बरेली: छात्रों को पसंद आई ऑनलाइन पढ़ाई, प्रैक्टिकल पर संकट

बरेली: छात्रों को पसंद आई ऑनलाइन पढ़ाई, प्रैक्टिकल पर संकट

बरेली, अमृत विचार। कोरोना काल में गृह मंत्रालय ऑनलाइन पढ़ाई पर जोर दे रहा है। शासन के निर्देशों के तहत रुहेखलंड विश्वविद्यालय में भी 1 अगस्त से ऑनलाइन पढ़ाई कराई जा रही है। विश्वविद्यालय के प्रोफेसर्स की मानें तो ऑफलाइन स्टडी यानी परिसर में आकर विभाग में पढ़ाई करने से ज्यादा उपस्थिति ऑनलाइन पढ़ाई में …

बरेली, अमृत विचार। कोरोना काल में गृह मंत्रालय ऑनलाइन पढ़ाई पर जोर दे रहा है। शासन के निर्देशों के तहत रुहेखलंड विश्वविद्यालय में भी 1 अगस्त से ऑनलाइन पढ़ाई कराई जा रही है। विश्वविद्यालय के प्रोफेसर्स की मानें तो ऑफलाइन स्टडी यानी परिसर में आकर विभाग में पढ़ाई करने से ज्यादा उपस्थिति ऑनलाइन पढ़ाई में दर्ज की गई है। जहां परिसर में आकर करीब 70 प्रतिशत छात्र-छात्राएं आकर पढ़ते थे।

अब ऑनलाइन पढ़ाई में यह आंकड़ा 78 प्रतिशत तक पहुंच गया है जो काफी अच्छा है। दोनों तरह की पढ़ाई में सबसे ज्यादा दिक्कत प्रयोग(प्रैक्टिकल) को लेकर हो रही है क्योंकि परिसर में आने वाले छात्र पाठयक्रम पढ़ने के साथ-साथ प्रैक्टिकल भी करते थे लेकिन ऑनलाइन पढ़ाई में प्रयोग नहीं कर सकते हैं। यही वजह है कि विश्वविद्यालय प्रशासन जल्द ही 20 अक्टूबर के बाद छात्रों को परिसर में पढ़ाई के साथ प्रयोग के लिए उपस्थित होने के लिए बुलाएगा।

रुहेलखंड विश्वविद्यालय परिसर में व्यावसायिक और तकनीकी विषयों के 28 विभाग हैं जिनमें लगभग 4600 छात्र-छात्राएं पंजीकृत हैं। व्यावसायिक पाठयक्रमों में बीएड, एमएड, एलएलम, एमफिल, एमएससी व अन्य शामिल हैं। इसके अलावा तकनीकी पाठयक्रमों में एमसीए, फार्मेसी व अन्य हैं। कोरोना के चलते पहले तो सभी पाठयक्रमों में पढ़ाई बंद कर दी गई थी लेकिन उसके बाद कुछ राहत देते हुए ऑनलाइन पढ़ाई शुरू की गई थी। ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान 50 फीसदी पाठयक्रम पढ़ाना जरूरी है।

1 अगस्त से सभी पाठयक्रमों के छात्र-छात्राओं की ऑनलाइन पढ़ाई शुरू की गई है। इसके तहत सभी पाठयक्रमों का अलग-अलग समूह व्हाट्सएप पर बनाया गया है जिसमें पाठयक्रम में पंजीकृत सभी छात्रों को जोड़ा गया है। इन सभी ग्रुपों के एडमिन विभाग के एचओडी को बनाया गया है। इसके अलावा संबंधित पाठयक्रम के प्रोफेसर भी उसमें जोड़े गए हैं जो पठन सामग्री ग्रुप में शेयर कर देते हैं। इसके अलावा गूगल मीट, जूम एप व अन्य माध्यमों से भी ऑनलाइन कक्षाएं ली जा रही हैं। छात्रों को पठन सामग्री के लिए लिंक भी भेजे जाते हैं। यही नहीं यदि किसी छात्र का कोई सवाल होता है तो उसका जवाब भी दिया जाता है।

ये हो रही हैं दिक्कतें
ऑनलाइन पढ़ाई में छात्रों को पाठयक्रम की ई-सामग्री तो मिल जा रही है लेकिन विश्वविद्यालय के ज्यादातर पाठयक्रम ऐसे हैं जिनमें प्रयोगात्मक पढ़ाई भी जरूरी है। यह ऑनलाइन कराना मुश्किल है। यही वजह है कि छात्रों को दिक्कतें आ रही हैं। निर्देशों के तहत 20 अक्टूबर से परिसर में बुलाकर पढ़ाई कराने के लिए बोला गया है। इसकी तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। उम्मीद है कि इससे छात्रों की प्रयोगात्मक पढ़ाई भी हो जाएगी और पाठयक्रम भी पूरा हो जाएगा। परिसर में पढ़ाई के दौरान छात्रों के काफी नंबर प्रयोगात्मक परीक्षा में मिलते हैं।