Kanpur: बंजर भूमि मामला: फर्जीवाड़े में दोषियों पर होगी कार्रवाई; प्रधानों और योजना प्रभारियों से कमेटी कर रही पूछताछ

Kanpur: बंजर भूमि मामला: फर्जीवाड़े में दोषियों पर होगी कार्रवाई; प्रधानों और योजना प्रभारियों से कमेटी कर रही पूछताछ

कानपुर, अमृत विचार। बंजर भूमि को उपजाऊ बनाने के नाम पर किए गए फर्जीवाड़े में संयुक्त कृषि निदेशक की सख्ती से विभागीय अफसरों में हड़कंप मचा है। मामले में तीन सदस्यीय कमेटी जांच कर रही है जिसमें प्रधानों और योजना प्रभारियों से पूछताछ की जा रही है। मामले में निलंबित बाबू के साथ जिसकी भी भूमिका सामने आएगी, उन सभी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। 

बता दें बंजर भूमि को उपजाऊ बनाने के नाम पर फर्जीवाड़ा करके 11 लाख रुपये का भुगतान कराया गया था। इस मामले में भुगतान करने वाले बाबू दिलीप पटेल को निलंबित किया गया और संयुक्त कृषि निदेशक आलोक तिवारी ने तीन सदस्यीय कमेटी को जांच के आदेश दिए हैं। मामला यह है कि भूमि संरक्षण विभाग में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत दो साल से जलागम विकास घटक परियोजना का संचालन हो रहा है। 

जिसमें गंगा के किनारे बसे गांवों की बंजर भूमि को उपजाऊ बनाया जाना है। इसके तहत विभाग मेड़बंदी, तालाब खोदाई और अन्य काम कराता है। योजना के तहत घाटमपुर ब्लाक की बावन ग्राम पंचायत में 750 हेक्टेयर और कोरियां गांव में 600 हेक्टेयर जमीन चिह्नित की गई थी। बावन में 13 लाख और कोरियां में 28 लाख रुपये से काम कराने की परियोजना थी। शासन से जारी धनराशि में बाबू दिलीप पटेल ने बावन गांव में पांच लाख रुपये का भुगतान अपने करीबी के खाते में कर दिया था। 

इसी तरह कोरियां गांव में करीब पांच लाख रुपये का फर्जी काम दिखाकर भुगतान कर दिया था। फर्जीवाड़ा पकड़ में आने के बाद बाबू को निलंबित किया गया। मामला अफसरों के संज्ञान में आने पर विभाग में हड़कंप मचा। संयुक्त कृषि निदेशक के अनुसार फर्जीवाड़ा का मामला सामने आया है। विभाग की लापरवाही है। बाबू के निलंबन के बाद तीन सदस्यीय कमेटी जांच कर रही है। प्रधानों और योजना प्रभारियों से भी पूछताछ चल रही है। मामले में जो भी दोषी होगी सभी पर कार्रवाई की जाएगी।

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