पीलीभीत: बाहर से गन्ने की नकद खरीद पर भड़के किसान,  बंद कराई तौल..हंगामा

तीन  घंटे तक किसानों को मनाने में जुटे रहे मिल अधिकारी, फिर दी सफाई

पीलीभीत: बाहर से गन्ने की नकद खरीद पर भड़के किसान,  बंद कराई तौल..हंगामा

पीलीभीत, अमृत विचार। किसानों का बकाया भुगतान देने में बीते कई सालों से पिछड़ती रही बजाज हिंदुस्थान चीनी मिल बरखेड़ा में अब गन्ने की सीधी खरीद करने पर हंगामा हो गया। अपने भुगतान के लिए चक्कर लगाकर परेशान हो चुके किसानों ने मिल पहुंचकर गंभीर आरोप लगाते हुए  विरोध कर दिया। नारेबाजी करते हुए तीनों कांटों पर चल रही तौल बंद करा दी।

इसकी सूचना मिलने पर पहुंचे चीनी मिल के अधिकारियों ने करीब तीन घंटे तक वार्ता की और फिर सेंटर से गन्ना आने की बात कहते हुए सफाई पेश कर किसी तरह मामला शांत कराया। तब जाकर तौल शुरू हुई। हालांकि किसान अपनी बात पर बाद में भी अडिग होकर  जल्द भुगतान की मांग की। इस पर उन्हें फिलहाल आश्वासन देकर काम चलाया गया है।

बरखेड़ा की बजाज हिंदुस्थान चीनी मिल में इस पेराई सत्र में तीन कांटे लगाए गए हैं। एक कांटे में बैलगाड़ी से पहुंचने वाला गन्ना, दूसरे में मीडियम ट्रैक्टर ट्रॉली जबकि तीसरे में ट्रॉला व ट्रक में लादकर सेंटर से पहुंचने वाले गन्ने की तौल कराई जाती है। चीनी मिल का मौजूदा पेराई सत्र अंतिम चरणों में पहुंच चुका है। बीते सालों में भी चीनी मिल किसानों के गन्ना मूल्य भुगतान को लेकर जनपद की अन्य मिलों के सापेक्ष फिसड्डी साबित होती रही है। इस बार भी भुगतान की स्थिति पिछड़़ी हुई है।

सोमवार सुबह करीब छह बजे बर्रामऊ गांव निवासी किसान नरेंद्र पाल उर्फ पप्पू गंगवार की अगुवाई में दर्जनों किसान चीनी मिल पहुंचे और तीनों कांटो  पर चल रही तौल विरोध प्रदर्शन करते हुए बंद करा दी। उनका कहना था कि एक तरफ चीनी मिल किसानों का गन्ना मूल्य भुगतान नहीं कर रही है।

वहीं, बिचौलियों से गन्ना की सीधी व नगद खरीद का खेल शुरू कर दिया है। आरोप है कि बरखेड़ा क्षेत्र के किसानों के बजाय पूरनपुर समेत अन्य स्थानों से नकद गन्ना खरीदा जा रहा है। जिसे बाद में कागजों में ये दर्शाया जा रहा है कि गन्ना सेंटरों से आया है। हंगामा और तौल बंद होने की सूचना मिलने पर जीएम केन सुबोध गुप्ता, एचआर हेड अखिलेश्वर उपाध्याय यार्ड इंचार्ज धनराज चौधरी समेत कई मिल अधिकारी मौके पर पहुंच गए।

पहले तो यार्ड परिसर में ही किसानों का मनाने का प्रयास किया जाता रहा लेकिन किसान अपनी मांग को लेकर अडिग थे। फिर प्रदर्शनकारियों में से ही अगुवाई करने वाले कुछ किसानों को शांत कर दफ्तर ले जाकर वार्ता चली। करीब तीन घंटे बाद मिल ने जल्द भुगतान का आश्वासन देते हुए नगद गन्ना न खरीदे जाने की सफाई पेश की। जिसके बाद मामला शांत कराया जा सका। फिर यार्ड परिसर में स्थित तीनों कांटों पर तौल शुरू की जा सकी।

किसानों को आशंका 21 तक मिल हो सकती है बंद
किसानों की मानें तो चीनी मिल की ओर से  अभी तक मौजूदा पेराई सत्र का चंद दिनों का ही गन्ना मूल्य भुगतान किया गया है। चीनी मिल का मौजूदा पेराई सत्र 20-21 फरवरी तक बंद होने की भी आशंका है। ऐसे में मिल बंद होने के बाद भुगतान लटक जाएगा। इसी आशंका को लेकर उन्हें अब हर बार की तरह बजाज हिंदुस्थान चीनी मिल पर अपना गन्ना मूल्य भुगतान फंसता दिखाई दे रहा है।

नियमों की भी उड़ती दिखी धज्जियां
बरखेड़ा चीनी मिल में एक तरफ किसानों का प्रदर्शन चल रहा था। वहीं दूसरी तरफ यार्ड परिसर में खड़े गन्ना लदे वाहन यातायात नियमों की धज्जियां उड़ाते ह़ुए दिखाई दिए। कई पेराई सत्रों से बरखेड़ा चीनी मिल को गन्ना पहुंचाने वाले ट्रॉलों पर कार्रवाई की मांग किए जाने के साथ ही इनका संचालन होने से भी इनकार किया जाता है। मगर कई ट्रॉलों पर ही गन्ना लदा दिखाई दिया। इसके अलावा वाहनों पर लदा गन्ना ओवरलोडिंग और ओवरहाइट था। मगर इस पर भी जिम्मेदार कोई सुध लेते नहीं दिखाई दिए। जबकि कई बार हादसे भी हो चुके हैं।

बाहरी गन्ना खरीद के आरोप लगाकर तीन तीन घंटे तक चीनी मिल बंद कराई गई। एक किसान द्वारा अपने निजी पर्ची, सप्लाई  टिकट  संबंधी समस्या को लेकर यार्ड में बवाल किया जा रहा था।  जिसके कारण थोड़ी देर तौल बंद रही,  लेकिन मिल निरंतर चलती रही। नगद गन्ना खरीद का भ्रामक प्रचार किया जा रहा है । यह मात्र अफवाह है इसमें कोई सच्चाई नहीं है। - सतीश श्रीवास्तव, पीआरओ बजाज हिंदुस्थान शुगर मिल

हमारी गन्ना खरीद की व्यवस्था पूरी तरह से पारदर्शी है। किस किसान से कितना गन्ना लिया जा रहा है, सभी की डिटेल है। कुछ लोगों का निजी स्वार्थ रहा और उसी में दूसरा रूप दे दिया गया है। चीनी मिल में गन्ना क्रय केंद्रों से ही पहुंच रहा है। कहीं कुछ गलत है तो उसे दिखवाया जाएगा - खुशीराम भार्गव, जिला गन्ना अधिकारी।

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