बरेली कॉलेज प्रबंध समिति सचिव देवमूर्ति को हाईकोर्ट से मिली राहत, जानें मामला

गबन मामले में मुकदमा निस्तारण तक जमानत की जरूरत नहीं होगी

बरेली कॉलेज प्रबंध समिति सचिव देवमूर्ति को हाईकोर्ट से मिली राहत, जानें मामला

बरेली, अमृत विचार। बरेली काॅलेज में निर्माण कार्यों में गबन मामले में आरोपी प्रबंध समिति सचिव देवमूर्ति को हाईकोर्ट से राहत मिल गई। हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के निर्णय तक देवमूर्ति की अग्रिम जमानत को सशर्त मंजूरी दे दी है। हाईकोर्ट के इस आदेश से अब मुकदमे के निस्तारण तक देवमूर्ति को जमानत कराने की जरूरत नहीं होगी।

हाईकोर्ट में अर्जी पर सुनवाई के दौरान देवमूर्ति ने सुनवाई में पूरा सहयोग देने का विश्वास दिलाया। वहीं महाधिवक्ता ने देवमूर्ति के नौ अन्य मामलों के आपराधिक इतिहास को रखते हुए अग्रिम जमानत का विरोध किया। हाईकोर्ट ने देवमूर्ति की सशर्त अग्रिम जमानत मंजूर करते हुए आदेश दिया कि वह ट्रायल कोर्ट की अनुमति के बगैर भारत नही छोंडेंगे। यदि उनके पास पासपोर्ट हो तो तुरंत ट्रायल कोर्ट को सौंप देंगे। मामले से जुड़े गवाहों को किसी भी तरह से प्रभावित नहीं करेंगे। शर्तों का पालन न करने पर जमानत की स्वतंत्रता का दुरुपयोग मानते हुए ट्रायल कोर्ट कानून के अनुसार उचित कार्यवाही कर सकता है।

ज्ञात हो कि बरेली कालेज में परीक्षा भवन निर्माण में कई करोड़ रुपये के गबन का आरोप लगाते हुए कर्मचारियों ने तत्कालीन क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी डॉ. राजेश प्रकाश से शिकायत की थी। उन्होंने मामले की जांच के बाद वर्ष 2018 में बारादरी थाने में धोखाधड़ी, गबन, जालसाजी की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने विवेचना में प्रबंध समिति सचिव देवमूर्ति, उपाध्यक्ष काजी अलीमुद्दीन, मकसूद खां और योगेन्द्र मोहन सक्सेना के नाम प्रकाश में लाते हुए चारों के खिलाफ पिछले साल चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की थी।

अभी तक देवमूर्ति इस मामले में चार्जशीट दाखिल होने तक अग्रिम जमानत पर थे। प्रकरण में पुलिस ने विवेचना पूरी कर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी थी जिसमें देवमूर्ति को कोर्ट के समक्ष पेश होकर जमानत करानी थी। विवेचना के दौरान क्राइम ब्रांच ने उपाध्यक्ष काजी अलीमुद्दीन को गिरफ्तार कर जेल भेज भी भेज दिया था।

देवमूर्ति का पक्ष-
प्रकरण में काॅलेज प्रबंध समिति के सचिव देवमूर्ति ने इसे असत्य आरोप पर सत्य की जीत बताया। कहा कि अदालत के सामने भ्रष्टाचार के आरोप झूठे साबित होंगे, क्योंकि ऐसा कुछ हुआ ही नहीं। नियमानुसार ही काॅलेज प्रबंध समिति ने सभी फैसले किए।

ये भी पढ़ें-बरेली: महंगा सफर...वंदे भारत एक्सप्रेस को नहीं मिल रहे यात्री, देहरादून से लखनऊ तक किया जा रहा संचालन

ताजा समाचार