बरेली: विधायकों ने कहा-योजनाओं में दलाल हावी...डीएम बोले-नाम बताएं होगी एफआईआर

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Published By Moazzam Beg
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बरेली, अमृत विचार। जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति (दिशा) की बैठक में शनिवार को जनप्रतिनिधियों ने अफसरशाही में भ्रष्टाचार, मनमानी, मनरेगा में क्षेत्र पंचायतों को कार्य नहीं मिलने समेत कई मुद्दे छाए रहे।

सांसद, ब्लॉक प्रमुखों और चेयरमैन ने अपने-अपने क्षेत्रों की समस्याएं गिनाकर अधिकारियों को जमकर घेरा। विधायकों ने योजनाओं में दलाल हावी होने की बात कही तो जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने कहा कि नाम बताएं, सभी पर एफआईआर कराई जाएगी।

विकास भवन सभागार में दोपहर 2 बजे के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सांसद संतोष गंगवार की अध्यक्षता में दिशा की बैठक शुरू हुई। बैठक में मीरगंज के ब्लॉक प्रमुख कृष्ण गोपाल और भदपुरा के ब्लॉक प्रमुख रवि गंगवार ने कहा कि मनरेगा की स्थिति बेहद खराब है। क्षेत्र पंचायतों को कार्य नहीं मिलता है। 

ब्लॉक प्रमुखों की बात का समर्थन करते हुए एमएलसी कुंवर महाराज सिंह ने कहा कि पूर्व में जिले में दौरे पर आए डिप्टी सीएम के सामने भी ब्लॉक प्रमुखों ने यह मामला उठाया था। उसके बाद भी ऐसी स्थिति ठीक नहीं है। बोले कि, क्या अब इस मामले को मुख्यमंत्री के सामने उठाया जाए। डीएम ने जनप्रतिनिधियों को आश्वासन देते हुए डीसी मनरेगा को ब्लॉकों से डीपीआर मंगाने के आदेश दिए। कहा कि डीपीआर मंगाइए। प्रस्तावों को मंजूरी दी जाएगी।

सुविधा शुल्क नहीं देने से कम आवास किए मंजूर
नगर पंचायत फतेहगंज पूर्वी के चेयरमैन संजय पाठक ने डूडा के आवास योजना में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया। कहा कि उनके क्षेत्र में सबसे कम आवास मंजूर हुए हैं। आरोप लगाया कि सुविधा शुल्क नहीं देने की वजह से आवास कम दिए गए हैं। अध्यक्ष की इस बात फरीदपुर विधायक प्रो. श्याम बिहारी विधायक श्याम बिहारी, मीरगंज डीसी वर्मा ने भी समर्थन करते हुए कहा कि दलाल हावी है। दलालाें को सुविधा शुल्क देने के बाद ही किश्त आती है। जिलाधिकारी ने कहा कि दलालों के नाम बताइए। एफआईआर कराकर कार्रवाई करेंगे। डीएम ने हाल ही में मुख्यालय स्थिति डूडा कार्यालय में छापा मारकर कार्रवाई का हवाला भी दिया।

कुतुबखाना पुल का निरीक्षण करेंगे जनप्रतिनिधि
सांसद संतोष गंगवार, वन मंत्री डॉ. अरुण कुमार, कैंट विधायक संजीव अग्रवाल ने कुतुबखाना पुल के निर्माण कार्य में हो रही देरी से लोगों को परेशानी का मुद्दा उठाया। अपर नगर आयुक्त ने आश्वासन दिया कि कार्य जनवरी तक पूरा हो जाएगा। बैठक में तय हुआ कि रविवार को दोपहर एक बजे जनप्रतिनिधि और अधिकारी कुतुबखाना पुल के चल रहे निर्माण कार्य का जायजा लेंगे। इसके अलावा बैठक में अधिकतर विधायकों ने जल जीवन मिशन योजना के तहत खोदकर डाली गईं जिले भर की सड़कों से लोगों को हाे रहीं दिक्कतों का मामला उठाया। पूर्व विधायक भोजीपुरा बहोरनलाल मौर्य ने क्षेत्र की टूटी-फूटी सड़कों का भी मुद्दा उठाया।

इन योजनाओं की भी हुई समीक्षा
बैठक में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, बेसिक शिक्षा, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना, विद्युत विभाग, राष्ट्रीय राजमार्ग, बाल विकास पुष्टाहार, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा आदि योजनाओं की भी समीक्षा की गई। सांसद आंवला धर्मेंद्र कश्यप, ब्लॉक प्रमुख, एसएसपी घुले सुशील चन्द्रभान, सीडीओ जग प्रवेश, सीएमओ डॉ. विश्राम सिंह, पीडी तेजवंत सिंह, अपर नगर आयुक्त अजीत कुमार सिंह, जिला विकास अधिकारी दिनेश कुमार यादव, डीसी मनरेगा मो. हसीब अंसारी, डीपीआरओ धर्मेंद्र कुमार मौजूद रहे।

आयुष्मान कार्ड के बाद मरीजों से वसूली का उठा मुद्दा
बैठक में विधायकों ने आयुष्मान कार्ड होने के बाद भी मरीजों से प्राइवेट अस्पतालों में इलाज के नाम की जा रही वसूली का मामला उठाया। विधायकों ने कहा कि यह ऐसा होना बहुत चिंताजनक है। पूर्व विधायक भोजीपुरा ने तो कई वसूली को लेकर कई अस्पतालों के नाम भी गिनाए। डीएम ने इस योजना में शामिल अस्पतालों की सूची जनप्रतिनिधियों को देने के आदेश दिए। विधायक ने इस दौरान कहा कि एक महिला ने आयुष्मान कार्ड लगाने के बाद भी अस्पताल को इलाज का दो लाख रुपये भुगतान किया। पैसे वापस कराने की बात कही। डीएम ने मामले में सीएमओ कार्रवाई के निर्देश दिए।

15 दिन में ठीक न हो सड़कें तो कराएं एफआईआर
नवाबगंज विधायक एमपी आर्या और फरीदपुर विधायक प्रो. श्याम बिहारी ने हाइडिल, जल निगम का मामला उठाया। डीएम ने कहा कि पानी सप्लाई शुरू होने के 15 दिन पहले अगर जल जीवन मिशन के तहत खोदी गईं सड़कों सही नहीं कराया और इसकी वजह से किसी की मौत हुई तो एफआईआर की जाएगी। 

वहीं, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की समीक्षा में बताया गया कि, पिछले वर्ष स्वीकृत हुए 22 कार्यों में से 14 कार्य पूरे हो चुके हैं। इस वर्ष कोई भी कार्य योजना स्वीकृत नहीं हुई है। डीएम ने अधिशासी अभियंता को सभी सड़कों का भ्रमण कर कमियों को चिन्हित कर 15 दिन में ठीक कराने का समय देने के आदेश दिए। कड़े शब्दों में डीएम ने कहा कि अगर इस अवधि में कार्य नहीं होता है तो केस दर्ज करा दें।

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