राज्यपाल का अभिभाषण जमीनी हकीकत से कोसों दूर, बोलीं मायावती
लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने शनिवार को कहा कि राज्यपाल का अभिभाषण सरकारी दावों व वादों का मसौदा न होकर जमीनी हकीकत पर आधारित होता तो बेहतर होता।
विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन शुक्रवार को उत्तर प्रदेश विधान मंडल के दोनों सदनों (विधानसभा व विधान परिषद) को संबोधित करते हुए राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने अपने अभिभाषण में कहा, "सुशासन मेरी सरकार का प्रमुख ध्येय है।
'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास' के मंत्र को अपनाते हुए बिना भेदभाव सभी वर्गों विशेष रूप से गरीबों, किसानों, महिलाओं तथा युवाओं के उन्नयन के लिए सरकार प्रतिबद्धतापूर्वक कार्य कर रही है।''
राज्यपाल के अभिभाषण के एक दिन बाद बसपा प्रमुख मायावती ने 'एक्स' पर अपने एक पोस्ट में कहा, ''उत्तर प्रदेश विधानमंडल बजट सत्र के उद्घाटन पर राज्यपाल का अभिभाषण सरकारी दावों व वादों का मसौदा न होकर यहां के लोगों की जमीनी हकीकत पर आधारित होता है तो बेहतर होता, जिससे सरकार पर इसका संभवतः थोड़ा प्रभाव पड़ता।''
मायावती ने अपने सिलसिलेवार पोस्ट में कहा, ''बजट में सरकार अगर जनहित व जनकल्याण की वास्तविक चिंता कर, सम्बन्धित कार्यों को सही से लागू करती तो इससे उत्तर प्रदेश का पिछड़ापन व यहां के लोगों की गरीबी एवं बेरोजगारी कुछ तो जरूर दूर होगी, इन मामलों में सरकार अवश्य ध्यान दें।''
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