पीलीभीत: गंदगी से पट चुके शहर के नाले, सो रहे स्वच्छता के रखवाले

पीलीभीत ,अमृत विचार। शहर में पालिका प्रशासन की अनदेखी के चलते एक बार फिर से नाले-नालियां गंदगी से पट गए हैं। जबकि हाल में ही नाला सफाई कराने का दावा किया गया था। नालों में पॉलिथीन और अन्य कचरा जमा है। इससे नालों के पानी की निकासी नहीं हो पा रही है। गंदगी के कारण मच्छरों की भी समस्या बनी इुई है। मगर स्वच्छता के रखवालों को बदतर हालात नजर नहीं आ रहे हैं।
शहर में सफाई व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए हर माह लाखों का खर्च होता है। भारी-भरकम रकम खर्च करने के बाद भी शहर की सफाई व्यवस्था ढर्रे पर नहीं आ रही है। शहर में कुल 27 वार्ड हैं। जिसमें 49 मोहल्ले और 21 कॉलोनियां शामिल हैं। शहर के बीच से गुजर रहा हाईवे और बाजार भी शामिल हैं। इन मोहल्ले और कॉलानियों से निकलने वाले गंदे पानी के निकास को नौ बड़े समेत 30 नाले हैं। इन नालों की हर साल की तली झाड़ सफाई के साथ-साथ चोक होने की दशा में समय-समय पर इनकी सफाई कराने का दावा किया जाता है।
इस बार भी नाला सफाई पर करीब 20 से 25 लाख रुपये का बजट खर्च हुआ था। इसके बाद भी शहर के नाले दुर्दशा का शिकार हैं। बड़े नाले कूड़े और सिल्ट से पट चुके हैं। एक माह पूर्व मेन बाजार के नाले गंदगी से पटे मिले थे। जिनकी सफाई को लेकर व्यापारियों ने विरोध जताया था। इस पर कुछ नालों की सफाई कराई गई थी, लेकिन सिस्टम की लापरवाही और लोगों में जागरूकता की कमी के चलते एक बार फिर नाले चोक हो गए हैं। हालांकि नगरपालिका की ओर से अभी भी नालों की सफाई व्यवस्था दुरुस्त होने का दावा किया जाता है।
मंगलवार को अमृत विचार की टीम ने शहर के प्रमुख नालों की हकीकत परखी तो स्थिति बदहाल मिली। अधिकतर नाले पॉलिथीन और कचरे से पटे मिले। जल निकासी संभव नहीं प्रतीत हुई। इन इलाकों में रहने वाले लोग यहां उठने वाली दुर्गध से परेशान दिखे। उनका कहना था कि कई बार दुखड़ा सुना चुके हैं, लेकिन सुधार धरातल पर नहीं दिख पा रहा है। समय से वार्डो में कूड़े का भी कई जगह नहीं मिला।
361 सफाई कर्मी दो सफाई निरीक्षक, फिर बदहाली
बता दें कि शहर की सफाई व्यवस्था को दुरुस्त रखने के लिए नगरपालिका की ओर से 165 सरकारी और 196 आउटसोर्सिंग सफाई कर्मचारियों पर जिम्मेदारी है। इनकी मॉनिटरिंग के लिए दो सफाई निरीक्षक भी कार्यरत हैं। इसके बाद भी शहर में सफाई व्यवस्था का बुरा हाल है। कर्मचारियों के द्वारा अपने वार्ड में सफाई नहीं की जा रही है। जिस वजह से दिन भर बाजार में गदंगी के ढेर लगे मिलते हैं। नाले नालियां चोक हैं। कई बार निर्देशित करने के बाद भी सुधार नहीं हो सका।
दृश्य एक: गांधी स्टेडियम
नाले में डिस्पोजल की भरमार, गंदगी का अंबार
शहर का गांधी स्टेडियम रोड मुख्य मार्गों में है। कई निजी अस्पताल से लेकर अन्य बड़े प्रतिष्ठान हैं। दिन-रात लोगों का आना जाना रहता है। इसके बाद भी इस रूट पर सफाई व्यवस्था बदहाल है। गांधी स्टेडियम से गौहनिया चौराहा की ओर जाने वाला नाला गंदगी से पटा है। नाले में डिस्पोजल, पॉलिथीन समेत अन्य कचरे की भरमार थी। परत जम सी गई थी। नगरपालिका की ओर से नाले की सफाई का दावा यहां पस्त दिखा। कई जगह पर नाला बंद भी प्रतीत हो रहा था।
दृश्य दो: मुख्य बाजार
बाजार की व्यवस्था भी मिली बदहाल
शहर का बिजली घर तिराहा के पास नाला बना हुआ है। मोहल्ला नखासा, मेन बाजार, लाल रोड, मदीनाशाह समेत विभिन्न इलाकों का पानी इसमें गिरता है। इसके बाद भी इस नाले को साफ करने की जहमत नहीं उठाई जा सकी है। नाला गंदगी से पटा था। आबादी पूरी तरह प्रभावित होती दिखी। जबकि यह नाला मेन बाजार को कवर करता है। नाला चोक होने के कारण व्यापारियों को परेशानी होती है। बारिश में बाजार में पानी भर जाता है। व्यापारियों का कहना है कि माह में दो बार अगर नाले की पॉलिथीन और कचरे को निकाल दिया जाए तो जलभराव की समस्या कभी न बने।
दृश्य तीन: दूधिया मंदिर मार्ग
धार्मिक स्थल के आसपास भी नहीं सफाई, नाले में गंदगी समाई
शहर के बाजार ही नहीं बल्कि धार्मिक स्थल के पास से गुजरने वाले नाले भी गंदगी से लदे हुए हैं। जहां कूड़ा कचरा पड़ा हुआ है। शहर के दूधिया नाथ मंदिर से 100 मीटर की दूरी बना नाला जोकि दूधिया मंदिर होते हुए लकड़ी मंडी की ओर निकलता है। इसमें जल निकासी की समस्या बनी हुई है। नाला सफाई अभियान के बाद यहां आज तक कोई पॉलिथीन निकालने के लिए नहीं पहुंचा।
पॉलिथीन जमा होने के कारण वह पुलिया आदि में जाकर फंस गई है। जोकि जल निकासी के लिए बाधा बन रही है। स्थानीय लोगों ने बताया कि नाला सफाई के नाम पर औपचारिकता निभाई जाती है। हर बार बारिश में नाले उफना जाता है। जो समस्या बनता है। दूधिया नाथ मंदिर के पास भी कूड़े का ढेर लगा रहता है।
सफाई व्यवस्था को दुरुस्त कराने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही नालों की गंदगी के लिए सजग रहने के निर्देश दिए हैं। टीम बनाकर काम करने के लिए कहा गया है। नाला सफाई के अलावा कूड़ा उठान की व्यवस्था को भी ठीक कराया जा रहा है। जल्द सब कुछ पटरी पर आ जाएगा। - लाल चंद्र भारती, ईओ नगरपालिका
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