बरेली: बजट मामला...विभागीय कमेटी की रिपोर्ट को भी जरूरी नहीं समझा

नये सीएमएस ने अनुपयोगी बताकर बजट कर दिया सेरेंडर, इसके बाद शासन ने तलब कर ली

बरेली: बजट मामला...विभागीय कमेटी की रिपोर्ट को भी जरूरी नहीं समझा

बरेली, अमृत विचार। जिला महिला अस्पताल के लिए जारी किए गए एक करोड़ 39 लाख के बजट को सरेंडर करने के बाद लगातार नये खुलासे हो रहे हैं। बजट के लिए नवंबर 2023 में शासन को जो प्रस्ताव भेजा गया था इसमें कई नियमों की अनदेखी की गई। प्रस्ताव भेजने से पूर्व विभागीय कमेटी की रिपोर्ट संलग्न नहीं की गई, न ही अन्य संबंधित विभागों की जरूरतों के बाबत जानकारी ले इंडेंट को शामिल किया गया। आनन-फानन में प्रस्ताव बनाकर शासन को भेज दिया।

शासन ने स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी के लिए जरूरी समझकर बजट पास कर दिया। इसी दौरान तत्कालीन सीएमएस डॉ. पुष्पलता शमी के स्थान पर डॉ. त्रिभुवन प्रसाद को सीएमएस बना दिया गया। उन्होंने बजट को अनुपयोगी बताकर सेरेंडर कर दिया। बजट वापस करने को शासन ने गंभीरता से लिया। जरूरत न होने के बाद भी प्रस्ताव बनाकर भेजने को भारी लापरवाही मानते हुए एडी हेल्थ से जांच रिपोर्ट तलब कर ली। बीते दिनों एडी हेल्थ डॉ. पुष्पा पंत ने मामले में बयान दर्ज कर जांच रिपोर्ट शासन को भेज दी है। इसके बाद से स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों में खलबली है।

इसलिए बजट किया सेरेंडर
तत्कालीन सीएमएस डॉ. पुष्पलता शमी ने शासन को भेजे प्रस्ताव में पुराने ऑपरेशन थिएटर को मरीजों के हित में दोबारा चलाने की जरूरत का जिक्र दिया था। मौजूदा सीएमएस डॉ. त्रिभुवन प्रसाद ने इस पर तर्क दिया कि एमसीएच विंग में ऑपरेशन थिएटर चल रहा है, लिहाजा दूसरे ऑपरेशन थिएटर की जरूरत नहीं है। प्रस्ताव में दूसरी बड़ी जरूरत उपकरणों की खरीद बताई गई थी। इस पर तर्क दिया गया कि एमसीएच विंग वर्ष 2018 में शुरू हुआ है। उस दौरान सभी नए उपकरणों की खरीद की गई थी जो अभी दुरुस्त हैं। इसलिए और उपकरण खरीदकर बेवजह बजट खपाना ठीक नहीं होगा।

मरीजों के हित को देखते में रखते हुए अस्पताल के उच्चीकरण और सौंदर्यीकरण के लिए प्रस्ताव भेजकर बजट की मांग की गई थी, इसके लिए किसी कमेटी की आवश्यकता नहीं होती है।- डॉ. पुष्पलता शमी, तत्कालीन सीएमएस, जिला महिला अस्पताल।

ये भी पढे़ं- बरेली: 11वीं के छात्र ने फांसी लगाकर की आत्महत्या