बरेली: अभिभावकों की बढ़ी परेशानी, आयु कम होने पर परिषदीय स्कूलों में नहीं दिए जा रहे प्रवेश

ऐसे में बच्चों को दोबारा करनी पड़ेगी यूकेजी की पढ़ाई

बरेली: अभिभावकों की बढ़ी परेशानी, आयु कम होने पर परिषदीय स्कूलों में नहीं दिए जा रहे प्रवेश
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बरेली, अमृत विचार। परिषदीय स्कूलों में कक्षा एक में दाखिला कराने के लिए बच्चों की आयु सीमा 6 साल किए जाने से अभिभावकों की परेशानी बढ़ गई है। प्री प्राइमरी की कक्षाएं पूरी कर चुके बच्चों को दोबारा से उसी कक्षा में दाखिला लेना पड़ रहा है। नई शिक्षा नीति के तहत महानिदेशक स्कूल शिक्षा के निर्देश पर यह परिवर्तन किया गया है।

पहले कक्षा में एक में प्रवेश के लिए बच्चों की आयु सीमा साढ़े पांच साल थी, लेकिन अब इसमें बदलाव कर दिया गया है। प्रवेश के लिए बदले नियमों के मुताबिक प्री प्राइमरी कक्षाओं में दाखिले के लिए न्यूनतम आयु 31 मार्च 2024 तक तीन साल और कक्षा एक में दाखिले के लिए न्यूनतम 6 वर्ष की आयु पूरी होनी अनिवार्य है।

बीईओ तौसिफ अहमद ने बताया कि 2 या 3 अप्रैल को भी यदि बच्चे की आयु पूरी हो रही है, तब भी उसे कक्षा एक में दाखिला नहीं मिल सकेगा। यानी सरकारी या निजी स्कूलों में प्री प्राइमरी की पढ़ाई पूरी कर चुके निर्धारित आयु से कम छात्रों को कक्षा एक में दाखिला नहीं मिल पाएगा। बीएसए संजय सिंह का कहना है कि यदि बच्चों के दाखिले के लिए कोई फर्जी दस्तावेज या प्रमाण पत्रों का प्रयोग करते पाया जाता है तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

उम्र के नए नियम अभिभावकों को बताए जा रहे
आलमपुर जाफराबार के पथरा उच्च प्राथमिक स्कूल की प्रधानाध्यापक सारिका सक्सेना ने बताया कि नया सत्र शुरू होने के बाद से स्कूल में बच्चों का प्रवेश कराने के लिए अभिभावक पहुंच रहे हैं। कई बच्चों की आयु नए नियम के अनुसार कम है तो अभिभावकों को प्रतीक्षा करने के लिए समझाया जा रहा है।

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