राजनाथ सिंह ने ऋषि सुनक को भेंट की राम दरबार की मूर्ती, इन मुद्दों पर भी हुई चर्चा

राजनाथ सिंह ने ऋषि सुनक को भेंट की राम दरबार की मूर्ती, इन मुद्दों पर भी हुई चर्चा

लंदन। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के साथ गर्मजोशी भरी बैठक कर और एक सामुदायिक कार्यक्रम में भारतीय समुदाय के सदस्यों से मिलने के बाद यहां की अपनी यात्रा बृहस्पतिवार को संपन्न की। सिंह ने यहां प्रधानमंत्री आवास सह कार्यालय ‘10 डाउनिंग स्ट्रीट’ में बुधवार को सुनक से मुलाकात की। उन्होंने द्विपक्षीय रक्षा और आर्थिक संबंधों के मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की। सिंह ने बैठक के दौरान, ब्रिटेन के प्रथम हिंदू प्रधानमंत्री सुनक को राम दरबार की एक मूर्ति भी भेंट की। 

बैठक में ब्रिटेन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सर टिम बैरो भी शामिल हुए। रक्षा मंत्री ने सोशल मीडिया पर एक बयान में कहा, ‘‘ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के साथ लंदन में गर्मजोशी भरी बैठक हुई।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे उनके साथ कई मुद्दों पर चर्चा करने का अवसर मिला। हमने रक्षा, आर्थिक सहयोग के मुद्दों तथा भारत और ब्रिटेन द्वारा शांतिपूर्ण व स्थिर वैश्विक नियम आधारित व्यवस्था बना सकने के तरीकों पर चर्चा की।’’ 

रक्षा मंत्रालय की एक विज्ञप्ति के अनुसार, सुनक ब्रिटेन और भारत के तालमेल के साथ काम करने की जरूरत पर राजनाथ से सहमत हुए और उम्मीद जताई कि मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) पर जारी बातचीत को जल्द ही सफलतापूर्वक निष्कर्ष पर पहुंचाया जाएगा। भारत और ब्रिटेन एफटीए के लिए अभी 14वें दौर की वार्ता कर रहे हैं। इस समझौते का लक्ष्य 36 अरब ब्रिटिश पौंड की द्विपक्षीय साझेदारी को बढ़ाना है। समझा जाता है कि सुनक ने भी द्विपक्षीय साझेदारी के तहत रक्षा व सुरक्षा संबंध प्रगाढ़ करने की अपनी सरकार की इच्छा को रेखांकित किया। 

इस बीच, सिंह ने सुनक को ब्रिटेन के रक्षा उद्योग के साथ सकारात्मक बातचीत होने और ब्रिटेन की अपनी यात्रा के दौरान द्विपक्षीय रक्षा साझेदारी में नयी सकारात्मक ऊर्जा की जानकारी दी। किसी भारतीय रक्षा मंत्री की पिछले 22 वर्षों में ब्रिटेन की यह पहली यात्रा है। सिंह ने ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड कैमरन से भी मुलाकात की। बुधवार शाम, सिंह ने लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग द्वारा आयोजित एक सामुदायिक अभिनंदन कार्यक्रम में भारतीय मूल के करीब 200 लोगों से मुलाकात की। कार्यक्रम में, पूर्व भारतीय सैन्य कर्मी एवं उनके परिवार के सदस्य और द्वितीय विश्व युद्ध लड़ चुके सैनिक भी उपस्थित थे। 

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