अमरोहा: शिक्षकों के फर्जी शपथपत्र दाखिल करने पर कोर्ट ने मांगी आख्या
महाविद्यालय के प्रवक्ता ने कोर्ट में दिया था प्रार्थना पत्र
अमरोहा, अमृत विचार। 19 साल पहले एनसीटीई के मानक पूरे करने के लिए शिक्षकों के फर्जी व कूटरचित शपथपत्र रुहेलखंड विश्वविद्यालय में दाखिल कर मान्यता लेने के मामले में आरबीएम कॉलेज प्रबंधन फंस गया है। कोर्ट में दायर प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए सीजेएम ने शहर कोतवाली पुलिस से मामले में 15 फरवरी तक जांचकर आख्या तलब की है।
मामला शहर के मंडी धनौरा मार्ग स्थित राशिदा बेगम मुस्लिम महाविद्यालय से जुड़ा है। जिसमें पूर्व सपा नेता कमाल फारुकी कॉलेज की प्रबंधन समिति में अध्यक्ष, उनका बेटा दानिश कमाल फारुकी उपाध्यक्ष व मोहल्ला चाहगौरी निवासी शबीह अहमद सचिव हैं। शहर के मोहल्ला नियाजियान निवासी वादी अशहर तौसीफ की साल 2011 में इस कॉलेज में बतौर प्रवक्ता तैनाती हुई थी। उनका आरोप है कि साल 2005 में कॉलेज को मिली मान्यता में एनसीटीई के मानक पूरा करने से जुड़ी औपचरिकताओं में बड़े स्तर पर फर्जीवाड़ा किया गया।
कमाल फारुकी और शबीह अहमद ने 10 शिक्षकों के फर्जी व कूटरचित शपथपत्र तैयार करकर एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यायल बरेली से मान्यता हासिल कर ली। जिन लोगों को कॉलेज में प्रवक्ता दर्शाया, उनका शिक्षण कार्य से दूर तक कभी कोई वास्ता नहीं रहा। आरोप है कि 18 मई 2023 की शाम प्रबंधन कमेटी के सचिव हाजी शबीह अहमद ने उन्हें अपने घर बुलाया था, जहां पहले से ही कमाल फारुकी और उनका बेटा दानिश फारुकी मौजूद थे। दबाव बनाकर तीनों ने उनका फोटो ले लिया और शपथपत्र पर चस्पा कर हस्ताक्षर करा लिए।
उनका आरोप है कि इस संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों से भी शिकायत की गई। लेकिन आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद तीनों रंजिश मानने लगे और अब हत्या की धमकी दे रहे है। इस मामले में अधिवक्ता मतलूब सुब्हानी के माध्यम से अशहर तौसीफ ने प्रार्थना पत्र दिया था। अधिवक्ता मतलूब सुब्हानी ने अनुसार सीजेएम अमर प्रताप चौधरी ने प्रभारी निरीक्षक शहर कोतवाली से मामले में 15 फरवरी तक जांच कर आख्या तलब की है।
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