Lok Sabha Elections 2024: बहराइच सीट पर छह बार बाहरी प्रत्याशियों ने जमाया कब्जा, लेकिन भाजपा ने...
केरल से लेकर मुरादाबाद और बुलंदशहर के प्रत्याशियों ने दर्ज की जीत, भाजपा ने सबसे अधिक बार जिले के प्रत्याशियों को दिया मौका
राजू जायसवाल/बहराइच, अमृत विचार। लोकसभा चुनाव में बहराइच सीट से 6 बार दूसरे जिले के प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की है। इसमें गैर प्रांत के केके नैयर ने भी चुनाव में जीत दर्ज कर जिले का प्रतिनिधित्व किया था। हालांकि भारतीय जनता पार्टी ने सबसे अधिक बार जिले के प्रत्याशियों का अवसर दिया है। जबकि कांग्रेस पार्टी ने हमेशा बाहर के जिलों के प्रत्याशियों को चुनाव मैदान में उतारा है।
लोकसभा चुनाव में प्रथम चरण का मतदान होने के लिए बस कुछ दिन ही बाकी है। जिले में मई माह में बहराइच और कैसरगंज सीट के लिए अलग अलग तिथियों में चुनाव होना है। अब बात करें जिले के सीट पर प्रत्याशियों के चुनाव लड़ने की तो बहराइच सीट पर छह बार दूसरे जिले और प्रांत के प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की है।
इसमें केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने सर्वाधिक तीन बार चुनाव जीता है लेकिन उन्होंने यह जीत दो बार कांग्रेस और एक बार जनता दल की पार्टी से जीता है। जबकि आरिफ मोहम्मद खान बुलंदशहर के निवासी हैं। इसके बाद भी जिले की जनता ने आरिफ मोहम्मद खान को दिल खोलकर समर्थन दिया। इसके अलावा बहराइच सीट से केरल राज्य के निवासी केके नैयर ने जनसंघ पार्टी से वर्ष 1967 में चुनाव जीता।
कुछ इसी तरह आजादी के बाद वर्ष 1952 में हुए पहले लोकसभा चुनाव में बहराइच सीट से रफी अहमद किदवई ने जीत दर्ज की। वह बाराबंकी जिले के निवासी थे। जनता पार्टी से ओम प्रकाश त्यागी ने 1977 के चुनाव में जीत दर्ज की। वह मुरादाबाद जिले के निवासी थे।
इसी तरह अंबेडकर नगर जिले के किछौछा निवासी मुजफ्फर हुसैन ने वर्ष 1980 के चुनाव में कांग्रेस पार्टी से जीत दर्ज की थी। इसके बाद पुनः कांग्रेस ने वर्ष 2009 के चुनाव में गोरखपुर से कमांडों कमल किशोर ने चुनाव जीता था। ऐसे में अनुमान लगाया जा सकता है कि छह बार बहराइच सीट से दूसरे जिले के प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की। वहीं आठ बार क्षेत्रीय प्रत्याशियों ने जीत का परचम फहराया है। इनमें भाजपा की ओर से सर्वाधिक बार क्षेत्रीय प्रत्याशियों को मैदान में उतारा गया है।
परिसीमन में हुआ था वर्ष 2009 का चुनाव
बहराइच सीट से वर्ष 2009 का लोकसभा चुनाव परिसीमन के बाद हुआ था। यह सीट वर्ष 2009 में सुरक्षित हो गई थी। इसी वर्ष कांग्रेस परिवार के नजदीकी कमांडों कमल किशोर ने भाजपा प्रत्याशी को हराकर चुनाव में जीत दर्ज की थी। उस समय मनरेगा योजना ने भी जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी।
इस बार गठबंधन ने उतारा बाहरी प्रत्याशी
बहराइच सीट से इस बार इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी रमेश गौतम को चुनाव मैदान में उतर गया है या मुलाना गोंडा जनपद के निवासी हैं लेकिन जिले में सक्रिय रहे हैं, जिसके चलते सपा की ओर से होने प्रत्याशी बनाया गया है।
बहराइच से जीत दर्ज करने वाले प्रत्याशी
रफी अहमद किदवाई कांग्रेस 1952
सरदार जोगेन्द्र सिंह कांग्रेस 1957
राजा राम सिंह स्वतन्त्र पार्टी 1962
के के नायर जनसंघ 1967
पण्डित बदलू राम कांग्रेस 1971
ओम प्रकाश त्यागी जनतापार्टी 1977
मुजफ्फर हुसैन कांग्रेस 1980
आरिफ मो0 खां कांग्रेस 1984
आरिफ मो0 खां जनता दल 1989
रुद्र सेन चौधरी भाजपा 1991
पद्मसेन चौधरी भाजपा 1996
आरिफ मो0 खान बसपा 1998
पदमसेन चौधरी भाजपा। 1999
रुबाब सईदा सपा 2004
कमल किशोर कांग्रेस (अजा) 2009
सावित्रीबाई भाजपा 2014
अक्षयवर लाल भाजपा 2019
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