नहीं रहे मशहूर शायर मुनव्वर राना, पीजीआई में चल रहा था इलाज

अमृत विचार लखनऊ: मशहूर शायर मुनव्वर राना का आज निधन हो गया। लखनऊ के पीजीआई में उनका इलाज चल रहा था। उन्होंने आज रविवार को अंतिम सांस ली। वह कई दिनों से बीमार चल रहे थे। बता दें कि मुनव्वर राना भारत के मशहूर कवि और शायर थे, इनकी लोकप्रियता सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी खूब थी। जिसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इनकी लिखी हुई कविताओं का दूसरे कई भाषाओं में अनुवाद हुआ है। मुनव्वर राना को अपनी रचनाओं के लिए कई पुरस्कार भी मिले थे।मशहूर शायर मुनव्वर राना की हालत पिछले कुछ समय से लगातार गंभीर बनी हुई थी। उनका इलाज एसजीपीजीआई के नेफ्रोलॉजी विभाग में चल रहा था। डॉक्टर उनकी सेहत पर लगातार नजर बनाये हुये थे।
मुनव्वर राणा का शुरूआत में इलाज मेदांता में चल रहा था, हालत बिगड़ने पर उन्हें एसजीपीजीआई के नेफ्रोलॉजी विभाग में भर्ती किया गया था। जहां पर 9 जनवरी को सुबह उनकी हालत ज्यादा खराब हो गई थी। उन्हें वेंटीलेटर सपोर्ट की जरूरत बताई जा रही थी, लेकिन डॉक्टरों की कोशिश रंग लाई थी और उनकी सेहत में कुछ सुधार हुआ था। यह जानकरी नेफ्रोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. नारायण प्रसाद ने नौ जनवरी को दी थी ।
26 नवंबर 1952 को उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले में मुनव्वर राना का जन्म हुआ था। उनके पिता का नाम अनवर राना और मां का नाम आयशा खातून था। मुनव्वर राना अपनी मां से बहुत प्यार करते थे। मां के प्रति लगाव उनकी शायरी में भी देखा जा सकता है। मुनव्वर राना के जीवन का एक लंबा समय कोलकाता में बीता। कोलकाता में ही उन्होंने पढ़ाई लिखाई की। शादी के बाद मुनव्वर लखनऊ में आकर बस गये। बताया जा रहा है कि शायरी का शौक उन्हें बचपन से ही था।
मुनव्वर राना और विवाद
मुनव्वर राना जितना अपनी शायरी को लेकर चर्चा में रहते थे उतना ही वह अपने बयानों को लिए भी चर्चित रहे। उनका एक बयान राम मंदिर निर्माण को लेकर भी आया था। साल 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने विवादित जमीन पर राम मंदिर निर्माण का आदेश दिया था। जिस पर उन्होंने मुख्य न्यायाधीश के लिए कहा था कि उन्होंने न्याय नहीं किया बल्कि आदेश सुनाया है।
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