पैर में गोली लगने से कैसे मर सकता है कोई ? उसके जाने के बाद कैसे जीऊंगी पापा, 40 राउंड फायरिंग और डॉक्टरों ने कर दिया मृत घोषित

पैर में गोली लगने से कैसे मर सकता है कोई ? उसके जाने के बाद कैसे जीऊंगी पापा, 40 राउंड फायरिंग और डॉक्टरों ने कर दिया मृत घोषित

अमृत विचार कानपुर। हिस्ट्रीशीटर अशोक उर्फ मुनुआं यादव के हमले में जख्मी सिपाही सचिन की मौत से पुलिस महकमे में गम और गुस्से का माहौल है। अशोक और उसके बेटी की ओर से सोमवार को की गई ताबड़तोड़ 40 राउंड फायरिंग में सचिन के बाएं पैर में गोली लगने से गंभीर रूप से घायल सचिन राठी की इलाज के दौरान काकादेव थानाक्षेत्र में स्थित निजी अस्पताल में देर रात 12.50 मिनट पर डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। परिजनों को जैसे ही मौत की जानकारी हुई तो महकमे में हड़कंप मच गया। घटना की सूचना पुलिस के आलाधिकारियों को दी गई। 

 मंगलवार को अस्पताल से कागजी कार्रवाई पूरी करने के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। इसके बाद जैसे ही सिपाही के पार्थिव शरीर को एंबुलेंस से भेजा जाने लगा तो सचिन की होने वाली पत्नी कोमल बदहवास हो गईं। कोमल भी सिपाही हैं और कन्नौज के सौरिख थाने में तैनात हैं। पांच फरवरी को उनकी शादी होने वाली थी। कोमल, सचिन का चेहरा देखने को व्याकुल दिखीं। मंगेतर के पिता का हाथ पकड़कर रोते हुए बोलीं वो चला गया कैसे जीऊंगी पापा। इस पर वहां मौजूद अन्य लोगों की आंखें भी भर आईं।

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शहीद सिपाही को अपना कंधा लगाकर ले जाते हुए पुलिस विभाग के उच्च अधिकारी-फोटो अमृत विचार

 

अस्पताल से वह लोग सब पोस्टमार्टम हाउस के बाहर पहुंचे और पोस्टमार्टम होने तक कार में ही बैठे रहे। लाइट चली जाने के कारण पोस्टमार्टम में देरी हुई। इसके बाद करीब ढाई घंटे बाद जब पार्थिव शरीर को ले जाया जाने लगा तो कार में बैठकर पुलिसकर्मियों की हलचल देखकर कोमल बाहर आ गईं। शहीद सिपाही के पिता जब तक उन्हें संभालते वह पुलिसकर्मियों से गाड़ी रोकने के लिए कहने लगीं। घटना से आक्रोशित कोमल ने तुरंत पार्थिव शरीर ले जाने वाली एंबुलेंस को रोकने के लिए अड़ गईं। जब तक परिजन उन्हें संभालते उनकी सिपाहियों से नोकझोंक शुरू हो गई।

कोमल का साफ कहना था कि पहले ये बताओ पैर में गोली लगने से वो कैसे मर सकता है। किसी तरह शहीद सचिन के पिता के मनाने के बाद कार में बैठीं। थोड़ी देर बार फिर बोलीं बैठा लो गाड़ी में लेकिन मैं चलती गाड़ी से कूद जाऊंगी। इस दौरान कुछ देर तक वहां पर अफरातफरी की स्थिति बनी रही। इसके बाद ठठिया थाने की फोर्स पार्थिव शरीर को लेकर कन्नौज के लिए रवाना हो गई। 

अधिक रक्तसत्राव से मौत होना बताया

पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर बिधनू सीएचसी के डॉक्टर राजेश सिंह ने बताया कि सिपाही के बाईं जांघ में गोली लगी थी। जिसके कारण उसकी नसें फट गईं थीं। अधिक रक्तस्त्राव के कारण उसकी जान चली गई। घटना के बाद पुलिस तुरंत सिपाही को लेकर कानपुर के निजी अस्पताल लेकर पहुंची जहां ऑपरेशन में गोली निकाल ली गई थी। लेकिन इसके बाद भी खून बहना बंद नहीं हो रहा था। इससे हालत बिगड़ती गई और उसने दम तोड़ दिया। 

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सिपाही की शहादत से दुखी हुए पुलिस अधिकारी, अंतिम दर्शन को उमड़ी भीड़, श्रद्धांजलि दी गई-फोटो अमृत विचार
 
5 फरवरी में होनी थी शादी

हिस्ट्रीशीटर की अंधाधुंध फायरिंग में घायल सिपाही सचिन राठी की शहादत के बाद महकमे में गम का माहौल है। 29 वर्ष के सचिन 2019 में पुलिस में भर्ती हुए थे। उन्हें पहली तैनाती कन्नौज के सौरिख थाने में मिली। इसके बाद उन्हें विशुनगढ़ थाना भेजा गया। सचिन की शादी 5 फरवरी को महिला कॉन्स्टेबल कोमल के साथ होनी थी। 

इतनी बड़ी वारदात के बाद भी नहीं पहुंचा कोई बड़ा अफसर

बिकरू कांड के बाद दूसरी इस वारदात ने पुलिस महकमे को हिला कर रख दिया। हालांकि, कन्नौज पुलिस कमिश्नरेट में नहीं आता है। लेकिन कानपुर परिक्षेत्र की सीमा में होने के कारण एडीजी आलोक सिंह और आईजी प्रशांत कुमार घटना हर घटना पर मौके पर पहुंचते हैं। इस घटना के बाद पोस्टमार्टम हाउस में कन्नौज के सीओ के अलावा कोई भी परिक्षेत्र का बड़ा अफसर नहीं पहुंचता। इससे कहीं न कहीं परिजनों और साथी पुलिस कर्मियों रोष व्याप्त था।  कन्नौज से आए साथी पुलिसकर्मियों में भारी रोष देखने को मिला। उनके चेहरे पर साथी की मौत का दर्द झलकता दिखा। हालांकि, उन लोगों ने मीडियाकर्मियों से बात नहीं की लेकिन वह लोग सुबह से ही एक पैर पर खड़े रहकर जल्द से जल्द पोस्टमार्टम कराने के साथ पार्थिव शरीर को कन्नौज सलामी के लिए ले जाना चाहते थे। पोस्टमार्टम होने के बाद जैसे ही पार्थिव शरीर बाहर आया तो कुछ पुलिस कर्मियों के आंखों में आंसू दिखे।     

जवान बेटे की शहादत से नि:शब्द थे वेदपाल 

सिपाही सचिन राठी की शहादत के बाद काकादेव थानाक्षेत्र के एक अस्पताल से कागजी कार्रवाई करने के बाद पार्थिव शरीर को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। इसके बाद रोते बिलखते पिता वेद पाल राठी मृतक की मंगेतर कोमल के साथ पोस्टमार्टम हाउस आए। वह करीब दो घंटे तक कार में ही बैठे रहे लेकिन बाहर नहीं आए न चाचा को छोड़कर कोई भी पोस्टमार्टम हाउस के अंदर गया।  बेटे की शहादत का गर्व तो उन्हें था पर वे जवान बेटे की मौत से इतने दुखी थे कि कुछ बोल ही नहीं पा रहे थे। आंखों से आंसू बह रहा था पर जुबां खामोश थी। 

लाइट न होने की वजह से रुका रहा पोस्टमार्टम
सिपाही सचिन का पोस्टमार्टम करने के लिए जैसे ही प्रभारी पोस्टमार्टम नवनीत चौधरी और बिधनू के डॉक्टर राजेश सिंह ने तैयारी की तो लाइट चली गई। इस दौरान अस्थायी कर्मचारी अमित ने बताया कि लाइट चली जाने की वजह से पोस्टमार्टम रोका गया है। उसने बताया कि कुछ ही देर बाद लाइट आ गई। लेकिन और कर्मचारियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि एक घंटे तक काम प्रभावित रहा है।
  
बसने से पहले उजड़ गया संसार

पार्थिव शरीर को एंबुलेंस से कन्नौज पुलिस लाइन ले जाया जाने लगा तो पोस्टमार्टम हाउस से कुछ आगे कार में बैठीं कोमल और पिता वेद पाल राठी कार से बाहर आ गए। कोमल ने हंगामा काटा। बोलीं बसने से पहले उनका संसार उजड़ गया। फोर्स, परिजन, मीडियाकर्मियों का जमघट लग गया। इस दौरान करीब दस मिनट तक वहां पर जाम लग गया।

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