हल्द्वानी: महज तीन किलोमीटर की दूरी और इलाज को करना पड़ा 14 घंटे का सफर

घायल सेवानिवृत्त क्लर्क का इलाज कराने को बेबस ग्रामीणों को चलना पड़ा करीब पांच घंटे पैदल 

हल्द्वानी: महज तीन किलोमीटर की दूरी और इलाज को करना पड़ा 14 घंटे का सफर

कुंदन बिष्ट, हल्द्वानी, अमृत विचार। महज तीन किलोमीटर की दूरी और 14 घंटे के सफर ने एक वृद्ध की जान ले ली। फिसलने से सेवानिवृत्त क्लर्क के सिर पर लगी चोट का इलाज कराने बेबस ग्रामीणों को महज तीन किलोमीटर की दूरी को तय करने में पांच घंटे से अधिक का समय लग गया।

मुख्य सड़क पर पहुंचने के बाद भी ग्रामीणों को वृद्ध का इलाज कराने के लिए 14 घंटे का सफर और तय करना पड़ा। घायल वृद्ध को इलाज तो मिला लेकिन उनकी जान नहीं बच सकी।

बागेश्वर जिले के ग्राम सभा कर्मी ग्राम सापुली खाईधार तहसील कपकोट निवासी 65 वर्षीय हीरा सिंह पुत्र स्व. गोविंद सिंह शिक्षा विभाग में क्लर्क पद से सेवानिवृत्त हैं। 14 मार्च को हीरा सिंह गांव में प्राचीन मंदिर के चल रहे पुनर्निर्माण कार्य को देख रहे थे। इसी दौरान घर के पीछे पैर फिसलने से हीरा सिंह 20 फीट गहरी खाई में गिर गए।

उनके छोटे भाई मेहमान सिंह ने बताया कि बामुश्किल उनके भाई को खाई से बाहर निकाला गया। खाई में गिरने से हीरा सिंह के सिर पर गंभीर चोट आई। लेकिन उनके भाई के इलाज के लिए गांव से सड़क तक पहुंचाने के लिए कोई व्यक्ति नहीं मिला। दूसरे गांव से लोगों को बुलाना पड़ा।

चार लोगों की मदद से रात में टार्च जलाकर तीन किलोमीटर का सफर पांच घटे में तय कर उन्हें कुर्सी पर बैठाकर मुख्य सड़क पर लाया गया। इसके बाद प्राइवेट कार से बागेश्वर जिला अस्पताल पहुंचाया गया। हालत गंभीर होने पर डॉक्टर ने उन्हें हल्द्वानी रेफर कर दिया था। मेहमान सिंह के अनुसार भाई को घटनास्थल से हल्द्वानी लाने तक 14 घंटे का सफर और तय करना पड़ा। 15 मार्च को उन्हें निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टर ने ऑपरेशन भी किया। लेकिन कुछ समय बाद उनके भाई की मौत हो गई। 

गांव में बिजली तो उपलब्ध, लेकिन सप्ताहभर रहती है गायब
हल्द्वानी। मृतक सेवानिवृत्त क्लर्क हीरा सिंह के भाई मेहमान सिंह ने बताया कि उनका गांव सैन्य वाहुल्य क्षेत्र है। गांव में बिजली की सुविधा तो उपलब्ध है, लेकन बिजली सप्ताहभर तक गुल रहती है। जिस दिन घटना हुई उस दिन भी बिजली नहीं थी। टार्च की रोशनी में उनके भाई को मुख्य सड़क पर लाने में पांच घंटे से अधिक का समय लग गया। उन्होंने बताया कि उनके गांव में आज तक सड़क नहीं पहुंची। तीन किलोमीटर खड़ी चढ़ाई में चढ़ना चुनौती से कम नहीं है।

पहले भी हो चुकी है गांव में इस प्रकार की घटना
हल्द्वानी। मृतक के भाई मेहमान सिंह ने बताया कि उनकी ग्रामसभा में सौ से अधिक परिवार रहते हैं। वह शासन-प्रशासन से सालों से गांव के लिए सड़क की सुविधा देने की मांग कर रहे हैं। बावजूद इसके आज तक गांव में सड़क नहीं पहुंच सकी। उन्होंने बताया कि इससे पहले भी एक गर्भवती महिला को इलाज के लिए मुख्य सड़क तक लाने में महिला की जान चली गई थी। प्रशासनिक अधिकारी केवल झूठा आश्वासन देते हैं।

एंबुलेंस चालक ने किया होता इंतजार तो शायद बच जाती जान
हल्द्वानी। मृतक हीरा सिंह के भाई मेहमान सिंह ने बताया कि गांव से सड़क तक आने में उन्हें पांच घंटे से अधिक का समय लग गया था। उन्होंने 108 एंबुलेंस को बुलाया था। चालक ने दो घंटे इंतजार किया। बाद में देर होने का हवाला देकर वह चला गया। प्राइवेट कार ढूंढने में भी काफी वक्त लग गया। हल्द्वानी में डॉक्टर ने बताया कि तीन घंटे पहले इलाज मिलता तो भाई की जान बच सकती थी।

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