STPF के सुरक्षा घेरे में रहेगा पीलीभीत टाइगर रिजर्व...112 सदस्यीय फोर्स का होगा गठन, शिकार और वन अपराध पर लगेगी लगाम

STPF के सुरक्षा घेरे में रहेगा पीलीभीत टाइगर रिजर्व...112 सदस्यीय फोर्स का होगा गठन, शिकार और वन अपराध पर लगेगी लगाम

सुनील यादव, पीलीभीत, अमृत विचार। पीलीभीत टाइगर रिजर्व की सुरक्षा अब स्पेशल टाइगर प्रोटक्शन फोर्स के हवाले रहेगी। स्पेशल टाइगर प्रोटक्शन फोर्स के गठन का प्रस्ताव तैयार कर प्रधान मुख्य वन संरक्षक को भेजा गया गया है। प्रस्ताव को कैबिनेट में मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।

माना जा रहा है कि स्पेशल टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स के अस्तित्व में आने से जहां बाघों की सुरक्षा और सुदृढ़ होगी, वहीं वन अपराध, शिकार, वन्यजीव अंग तस्करी और वन भूमि के अतिक्रमण पर लगाम लगेगी।

जनपद के 73 हजार हेक्टेयर में फैले वनक्षेत्र को 2014 में टाइगर रिजर्व का दर्जा दिया गया था। यह नेपाल की शुक्ला फांटा सेंचुरी और उत्तराखंड राज्य के तराई पूर्वी वन प्रभाग की सुरई से जुड़ा हुआ है। वहीं दूसरी ओर दुधवा टाइगर रिजर्व की किशन सेंचुरी, लखीमपुर और शाहजहांपुर के वन क्षेत्र से जुड़ा है। वर्तमानमें यहां 71 से अधिक बाघ है। 

जंगलों से निकलकर अक्सर बाघ आसपास के खेतों में पनाह ले लेते हैं, जिससे उनकी सुरक्षा खतरे में पड़ जाती है। हाल ही में टाइगर रिजर्व के आसपास के कई खेतों में बाघों के शरण लेने के मामले सामने आए हैं। इससे मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं में तो इजाफा हो रही रहा है, साथ ही बाघों की सुरक्षा को भी बड़ा खतरा पैदा हो रहा  है। 

इधर टाइगर रिजर्व प्रशासन द्वारा नौ साल बाद स्पेशल टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स (एसटीपीएफ) के गठन का प्रस्ताव तैयार किया गया है। इस प्रस्ताव को मुख्य वन संरक्षक/फील्ड डायरेक्टर विजय सिंह द्वारा प्रधान मुख्य वन संरक्षक को भेजा गया है। वन अफसरों के मुताबिक कैबिनेट में मंजूरी के बाद पीटीआर में टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स का गठन किया जाएगा।

असिस्टेंट कंजर्वेटर, रेंज ऑफिसर भी बनाए जाएंगे
टाइगर रिजर्व प्रशासन ने स्पेशल टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स के लिए जो प्रस्ताव तैयार किया है, उसके मुताबिक पीलीभीत टाइगर रिजर्व के लिए 112 सदस्यीय फोर्स गठित की जाएगी। इसमें एक असिस्टेंट कंजर्वेटर, तीन रेंज आफिसर, 18 फारेस्टर और 90 फारेस्टगार्ड की नियुक्ति की जाएगी। स्पेशल टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स पूरी तरह टाइगर रिजर्व के मुख्य संरक्षक/फील्ड डायरेक्टर के अधीन होगी।

एसटीपीएफ के गठन से यह होंगे फायदे
- बाघों एवं उनके आवासों को मिलेगी सुरक्षा
- वन्यजीव शिकार व तस्करी पर भी लगेगा अंकुश
 - मानव-बाघ संघर्ष पर नियंत्रण करने में मिलेगी मदद
- शिकारियों व वन अपराधों पर लगेगा अंकुश
- एसटीपीएफ  टाइगर रिजर्व में स्टाफ की कमी को करेगा पूरा

पीटीआर में स्पेशल टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स के गठन को लेकर तैयार किए गए प्रस्ताव को शासन को भेजा गया है। कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद इस पर अमल होगा। इससे बाघों की सुरक्षा को नए आयाम मिलेंगे। वन अपराध, शिकार आदि को रोकने में मदद मिलेगी। - नवीन खंडेलवाल, डिप्टी डायरेक्टर, पीलीभीत टाइगर रिजर्व

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