ऊर्जा मांग पर कार्रवाई से वैश्विक अर्थव्यवस्था को हो सकती है सालाना 2,000 अरब डॉलर की बचत : रिपोर्ट 

ऊर्जा मांग पर कार्रवाई से वैश्विक अर्थव्यवस्था को हो सकती है सालाना 2,000 अरब डॉलर की बचत : रिपोर्ट 

नई दिल्ली। ऊर्जा मांग की गहनता को कम करने के लिए व्यावसायिक कार्रवाइयों से सालाना 2,000 अरब डॉलर की बचत हो सकती है। विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) के सोमवार को जारी एक अध्ययन में यह अनुमान लगाया गया है।

रिपोर्ट कहती है कि यदि ये उपाय इस दशक के अंत तक किए जाते हैं, तो हम इतनी बड़ी बचत हासिल कर सकते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि ये लक्षित व्यावहारिक कार्रवाइयां वृद्धि को बढ़ावा दे सकती हैं और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी ला सकती हैं।

दावोस में 15-19 जनवरी तक होने वाली अपनी वार्षिक बैठक से पहले रिपोर्ट जारी करते हुए डब्ल्यूईएफ ने कहा कि सही नीतिगत ढांचे से वृद्धि और उत्पादकता बढ़ेगी, कंपनियों को नकदी की बचत होगी, प्रतिस्पर्धा के मोर्चे पर लाभ मिलेगा और उत्सर्जन में कमी आएगी। यह रिपोर्ट पीडब्ल्यूसी के सहयोग से पेश की गई है और इसे 120 से अधिक वैश्विक मुख्य कार्यपालक अधिकारियों (सीईओ) का समर्थन है।

ये सीईओ डब्ल्यूईएफ की अंतरराष्ट्रीय व्यापार परिषद (आईबीसी) के सदस्य हैं। संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन सीओपी28 में सबसे व्यापक रूप से समर्थित पहल में से एक में सरकारों ने 2030 तक दुनिया की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को तीन गुना करने और इसी अवधि में ऊर्जा दक्षता सुधार की दर को दोगुना करने का वादा किया है।

देशों को 2023 और 2030 के बीच अपनी ऊर्जा तीव्रता में पिछले वर्षों की तुलना में कम से कम दोगुना कटौती करने की आवश्यकता है, जिसके लिए निजी क्षेत्र से पर्याप्त बदलाव की जरूरत होगी। 

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