अमेठी: प्रधानमंत्री आवास योजना में अपात्रों को दिया जा रहा है घर!, पात्र झुग्गी में रहने को मजबूर!, बयां किया दर्द...

अमेठी। जायस नगर पालिका के वार्ड नं. 7 मौलवी खुर्द में पक्का मकान, बहुमंजिला इमारत, ट्रक, ट्रैकर, पिकअप वालों को प्रधानमंत्री आवासीय योजना का दिया गया है। जबकि झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले पात्र सूची में शामिल होने के लिए चक्कर काट रहे है। पालिका द्वारा भेजी गई सूची के बाद डूडा विभाग ने राजस्व कर्मियों के साथ पात्र लोगों का सत्यापन करते समय जमकर खेल खेला है।
अमेठी की चारों निकायों में प्रधानमंत्री आवासीय योजना के तहत लाभार्थियों को आवासीय योजना के लाभ से लाभान्वित किया गया है। अब तक 4967 आवास पूर्ण हो चुके है, जबकि सैकड़ों की संख्या में आवास निर्माणाधीन है। जायस नगर पालिका के वार्ड नं. 7 मोहल्ला मोलवीखुर्द की बात करें तो दर्जनों लाभार्थी ऐसे है जिनके पास रहने के लिए पहले से ही आलीशान भवन है फिर भी निकाय के रहमोकरम पर उन्हें आवासीय योजना से लाभान्वित किया जा चुका है।
यहां की रहने वाली बिट्टन पत्नी मो. हलीम के पास दो मंजिला मकान पहले से है, फिर भी इन्हें प्रधानमंत्री आवासीय योजना की पात्रता सूची में रखते हुए लाभान्वित कर दिया गया। इसी तरह राम अवध पुत्र छोटेलाल के पास दो मंजिला मकान के साथ करोड़ो की संपत्ति है, शबनम पत्नी मो. सलीम के पास पहले से ही पक्का मकान है, फिर भी इन लोगों को आवासीय योजना से नवाजा गया है।
मनीषा पत्नी पृथ्वीराज के पास पक्का मकान है, रूपरानी पत्नी कनौजीलाल के पास ऑन रोड़ करोड़ो की प्रॉपर्टी के साथ ट्रैक्टर, बोलेरो वाहन से लैस है। सीता पत्नी जयकरन के पास भी पहले से ही पक्के मकान में रह रही है। फिर भी इन सभी को पात्रता की सूची में शामिल कर प्रधानमंत्री आवासीय योजना के लाभ से लाभान्वित किया जा चुका है।
इन सभी लाभार्थियों के खाते में आनलाइन आवास के लिए किस्तों में पैसे भी भेज दिए गए है। यह तो सिर्फ एक वार्ड की कहानी है जो बानगी भर है। नगर में 25 वार्ड है, इसके हिसाब से देखा जाय तो कितने अपात्रों को लाभान्वित किया गया होगा, कल्पना करना मुश्किल है। यही हाल अमेठी के चारों निकायों में अमेठी, मुसाफिरखाना, जायस व गौरीगंज का भी है। जबकि जिन्हें आवास मिलने चाहिए वह आज भी झुग्गी-झोपड़ी में निवास कर रहे हैं।
दरअसल बाबू, राजस्वकर्मी, निकाय के अधिकारी की मिलीभगत से सरकारी योजनाओं का लाभ उन्हें पहुंचाया जा रहा है, जो उनकी जेब गर्म कर सकें। सिस्टम का यह दोष असली हकदार को वंचित कर रहा है। वार्ड नंबर 7 मोहल्ला मोलवीखुर्द में ही जनक लली पत्नी रितिक रोशन, कृष्णावती पत्नी कमलेश, रामपति पत्नी रामूपत, लखपता पत्नी राम लखन, कलावती पत्नी राम किशुन, अंजू पत्नी गजाधर, निशा पत्नी राकेश, शांति पत्नी रामलाल, ननकी पत्नी कन्हैयालाल जैसे दो दर्जन से अधिक गरीब परिवार में कोई पन्नी तानकर, कोई परिवार टीन शेड, कुछ परिवार कच्ची दीवार पर छप्पर रखकर, कुछ परिवार जुग्गी झोपड़ीं में तो कुछ परिवार मिट्टी से बने जर्जर मकान में रहकर गुजर बसर कर रहे है। इन परिवारों ने सत्यापन कर रहे कर्मचारियों की जेबें गर्म न करने से पात्रता सूची से वंचित कर दिया जाता है।
जिसके पास पहले से पक्का मकान है, उसे पीएम आवासीय योजना से लाभान्वित करना नियम विरुद्ध है। डूडा, राजस्व टीम व निकाय टीम की संयुक्त टीम के सत्यापन के बाद ही पात्र लाभार्थियों की सूची तैयार की जाती है।
राजस्व निरीक्षक उग्रसेन सिंह बहादुरपुर
निकायों में आवासीय योजना का लाभ डिमांड पर दी जाती है, लाभार्थियों के पास पहले से पक्का मकान का होना, कामर्शियल वाहनों का होना, यह सब लाभान्वित करने के लिए बाधाएं नहीं बन सकती है। लाभार्थी की इनकम तीन लाख से अधिक न हो तो उसे पात्रता की सूची में शामिल कर लिया जाता है।
विनोद कुमार मिश्रा डूडा अधिकारी
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