Kanpur: बाइक व कार धुलाई सेंटरों पर शिकंजा कसने की तैयारी; नगर निगम ने दिए कार्रवाई के आदेश...
कानपुर, अमृत विचार। गर्मी शुरू होने से पहले कार व बाइक धुलाई सेंटरों की जांच होगी। भूगर्भ जल विभाग हर जोन में सेंटरों की एनओसी जांचेगा। इसके साथ हर सेंटर पर कितना भूगर्भ जल दोहन किया जा रहा इसका आंकलन भी करेगा। नगर निगम ने जोनवार धुलाई सेंटरों पर कार्रवाई करने को कहा है।
शहर में भूगर्भ जल-दोहन की वजह से हर बार पेयजल का संकट गहरा जाता है। कई क्षेत्रों में पानी का स्तर घटने से समस्या खड़ी हो जाती है। अवैध रूप से चल रहे वाहन धुलाई सेंटर धरती की कोख को खाली करते रहते हैं। शहर में अवैध रूप से संचालित हो रहे वाहन धुलाई सेंटर पर रोजाना करोड़ों लीटर पानी बह रहा है। एक आंकड़े के अनुसार एक कार की धुलाई में औसतन 250 लीटर पानी बहाया जा रहा है।
वहीं, बाइक धोने में लगभग 55-60 लीटर पानी की बर्बादी हो रही है। जिससे समस्या बढ़ती जा रही है। अधिशाषी अभियंता जोन-4 ने बताया कि 80 फीट रोड पर कई लोगों द्वारा धुलाई सेंटर खोलकर सड़क पर अवैध रूप से अतिक्रमण लगाकर जल दोहन हो रहा है।
विभागीय निरीक्षण में पाया गया है कि सेंटरों पर जलकल विभाग की ओर से पानी का कनेक्शन नहीं लिया गया है और बोरिंग के जरिये भूगर्भ जल दोहन किया जा रहा है। रतनलाल नगर नाला रोड पर एक किलोमीटर सड़क पर सात धुलाई सेंटर हैं। ऐसे ही कई अन्य जगह भी सेंटर चल रहे हैं। जिनके खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश भूगर्भ जल विभाग को लिखा गया है।
500 से ज्यादा वाहन धुलाई सेंटर
जलकल विभाग की जांच के मुताबिक शहर में 500 से ज्यादा वाहन धुलाई सेंटर हैं। इसमें सबसे ज्यादा धुलाई सेंटर बकरमंडी, रामबाग, नौबस्ता, शास्त्री नगर, 80 फीट रोड, नयापुरवा, बारादेवी, गौशाला, जूही, बर्रा, किदवई नगर, लालबंगला, रतनलालनगर, कल्याणपुर, मसवानपुर में हैं। गली मोहल्ले में छोटे-छोटे धुलाई सेंटर हैं वह अलग हैं। सर्विस सेंटर वालों को पानी का कामर्शियल कनेक्शन लेना होता है, इसके साथ ही कामिर्शयल मीटर भी लगाना पड़ता है। इसके बाद भी बिना एनओसी के संचालन गैर कानूनी है।
कागजों में दो महीने बंद रहते हैं सेंटर्स
शहर में रोजाना औसतन साढ़े पांच लाख लीटर पानी बर्बाद होता है। धुलाई सेंटर पर प्रेशर पानी से वाहनों की धुलाई होती है। अधिकतर जगह सबमर्सिबल से ही पानी लिया जाता है ऐसे में भूमिगत जल लगातार घटता जा रहा है। नगर निगम के निर्देश पर मई और जून में धुलाई सेंटर्स को बंद किया जाता है। लेकिन, कई जगह फिर भी धड़ल्ले से सेंटर चलते हैं।
नंबर गेम
- 500 से अधिक वाहन सर्विस सेंटर हैं
- 250 लीटर एक कार धुलाई में खर्च
- 60 लीटर टू-व्हीलर की धुलाई पर पानी खर्च
- 10,000 वाहनों की शहर में रोजाना धुलाई
- 5.50 लाख लीटर पानी की रोज बर्बादी