हल्द्वानी: ठेकेदार ने टेस्टिंग के बाद बदल डाले पाइप, जेजेएम की योजनाओं में मिली खामियां
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हल्द्वानी, अमृत विचार। जल जीवन मिशन योजनाओं में एक बार फिर अनियमितता देखने को मिली है। जल संस्थान और जल निगम जल जीवन मिशन (जेजेएम) की योजनाओं पर काम कर रहे हैं। पूर्व में भी कई योजनाओं में गड़बड़ी देखने को मिली हैं। अब एक बार फिर रामपुर लामाचौड़ की योजना में खराब गुणवत्ता के पाइप इस्तेमाल किये जाने का मामला सामने आया है।
यहां ठेकेदार ने योजना में इस्तेमाल होने वाले निर्धारित गुणवत्ता के पाइपों का स्टॉक टेस्टिंग होने के बाद बदल डाला। ठेकेदार इन खराब गुणवत्ता के पाइपों को बिछाने की तैयारी कर रहा था। इससे ठीक पहले मौके पर विभाग के एई आरएस विश्वकर्मा के निरीक्षण किया तो स्टॉक में खराब पाइप मिले जिस की रिपोर्ट बनाकर ईई रविशंकर लौशाली को सौंपी गई है। वहीं, ठेकेदार से जब इस संबंध में पूछा गया तो उसने पाइपों में गड़बड़ी होने से इनकार किया और कहा कि योजना में खराब गुणवत्ता के पाइप इस्तेमाल नहीं किये जा रहे हैं।
बताया कि कई बार दूसरे निर्माण स्थल का स्टॉक लाया जाता है और दूसरी जगह रखा जाता है। जेजेएम के कार्य पहले से देरी से चल रहे हैं और इस पर भी योजनाओं में अनियमितताएं देखने को मिल रही हैं। विभाग पूर्व में भी योजना शुरू न होने पर कुछ ठेकेदारों को ब्लैकलिस्ट कर चुका है और कई ठेकेदारों को काम में लापरवाही को लेकर नोटिस भेज चुका है लेकिन इसके बावजूद भी ठेकेदार लापरवाही कर रहे हैं और योजनाओं में गड़बड़ी देखने को मिल रही हैं। लापरवाही करने वाले ठेकेदारों पर विभाग सख्त कार्रवाई नहीं कर रहा है जिस कारण ठेकेदारों की मनमानी देखने को मिल रही है।
जेजेएम की इन प्रमुख योजनाओं में निरीक्षण में पाई गई गड़बड़ियां
बचीनगर में पाइपों में गड़बड़ियां पाई गई, बैड़ापोखरा में क्रंकीट क्यूब टैंक का निर्माण नहीं किया गया और पांडेगांव में पाइप बिछाने में अनियमितता पाई गई। इसके साथ ही चांदपुर, चौसला, नाथूपुर पाडली, करायल चतुर सिंह, फूलचौड़, धापला और छोटी हल्द्वानी में भी कई अनियमितताएं पाई गई हैं।
योजना में लापरवाही करने पर होनी चाहिये सख्त कार्रवाई
योजना में लापरवाही करने पर नियमानुसार सख्त कार्रवाई होनी चाहिये। कार्रवाई में ठेकेदार को जेल तक हो सकती है। पहली बार अनियमितता मिलने पर ठेकेदार पर जुर्माना लगाया जाता है और चेतावनी दी जाती है। इसके बाद भी ठेकेदार गड़बड़ी करता है तो उसका टेंडर निरस्त किया जा सकता है और जुर्माना भी लिया जाएगा। गंभीर परिस्थितियों में ठेकेदार को जेल तक हो सकती है।
क्षेत्र के जेई और एई को निरीक्षण में अनियमितताएं मिली हैं जिसकी रिपोर्ट बनाकर मुझे दी गई है। ठेकेदार को निर्धारित गुणवत्ता के पाइप इस्तेमाल करने को कहा गया है।
- रविशंकर लौशाली, ईई, जल संस्थान हल्द्वानी