UP: Chitrakoot पहुंची राज्यपाल आनंदीबेन पटेल... जिला जेल का निरीक्षण कर टेस्ट किया खाना, जेल में पाठशाला लगाई
राज्यपाल उत्तर प्रदेश आनंदीबेन पटेल चित्रकूट पहुंचीं।

राज्यपाल उत्तर प्रदेश आनंदीबेन पटेल चित्रकूट पहुंचीं। जहां उन्होंने जिला कारागार रगौली का निरीक्षण किया। राज्यपाल ने जिला कारागार में खाना बना रहे कुक से खाना टेस्ट करने को लेकर चम्मच भी मांगा।
चित्रकूट, अमृत विचार। अपने दो दिवसीय कार्यक्रम के तहत राज्यपाल आनंदी बेन पटेल बुधवार को चित्रकूट पहुंची। राज्यपाल ने जिला जेल का विधिवत् मुआयना किया। बंदी महिलाओं से बात की और उपहार भी दिए।
जेल परिसर का मुआयना किया। बंदी महिलाओं को शिक्षा का महत्व बताते हुए राज्यपाल ने उनको स्मार्ट बोर्ड पर लिखकर भी समझाया। राज्यपाल आंगनबाड़ी केंद्र कसहाई गईं और वहां अन्नप्राशन और गोदभराई कार्यक्रम में हिस्सा लिया।
राज्यपाल अपने निर्धारित कार्यक्रम के तहत बुधवार को प्रयागराज में हेलीपैड से कार द्वारा कौशांबी, राजापुर होते हुए चित्रकूट पहुंची। राज्यपाल का यह चित्रकूट (उप्र) का पहला दौरा है। इसके पूर्व वह मप्र की राज्यपाल रहते हुए ग्रामोदय विवि के दीक्षांत समारोह में आई थीं। उन्होंने सबसे पहले जिला जेल का मुआयना किया।
अपराह्न लगभग सवा बारह बजे जिला कारागर पहुंचीं राज्यपाल ने यहां एक घंटे से अधिक का समय बिताया। जिला जेल में उनका मुख्य कार्यक्रम महिला बंदियों से संवाद कर उनका हालचाल जानना था। इस मौके पर राज्यपाल ने जिलाधिकारी अभिषेक आनंद और पुलिस अधीक्षक वृंदा शुक्ला को निर्देश दिए कि महिलाओं के प्रति अपराध रोकने के लिए स्थानीय स्तर पर न्याय समितियां गठित की जाएं।
राज्यपाल ने सुझाव दिया कि छात्राओं का समय-समय पर इन महिलाओं से संवाद कराएं। स्वस्थ मनोरंजन के लिए रस्साकशी, म्यूजिकल चेयर जैसी प्रतियोगिताएं कारागार में कराई जाएं। बंदी महिलाओं से राज्यपाल ने वार्तालाप किया और पूछा कि कोई समस्या तो नहीं। उन्होंने बंदी महिलाओं के बच्चों को दुलार किया और जेल प्रशासन को निर्देश दिए कि इनको हर तरह का पौष्टिक आहार उपलब्ध कराया जाए।
राज्यपाल ने इस दौरान गीजर, शाल, पुस्तकें, डिजिटल बोर्ड और उपहार भी दिए। राज्यपाल को महिलाओं ने बताया कि यहां अगरबत्ती बनाने व सिलाई बुनाई का समय समय पर प्रशिक्षण दिया जाता है। जेल में राज्यपाल ने महिला बंदियों के बीच पाठशाला लगाई। स्मार्ट बोर्ड में लिख कर भी समझाया और पढ़ाई लिखाई का महत्व बताया।
महिला बंदियों से दिखाया अपनत्व
राज्यपाल ने महिला बंदियों से अपनत्व दिखाया और उनके परिवार के बारे में पूछा। किसी से पूछा कि घर में कितने सदस्य हैं, कितनी बहुएं हैं तो किसी को समझाया कि अच्छा व्यवहार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि टकराव नहीं होना चाहिए। छोटी-छोटी गलतियों को माफ करना सीखें। उन्होंने कहा कि पति, सास जब परेशान करे तो थाने में शिकायत करें। बताया कि प्रधानमंत्री की प्रेरणा से छोटे-छोटे झगड़ों के निपटारे के लिए गुजरात में नारी अदालत की परिकल्पना साकार की गई है। उन्होंने कहा कि बाल विवाह रुकवाने के लिए पुलिस को सूचना दें। भगवान राम की पावन भूमि पर ऐसी घटनाएं न हों।
जिला जेल में छात्राएं भी रहीं मौजूद
इस अवसर के लिए गोस्वामी तुलसीदास राजकीय महाविद्यालय की छात्राओं को भी प्राचार्य के साथ कारागार में आमंत्रित किया गया था। छात्राओं को निर्देशित किया गया था कि दौरे से पहले ही महिला बंदियों से संवाद करके जानें कि किन परिस्थितियों में उनसे अपराध हुआ, उनकी पारिवारिक दशा क्या है, अपराध करने के बाद उन पर क्या प्रभाव पड़ा, जेल में उनके स्वास्थ्य सुधार और पुनर्वास की क्या व्यवस्थाएं हैं। छात्राओं ने राज्यपाल से महिला बंदियों से मिली जानकारी साझा की। इस अवसर पर मंडलायुक्त बालकृष्ण त्रिपाठी, पुलिस महानिरीक्षक कारागार राजेश कुमार श्रीवास्तव, सीएमओ, बीएसए आदि अधिकारी मौजूद रहे।
महिला बंदियों को दिया संदेश.
राज्यपाल ने कारागार में महिला बंदियों को पढ़ाई लिखाई के लिए स्मार्ट बोर्ड भी भेंट किया। इस पर उन्होंने संदेश भी लिखा, बच्चों की पढ़ाई कराइए, बच्चों को अच्छा संस्कार दीजिए, घर में शांति, समृद्धि बनी रहे, ऐसी कामना करती हूं।
खाने की गुणवत्ता भी देखी
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने जिला कारागार में कैदियों को दिए जाने वाले खाने की गुणवत्ता को लेकर भी निर्देश दिए। राज्यपाल ने जिला कारागार में खाना बना रहे युवक से भोजन की गुणवत्ता जानने के लिए चम्मच भी मांगा। इस दौरान पुलिस अधीक्षक वृंदा शुक्ला ने उनको कारागार में बनने वाले खाने के संबंध में जानकारी दी। राज्यपाल ने कुक से बनने वाले खाने के बारे में पूछा। राज्यपाल ने आटा छूकर देखा। जिस पात्र में लोई रखी थीं, उसके बारे में पूछा कि इसे रोज साफ किया जाता है कि कभी कोई आता है तभी साफ करते हो।
आंगनबाड़ी केंद्र को भी देखा
राज्यपाल इसके बाद कसहाई के आंगनबाड़ी केंद्र पहुंचीं। यहां उन्होंने वहां बच्चों को दुलार किया, चाकलेट भी बांटीं। अधिकारियों को निर्देश दिए कि उनकी पढ़ाई का समुचित ध्यान रखा जाए। महिलाओं को पोषण किट दी। कई महिलाओं की गोद भराई भी की। राज्यपाल ने सैम मैम बच्चों की जानकारी ली। रसोई देखी और खाने के बारे में भी पूछा।
स्टाल का भी किया मुआयना
राज्यपाल ने कसहाई में रूर्बन मिशन के तहत बने बारात घर में लगी स्टॉल देखी। निर्देश दिए कि हर घर में आयुष्मान कार्ड होना चाहिए। प्रधानमंत्री का उद्देश्य है कि विकसित भारत संकल्प यात्रा के तहत कोई भी लाभार्थी न छूटे। उन्होंने विकसित भारत यात्रा के कैलेंडर भी वितरित किए। इस मौके पर सीआईसी की छात्राओं ने स्वागत गीत गाया। उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा ध्यान आंगनबाड़ी केंद्रों पर होना चाहिए। कोऑपरेटिव बैंक के अध्यक्ष पंकज अग्रवाल ने इस अवसर पर आंगनबाड़ी केंद्र को 50,000 रुपये दिए। जिलाधिकारी अभिषेक आनंद, मुख्य विकास अधिकारी अमृतपाल कौर, अपर जिलाधिकारी वंदिता श्रीवास्तव, भाजपा जिलाध्यक्ष लवकुश चतुर्वेदी आदि मौजूद रहे।
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