बड़ा बाईपास: तीन गांवों के समान मुआवजे की मांग, नहीं निकला कोई हल

बरेली, अमृत विचार। बड़ा बाईपास के निर्माण के दौरान अधिग्रहण हुई भूमि के मुआवजे के मामले में सर्किट हाउस में गुरुवार की दोपहर हुई महत्वपूर्ण बैठक में कोई हल नहीं निकला। किसान नेता ने तीन गांवों के समान 600 किसानों काे मुआवजा देने की मांग जोरशोर से उठाई।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के आदेश पर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के सदस्य प्रशासन एवं वरिष्ठ आईएएस विशाल चौहान गुरुवार को बरेली पहुंचे। उन्होंने सर्किट हाउस में पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सांसद संतोष गंगवार, वनमंत्री के प्रतिनिधि एडवोकेट अनिल सक्सेना, कमिश्नर सौम्या अग्रवाल, जिलाधिकारी रवींद्र कुमार, एनएचएआई के बरेली पीडी बीपी पाठक और मुरादाबाद पीडी के साथ बड़ा बाईपास के निर्माण में अधिग्रहण की गई भूमि के संबंध में अधिक दाम पर मुआवजा मांग रहे किसानों के मामले में डेढ़ घंटे तक बात की। अफसरों ने प्रत्येक बिंदु पर चर्चा की।
किसानों के मुआवजे के लिए कोर्ट जाने और तीन गांवों को अधिक मुआवजा देने के मुद्दे पर भी बातचीत की गई। इस बीच 600 किसानों को हक दिलाने के लिए संघर्ष कर रहे अखिल भारतीय किसान महासभा के जिलाध्यक्ष हरिनंदन सिंह पटेल को भी बैठक में वार्ता के लिए बुलाया गया। हरिनंदन सिंह, निरंजन सिंह के साथ बैठक में पहुंचे और उन्होंने किसानों की ओर से पूरी मांग रखी।
उन्होंने कहा कि परसाखेड़ा, ट्यूलिया और धंतिया गांव के किसानों को एनएचएआई की ओर से अधिक मुआवजा और अन्य गांवों के किसानों को कम दाम का मुआवजा दिया गया है। मुआवजा वितरण में विसंगति है इसलिए वे अपने हक के लिए पिछले 10 साल से संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने समान मुआवजा आवंटित करने की मांग उठाई। हरिनंदन सिंह ने तत्कालीन अफसरों पर भेदभाव करते हुए किसानों को मुआवजा आवंटित करने का आरोप लगाया।
अधिक सर्किल रेट देने की मांग दिल्ली में रखेंगे
विशाल चौहान ने मांगों को सुनने के बाद कहा कि अधिक सर्किल रेट पर मुआवजा देना हम सबके बस में नहीं है। मांगों को उच्चाधिकारियों के समक्ष दिल्ली में रखेंगे। इसके बाद एनएचएआई के बोर्ड में भी रखेंगे। करीब आधे घंटे तक बात सुनने के बाद हरिनंदन सिंह बैठक से बाहर आ गए। इसके बाद करीब आधे घंटे तक सभी अफसरों ने जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक की।
उच्च स्तरीय सूत्रों ने बताया कि बैठक में वरिष्ठ अफसरों ने हरिनंदन सिंह की मांगों को सुनने के बाद यह तय किया कि एनएचएआई के अधिकारी अब मुआवजा मांग रहे किसानों के साथ बैठक करेंगे कि आखिरकार वे क्या चाहते हैं ताकि सही बात निकलकर सामने आए। अगली बैठक जल्द तय करने की भी चर्चा हुई। इधर, किसान नेता हरिनंदन सिंह पटेल का कहना है कि उन्हें वनमंत्री के भाई अनिल सक्सेना ने बैठक के लिए आमंत्रित किया था। वह करीब 15 किसानों के साथ सर्किट हाउस पहुंचे थे।
पूरा मामला मुरादाबाद के पीडी देख रहे हैं
एनएचएआई के बरेली पीडी बीपी पाठक ने बताया कि यह पूरा प्रकरण मुरादाबाद एनएचएआई के अंडर में है। वहां के पीडी ही इसे देख रहे हैं। बैठक में सीनियर आईएएस विशाल चौहान के समक्ष काफी बिंदुओं पर चर्चा हुई। हरिनंदन सिंह की भी बात सुनी गई। यह मामला एक बैठक में हल होने वाला नहीं है।
दिल्ली में किसान नेताओं 18 अक्टूबर को हुई थी नितिन गडकरी से मुलाकात
18 अक्टूबर को दिल्ली में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और एनएचएआई के वरिष्ठ अफसरों के साथ किसान नेता हरिनंदन सिंह पटेल और अन्य किसानों की बातचीत हुई थी। गडकरी ने मामले को कोर्ट के बाहर निपटवाने के साथ स्पष्ट रूप से एनएचएआई को निर्देश दिए कि किसानों के प्रति सहानुभूति रखते हुए मामले को सुलझाएं। नितिन गडकरी के निर्देश पर ही सीनियर आईएएस विशाल चौहान बरेली पहुंचे थे।
धरना देने के दौरान किसानों के साथ हुई थी मारपीट
17 दिसंबर की देर शाम भूमि के मुआवजे के लिए सांसद संतोष गंगवार के कार्यालय के बाहर धरना देने के दौरान किसानों के साथ पुलिस की मौजूदगी में कुछ लोगों ने मारपीट की थी। टेंट उखाड़कर फेंक दिया था। महिलाओं के साथ भी धक्कामुक्की हुई थी। इस घटना के बाद किसानों ने कलेक्ट्रेट में भी ज्ञापन दिया और आमसभा कर घटना की निंदा की थी।
यह है पूरा मामला
रजऊ परसपुर से परसाखेड़ा तक करीब 32.5 किलोमीटर लंबा बड़ा बाईपास 2013 में बनाया गया था। इसे बनाने के लिए 33 गांवों के करीब हजारों किसानों की जमीन अधिग्रहीत की गई थी। इनमें करीब छह सौ किसानों ने विसंगतियों के कारण मुआवजा नहीं लिया। वे 10 साल से मुआवजा अधिक सर्किल रेट के अनुसार मांग रहे हैं।
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