अमित शाह ने मैसूर में मां चामुंडेश्वरी का किया दर्शन पूजन, 1000 साल से अधिक पुराना है यह मंदिर
मैसुरु। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार को यहां चामुंडी हिल्स पहुंचे और मैसूरु की अधिष्ठात्री देवी चामुंडेश्वरी के दर्शन और पूजन किये। शाह के साथ केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र भी थे। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि शाह ने पुजारियों द्वारा संस्कृत श्लोकों के उच्चारण के बीच चामुंडेश्वरी की पूजा करने से पहले भगवान गणेश की पूजा की, जिन्हें "नाद देवता" (राज्य देवता) भी माना जाता है। शाह ने पूजा-अर्चना के बाद मंदिर की 'प्रदक्षिणा' की।
Fortunate to have performed pooja at the Maa Chamundeshwari Temple in Mysore today.
— Amit Shah (@AmitShah) February 11, 2024
Offered prayers for the well-being and prosperity of every citizen and more power to our nation. pic.twitter.com/LvESiFrPpW
'चामुंडी' या 'दुर्गा' के नाम से जानी जाने वाली देवी 'शक्ति' का उग्र रूप है और उन्होंने राक्षसों 'चंड' और 'मुंड' और भैंस के सिर वाले राक्षस 'महिषासुर' का वध किया था। गृहमंत्री शाह के दौरे के लिए मंदिर के आसपास और शहर से मंदिर की ओर जाने वाले मार्ग पर व्यापक सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। अधिकारियों ने कहा कि 1,000 साल से अधिक पुराना यह मंदिर शुरू में एक छोटा मंदिर था और सदियां गुजरने के साथ ही इसका महत्व बढ़ गया और यह एक प्रमुख पूजा स्थल बन गया।
उन्होंने कहा कि 1399 ईस्वी में मैसूरु महाराजाओं, वोडेयार के सत्ता में आने के बाद इसका महत्व बढ़ गया क्योंकि वे चामुंडेश्वरी के बड़े भक्त और उपासक थे। रविवार तड़के इस शहर में पहुंचे शाह ने दिन की शुरुआत में सुत्तुरु जातरा (मेला) में भाग लेने के लिए यहां के निकट सुत्तुरु का दौरा किया। बाद में दिन में, उनका प्रदेश भाजपा कोर समिति के सदस्यों और मैसूरु के पार्टी नेताओं के साथ बैठकों में भाग लेने का कार्यक्रम है। इस साल होने वाले संसदीय चुनावों से पहले ये बैठकें महत्व रखती हैं।
भाजपा और जनता दल (सेक्युलर) जदएस ने गठबंधन बनाया है और कर्नाटक में लोकसभा चुनाव एकसाथ लड़ने का फैसला किया है। दोनों पार्टियों के बीच सीट बंटवारे पर बातचीत जारी है। भाजपा ने 2019 के चुनावों में कर्नाटक की कुल 28 लोकसभा सीटों में से 26 पर जीत हासिल की थी, जिसमें मांड्या से पार्टी द्वारा समर्थित निर्दलीय सुमलता अंबरीश भी शामिल थीं। कांग्रेस और जदएस ने एक-एक सीट हासिल की थी।
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