लखनऊ : जानलेवा टीबी को खत्म करने में कारगार होंगे डॉ. सूर्यकांत के 5 फॉर्मुले, 35 मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने KGMU में ली ट्रेनिंग

लखनऊ : जानलेवा टीबी को खत्म करने में कारगार होंगे डॉ. सूर्यकांत के 5 फॉर्मुले, 35 मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने KGMU में ली ट्रेनिंग

लखनऊ, अमृत विचार । किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) में राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम (NTEP) के तहत तीन दिवसीय राज्य स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत सोमवार को हुई। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में यूपी के 31 प्राइवेट मेडिकल कालेज के चिकित्सक टीबी के बारे में प्रशिक्षण लेने पहुंचे। कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने किया। 

प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने कहा कि प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद मास्टर ट्रेनर के रूप में यहां से निकले डॉक्टर टीबी उन्मूलन में अहम भूभिका निभायेंगे। अपने -अपने मेडिकल कालेज के सभी चिकित्सकों, चिकित्सा कर्मियों, चिकित्सा छात्रों समेत अन्य डॉक्टरों को गाइडलाइंस के बारे में प्रशिक्षित करेंगे। जिससे टीबी की शुरूआत होने पर ही पहचान की जा सकेगी। टीबी की समय से पहचान से रोगी जल्दी स्वस्थ्य हो सकेगा। इतना ही नहीं अन्य लोगो को टीबी के वायरस संक्रमित भी नहीं कर पायेंगे।

इस अवसर पर डॉ. सूर्यकान्त ने सभी चिकित्सक प्रतिभागियों को प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान में पूरा सहयोग देने के लिए पांच मंत्रों के बारे में बताया। जिसमें टीबी का इलाज, टीचिंग और ट्रेनिंग, रिसर्च, जागरूकता एवं एडवोकेसी शामिल है। इन पांच मंत्रों से प्रधानमंत्री के टीबी मुक्त भारत के सपने को सकार करने में चिकित्सकों बहुमूल्य योगदान होगा। डॉ. सूर्यकान्त ने यह भी बताया कि रेस्पाइरेटरी मेडिसिन विभाग को इन्टरनेशनल यूनियन अगेन्स्ट टीबी एंड लंग डिजीजेस (यूनियन), विश्व स्वास्थ्य संगठन व भारत सरकार ने ड्रग रेजीस्टेन्ट टीबी के लिए सेन्टर ऑफ एक्सीलेन्स चुना है। (पूरे भारत मे 5 में से 1) जिससे केजीएमयू व उत्तर प्रदेश को टीबी उनमूलन के क्षेत्र में अन्तराष्ट्रीय पहचान मिली है।

ड्रग रेजीस्टेन्ट टीबी (जटिल टीबी) के समाधान के लिए पूरे उत्तर प्रदेश में केजीएमयू प्रदेश के 24 नोडल ड्रग रेजीस्टेन्ट टीबी सेन्टर, समस्त 67 मेडिकल कालेज , 75 जिलों में "हब और स्पोक" माडल के आधार पर कार्य योजना बना रहा है। स्टेट टीबी ऑफिसर डॉ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि वर्ष 2023 में उत्तर प्रदेश मे टीबी रोगियों की लक्ष्य से अधिक पहचान कर ली है। उद्घाटन के बाद तीन दिवसीय प्रशिक्षण के पहले दिन साधारण टीबी, बच्चों की टीबी, टीबी की डायग्नोसिस जैसे विषयों पर प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में विश्व स्वास्थ्य संगठन के नेशनल प्रोग्राम आफिसर डा मलिक परमार, अहमदाबाद के टीबी के नेशनल एक्पर्ट डा राजेश सोलंकी, दिल्ली से डा हार्दिक सोलंकी व यूनियन से डा मीरा भाटिया उपस्थित रहे। इसके अतिरिक्त केजीएमयू के बाल रोग विभाग से डा सारिका गुप्ता, माइक्रोबायलोजी विभाग से डा पारूल जैन, गोरखपुर से डा अश्विनी मिश्रा, प्रयागराज से डा अमिताभ, रेस्पाइरेटरी मेडिसिन विभाग के सभी चिकित्सक, विश्व स्वास्थ्य संगठन के टीबी परामर्शदाता और टीबी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओ ने हिस्सा लिया।

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