कोटा: जिलाधिकारी ने कोचिंग छात्रों का तनाव घटाने के लिए ‘डिनर विद कलेक्टर’ कार्यक्रम किया शुरू
कोटा (राजस्थान)। कोटा के जिलाधिकारी डॉ. रवींद्र गोस्वामी ने जिले में कोचिंग छात्रों के तनाव को कम करने के लिए ‘कामयाब कोटा’ अभियान के तहत एक साप्ताहिक ‘डिनर विद कलेक्टर’ कार्यक्रम शुरू किया है। शहर के एक कोचिंग संस्थान के छात्र रहे और एमबीबीएस डिग्रीधारी गोस्वामी ने मुख्य रूप से पढ़ाई से संबंधित तनाव के कारण कोचिंग छात्रों द्वारा आत्महत्या की बढ़ती संख्या को देखते हुए पिछले महीने कार्यक्रम शुरू किया था।
‘डिनर विद कलेक्टर’ के तहत वह हर शुक्रवार को एक छात्रावास में छात्रों के साथ रात्रि भोजन करते हैं और उनके मन और दिल की बात सुनते हैं। उन्होंने इंद्रप्रस्थ इलाके के एक छात्रावास के छात्रों से एक फरवरी को बातचीत की। उन्होंने छात्रों के साथ बॉलीवुड गाने गाए, सफलता के मंत्र साझा किए और उन्हें प्रेरित किया।
पिछले महीने दो कोचिंग छात्रों और 27 वर्षीय एक बीटेक छात्र ने फंदे से लटककर कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी। वर्ष 2023 में कोटा में 26 कोचिंग छात्रों ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली, जो शहर में अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है। मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश के लिए प्रवेश परीक्षा की तैयारी को लेकर हर साल देश के विभिन्न हिस्सों से दो लाख से अधिक छात्र आते हैं।
शहर में इन कोचिंग छात्रों के लिए लगभग 4500 छात्रावास और 40,000 पीजी आवास हैं। हालिया चर्चा के दौरान, 2016 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी गोस्वामी ने छात्रों से कहा ‘‘खुद पर संदेह क्यों करें?’’ रात्रिभोज में पढ़ाई और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के बारे में छात्रों की चिंताओं को साझा करते हुए जिलाधिकारी ने उनसे अपने मजबूत और कमजोर बिंदुओं की पहचान करने और कमजोर बिंदुओं को सुधारने के लिए कहा।
इस तरह का पहला कार्यक्रम 26 जनवरी को आयोजित किया गया था। ‘डिनर विद कलेक्टर’ के पहले कार्यक्रम में गोस्वामी ने शहर के एक छात्रावास में कोचिंग छात्रों के साथ रात्रि भोजन किया और सफलता के ‘टिप्स’ दिए।
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