कुतुबखाना पुल: झूठे निकले दावे...पूरा नहीं हो सका निर्माण

बरेली, अमृत विचार। आखिर वही हुआ, जिसकी आशंका थी, कार्यदायी संस्था और अफसरों के दावों के बाद भी कुतुबखाना पुल का निर्माण 31 दिसंबर तक पूरा नहीं हो सका। अब एक और दावा किया जा रहा है, 31 जनवरी तक काम पूरा करने का, मगर जिस रफ्तार से काम चल रहा है, उसे देखकर नहीं लगता कि मार्च से पहले काम पूरा हो जाएगा। फिलहाल, डेडलाइन खत्म होने पर कार्यदायी संस्था पर जुर्माना डालने की तैयारी है।
पुल का निर्माण दो सितंबर 2022 को शुरू हुआ था। पहले जून 2023 तक काम पूरा करना था, लेकिन फिर अक्टूबर और इसके बाद दिसंबर 2023 तक का समय दिया गया। फर्म मंटेना इंफ्रासोल प्राइवेट लिमिटेड के एमडी से लिखवाकर लिया गया था कि 31 दिसंबर तक काम पूरा हो जाएगा। वहीं, पिछले दिनों बैठक में मंडलायुक्त सौम्या अग्रवाल के सामने स्मार्ट सिटी परियोजना और सेतु निगम के अफसरों ने भी यही दावा किया था। हालांकि, सेतु निगम के अफसरों का कहना है कि जिला अस्पताल रोड पर 95 फीसदी काम पूरा हो चुका है। कोहाड़ापीर रोड पर तंग सड़क पर भीड़भाड़ वाले इलाके में निर्माण रफ्तार नहीं पकड़ पा रहा है।
हमने कहा था, झूठा वादा कोई बड़ी बात नहीं
कोहाड़ापीर रोड के व्यापारी विजय, रवि, राजेश, दानिश का कहना है कि हमने पहले ही कहा दिया कि जब अफसर और नेता छह महीने में निर्माण पूरा कराने का हवाई वादा कर सकते हैं तो कार्यदायी संस्था के एमडी के लिए झूठा वादा करने कोई बड़ी बात नहीं। काम की यही रफ्तार रही तो बचा कारोबार पूरी तरह तबाह होना तय है।
दिल्ली-मुंबई की तर्ज पर होना चाहिए था निर्माण
व्यापारियों का कहना है कि जिस तरह दिल्ली-मुंबई में रात में भी सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखकर निर्माण कार्य चलता है। उसी तरह से अगर काम कराया जाता तो कारोबार चौपट होता और न ही आम लोगों को परेशानी होती। साथ ही तय समय सीमा में काम भी पूरा हो जाता।
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