पीलीभीत: अस्पतालों में गूंजी किलकारी, रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दिन जन्मे नवजात

पीलीभीत, अमृत विचार। अयोध्या में एक तरफ प्रभु श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा हो रही थी। वहीं इस दिन कई घरों में प्रसव के बाद बेटों ने जन्म लिया है। सरकारी अस्पताल लेकर निजी अस्पतालों में बच्चों ने जन्म लिया। जिसके बाद उन परिवार वालों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
उन्होंने अपने बच्चें के नाम भी राम से जोड़कर ही रखने का मन बनाया। ऐसा ही एक किस्सा पूरनपुर सीएचसी का सामने आया है। जहां प्राण प्रतिष्ठा के समय पर एक बच्चे का जन्म हुआ है। परिवार वालों ने मिठाई बांटी।
पूरनपुर तहसील के गांव भगवंतापुर निवासी रोहित कुमार की शादी कुछ साल पहले हुई थी। उनकी पत्नी सुहानी देवी गर्भवती थी। उनकी ईच्छा थी कि जिस दिन प्रभु श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा हो उसी दिन उनका प्रसव हो। प्रभु श्रीराम ने उनकी सुन ली। 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के दिन ही प्रसव पीड़ा हुई। परिवार वाले उन्हें पूरनपुर सीएचसी लेकर पहुंचे। जहां डॉक्टरों ने चेक करने के बाद उन्हें भर्ती कर लिया।
प्रभुश्रीराम ने उनकी ऐसी सुनी कि उनका प्रसव सिजेरियन न होकर नॉर्मल कराया गया। जो आज के समय में बहुत कम होता है। एक तरफ परिवार वाले प्रभु श्रीराम की चरण वंदना कर रहे थे। दूसरी तरफ सुहानी का प्रसव चल रहा था। कुछ देर बाद अस्तपाल के लेवर रुम से निकली महिला स्टाफ ने उन्हें खुश खबरी सुनाते हुए कहा कि आपके घर स्वयं प्रभु श्रीराम जन्मे हैं। जिससे देखकर उनके पति रोहित कुमार और अन्य परिवार वाले खुशी से फूल नहीं समाएं।
रोहित ने कहा कि बच्चे के रूप में भगवान राम मेरे घर आए हैं। बच्चे का नाम राम रखूंगा। बच्चे की राम के रूप में पूजा की और रोली का तिलक लगाया और मिठाइयां बांटी। जयश्री राम और भये प्रकट कृपाल का उद्घोष किया गया। इधर, पूरनपुर के गांव बंगला उर्फ मित्रसेनपुर निवासी कन्हई लाल के घर भी राम जन्मे। उनके घर दो बेटियां थी। जिसको लेकर परिवार वाले आज के दिन प्रभुश्रीराम की आराधना कर रहे थे। जिन्हें बच्चे के रुप में प्रभु श्रीराम ने दर्शन दिए हैं। इसके अलावा मेडिकल कॉलेज में भी कुल छह प्रसव हुए हैं। जहां प्रभु श्रीराम के साथ बेटियों ने भी जन्म लिया।
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