानी के स्रोत को चिन्हित करके उसे संचालन व आकस्मिक प्रयोग की तैयारी कर ली जाये।
  4. कम्बाईन मशीन के साथ कम से कम दो बालू से भरे बैग व दो फावडे़ भी रखे जाये। कार्य स्थल पर व उसके आप पास बीड़ी, सिगरेट, हुक्का आदि का प्रयोग न करें।
  5. खाना बनाने का कार्य सुबह व शाम को ही सुरक्षित स्थान पर करें, जहां हवा न चल रही हो। सूती कपड़े ही पहने तथा ढीले वस्त्रों का प्रयोग न करें। आग लगने की स्थिति में आगे की फसल को पट्टी के रूप में काट दें ताकि आग का प्रसार न हो सके।

उन्होंने यह भी बताया कि आग लगने की स्थिति में तत्काल अग्निश्मन विभाग, आपदा प्रबन्धन विभाग, उपजिलाधिकारी अथवा कृषि विभाग को सूचित करें। अग्निश्मन विभाग हेतु 101, अग्नि सुरक्षा अधिकारी-8077117630, आपदा प्रबन्धन विशेषज्ञ-9721939303 अथवा जिला कृषि अधिकारी-9793980956 के नम्बर पर सम्पर्क कर जानकारी दे सकते है।

यदि किसी किसान की फसल आग से जल जाती है तो वे मण्डी परिषद की ओर से संचालित खेत खलिहान अग्निकाण्ड दुर्घटना सहायता योजना के अन्तर्गत क्षतिपूर्ति हेतु ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल पर आवेदन कर सकते हैं। इसके अन्तर्गत 2.5 एकड़ की फसल के लिए रू0 30,000, 2.5 से  5.0 एकड़ की फसल के लिए रू0 40,000,  एवं 5 एकड़ से अधिक की फसल के लिए रू0 50,000 क्षतिपूर्ति का भी प्राविधान है।