पीएम मोदी ने ‘सूरत डायमंड बोर्स’ का किया उद्घाटन, जानें दुनिया की सबसे बड़ी इमारत के बारे में सब कुछ
सूरत (गुजरात)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात में दुनिया के सबसे बड़े कॉर्पोरेट ऑफिस हब ‘सूरत डायमंड बोर्स’ (एसडीबी) का रविवार को उद्घाटन किया। यह डायमंड बोर्स 35.54 एकड़ के विशाल क्षेत्र में सेंट्रल बिजनेस डिस्ट्रिक्ट (सीबीडी) और सामाजिक, व्यापारिक एवं शैक्षणिक ढांचागत सुविधाओं के साथ अति महत्वाकांक्षी ‘सूरत ड्रीम सिटी’ के एक हिस्से के रूप में बना है।
करीब 3400 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से निर्मित दुनिया के सबसे बड़े कॉर्पोरेट ऑफिस हब की शुरुआत के अवसर पर राज्य के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल सहित केंद्र और राज्य के मंत्री, डायमंड बोर्स के चेयरमैन वल्लभभाई लखाणी, निदेशक मथुरभाई सवाणी, गोविंदभाई धोलकिया, लालजीभाई पटेल, सूरत डायमंड इंस्टीट्यूट के चेयरमैन दिनेशभाई नावड़िया और बोर्स कमेटी के सदस्यों सहित हीरा उद्योग के दिग्गज मौजूद रहे। डायमंड मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में सूरत विश्व प्रसिद्ध है, तब इस बोर्स के साकार होने पर सूरत अब डायमंड ट्रेडिंग का भी हब बन जाएगा।
A symbol of steadfast commitment to excellence in the realm of precious gems, the Surat Diamond Bourse is a game-changer for the country’s economy. https://t.co/bsldYuYRjk
— Narendra Modi (@narendramodi) December 17, 2023
इसके साथ ही सूरत की विकास गाथा में एक और अध्याय जुड़ जाएगा। बोर्स बनाने का मुख्य उद्देश्य भारत से हीरा, जेम्स और ज्वैलरी के आयात-निर्यात और व्यापार को बढ़ावा देना है, साथ ही डायमंड प्रोडक्शन और बिजनेस से जुड़ी छोटी-बड़ी कंपनियों और एमएसएमई को अत्याधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर एवं डायमंड ट्रेडिंग का ग्लोबल प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराना है।
In Surat tomorrow, the Surat Diamond Bourse will be inaugurated. This will be a major boost to the diamonds industry. The ‘Customs Clearance House’, Jewellery Mall and facility of International Banking and Safe Vaults will be significant parts of the Bourse. pic.twitter.com/rJxwGxmCJb
— Narendra Modi (@narendramodi) December 16, 2023
गुजरात की पूर्व मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने फरवरी 2015 में एसडीबी और ड्रीम सिटी परियोजना की नींव रखी थी। एक विज्ञप्ति के अनुसार, एसडीबी अब दुनिया का सबसे बड़ा कार्यालय भवन है जिसमें करीब 4,500 हीरा व्यापार कार्यालय हैं। यह विशाल इमारत ड्रीम सिटी के भीतर 35.54 एकड़ जमीन पर बनी है जिसमें 300 वर्ग फुट से लेकर एक लाख वर्ग फुट तक के कार्यालयों के साथ 15 मंजिल वाले नौ टावर हैं।
इस बोर्स के निर्माण से दुनिया के 175 देशों के व्यापारियों को सूरत में पॉलिश्ड डायमंड की खरीदी करने का एक अनूठा प्लेटफॉर्म मिलेगा। खास बात यह है कि इस विश्व स्तरीय प्रोजेक्ट को किसी एक व्यक्ति या कंपनी ने नहीं बल्कि 4200 व्यापारियों ने साथ मिलकर साकार किया है। इससे पहले दुनिया की सबसे बड़ी ऑफिस बिल्डिंग का खिताब अमेरिकी रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन के नाम पर था, लेकिन अब दुनिया की सबसे बड़ी ऑफिस बिल्डिंग का स्थान गुजरात के सूरत में 67 लाख वर्ग फुट में निर्मित डायमंड बोर्स बिल्डिंग ने ले लिया है।
इतना ही नहीं, नौ टॉवरों में फैली यह बिल्डिंग ग्रीन बिल्डिंग है, जिसे इनोवेशन तथा ग्रीन एनर्जी में सर्वोच्च ‘प्लेटिनम ग्रेडेशन’ प्राप्त हुआ है। इसके साथ ही यहां दुनिया में श्रेष्ठ सारी सुविधाएं भी मुहैया कराई गई हैं। दुनिया की सबसे ऊंची सरदार पटेल साहेब की प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’, सबसे बड़ा सोलर रिन्यूएबल एनर्जी पार्क-चारणका और अहमदाबाद में दुनिया के सबसे बड़े नरेन्द्र मोदी क्रिकेट स्टेडियम जैसे अनेक आयामों से गुजरात की एक विशिष्ट पहचान बनी है।
इसी तरह अब सूरत का डायमंड बोर्स दुनिया का सबसे विशाल कॉर्पोरेट ऑफिस हब बनेगा। यहां देश और दुनिया के हीरा कारोबारियों को एक नया विश्व स्तरीय व्यापार केंद्र मिलेगा, जिसका सीधा लाभ राज्य और देश की अर्थव्यवस्था को मिलेगा साथ ही इससे हजारों लोगों को रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे। डायमंड बोर्स दुनिया की सबसे बड़ी इंटरकनेक्टेड बिल्डिंग है। बोर्स की 4500 से अधिक ऑफिसें एक-दूसरे के साथ जुड़ी हुई हैं।
यहां दुनिया भर के डायमंड रॉ-मैटेरियल की नीलामी, रफ, कट और पॉलिश किए गए हीरे, स्टटेड ज्वैलरी, डायमंड, गोल्ड, सिल्वर और प्लेटिनम ज्वैलरी सहित हाई वैल्यू गुड्स बड़ी मात्रा में खरीद-बिक्री के लिए उपलब्ध होंगे। यहां 27 इंटरनेशनल ज्वैलरी शो रूम बनेंगे, जिसमें देश-विदेश से आने वाले व्यापारी तथा उनके परिजन डायमंड ज्वैलरी खरीद सकेंगे।
सूरत के हीरा उद्योग में सालाना दो लाख करोड़ रुपए का कारोबार होता है, डायमंड बोर्स के साकार होने से यह आंकड़ा बढ़कर चार लाख करोड़ रुपए होने की संभावना है अर्थात केवल एसडीबी के जरिए ही सालाना दो लाख करोड़ रुपए का व्यापार होगा। इससे राज्य और केंद्र सरकार को टैक्स की आय में बड़ा लाभ होगा। डायमंड बोर्स में 131 हाई स्पीड लिफ्ट लगाई गई हैं, जिनकी स्पीड प्रति सैकेंड तीन मीटर की है। अत्याधुनिक डेस्टिनेशन कंट्रोल सिस्टम के जरिए लिफ्ट का मैनेजमेंट होगा, इससे किसी भी व्यक्ति को 16वीं मंजिल तक पहुंचने में केवल तीन मिनट लगेंगे। 35.54 एकड़ में फैले इस पूरे बोर्स परिसर के 15 एकड़ क्षेत्र में पंच तत्व की थीम पर आधारित केवल गार्डन एरिया है।
यह उद्यान वास्तु शास्त्र के अनुसार नौ ग्रहों के अधीन बनाया गया है। यहां हर ऑफिस को सूर्य की रोशनी मिलेगी। आदर्श वास्तु शास्त्र के अनुसार दो टॉवरों के बीच पर्याप्त दूरी होने के कारण सभी ऑफिसों को पर्याप्त हवा और सूर्य प्रकाश मिलेगा। कोई भी व्यक्ति, व्यापारी या आगंतुक बोर्स के नौ टॉवरों में से चाहे किसी भी टॉवर में प्रवेश करे, उसे किसी भी ऑफिस में पहुंचने के लिए केवल तीन मिनट लगेंगे।
एसडीबी बनेगा डायमंड के अंतरराष्ट्रीय व्यापार का केंद्र बिंदु और व्यापारियों को मिलेंगी बहुआयामी सुविधाएं: 65 लाख वर्ग फुट क्षेत्र में निर्मित सूरत डायमंड बोर्स में विशाल एंट्री गेट और रिसेप्शन, सिक्योरिटी सर्विलांस तथा कंट्रोल रूम, ट्रेडिंग हॉल, सेल्फ डिपॉजिट वोल्ट, म्यूजियम, फूड जोन, बैंक, कस्टम ऑफिस, एम्फी थियेटर, मनी ट्रांसफर डेस्क, ट्रैवल डेस्क, रीटेल जोन, ऑक्शन हाउस, सिक्योरिटी कंट्रोल रूम और डायमंड क्लब जैसी बहुआयामी सुविधाएं विकसित की गई हैं। बोर्स में 300 वर्ग फुट से लेकर 1,00,000 वर्ग फुट क्षेत्र वाली अलग-अलग साइज की ऑफिसें बनी हैं। बोर्स में दो बेजमेंट, ग्राउंड फ्लोर के अलावा 15 मंजिलों वाले कुल नौ टॉवर बने हैं।
बोर्स के विशाल परिसर में 11,000 टू-व्हील और 5100 फोर व्हील गाड़ियों के लिए पार्किंग सुविधा है। पॉलिश्ड और रफ डायमंड ऑक्शन के लिए ऑक्शन हाउस की सुविधा, इजरायल की सी-फोर-आई टेक्नोलॉजी युक्त, सेंट्रल कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से संचालित और 4000 से अधिक सीसीटीवी कैमरों के साथ हाईटेक एडवांस सिक्योरिटी सिस्टम के जरिए इस इमारत में अभेद्य सुरक्षा कवच तैयार किया गया है। दुनिया के हर 10 में से आठ हीरों की कटिंग और पॉलिशिंग सूरत में होती है हीरा उत्पादन में सूरत शहर वैश्विक एपिसेंटर है।
भारत के कुल हीरा निर्यात में गुजरात की हिस्सेदारी 80 फीसदी है। गुजरात के 90 फीसदी हीरे की कटिंग और पॉलिशिंग सूरत में होती है। हीरा उद्योग प्रत्यक्ष रूप से नौ लाख से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान करता है, इसलिए ही सूरत को ‘सिल्क सिटी स्पार्कलिंग विद डायमंड’ कहा जाता है।
वैश्विक नजराना बने सूरत डायमंड बोर्स (एसडीबी) की एक झलक: 67,000 लोगों, व्यापारियों और आगंतुकों के काम करने और आने-जाने की समायोजन क्षमता, हाई सिक्योरिटी चेकपॉइंट्स, पब्लिक अनाउंसमेंट सिस्टम, एंट्री गेट पर कार स्कैनर्स, 67 लाख वर्गफुट में निर्माण कार्य और 4500 से अधिक डायमंड ट्रेडिंग की ऑफिसें, बिल्डिंग यूटिलिटी सर्विसेज की निगरानी और नियंत्रण के लिए बिल्डिंग मैनेजमेंट सिस्टम (बीएमएस), 300 वर्ग फुट से 1,00,000 वर्ग फुट तक की अलग-अलग आकार वाली ऑफिसें, प्रत्येक टॉवर को प्रत्येक मंजल से कनेक्ट करने वाले स्ट्रक्चर ‘स्पैन’ की लंबाई 1407 फुट और चौड़ाई कम से कम 24 फुट, आयात-निर्यात के लिए कस्टम क्लीयरेंस हाउस की सुविधा, स्पैन में चार अलग-अग सेफ (लॉकर) वोल्ट की सुविधा है।
प्रत्येक ऑफिस से गार्डन व्यू, स्पैन के कॉमन पैसेज को ठंडा रखने के लिए रेडिएंट कूलिंग सिस्टम (3,40,000 रनिंग मीटर पाइप), ग्राउंड फ्लोर पर सदस्यों के लिए बैंक, रेस्टोरेन्ट, डायमंड लैब आदि की सुविधाएं, संपूर्ण एलिवेशनः चारों ओर से ग्रेनाइट और कांच से कवर, फ्लोर हाइटः ग्राउंड फ्लोर-21 फुट, ऑफिस-13 फुट, मेन सेरेमोनियल एंट्री की ऊंचाई 229 फुट, इलेक्ट्रिकल सिस्टम में केबल के स्थान पर बसबार ट्रंकिंग सिस्टम (बीबीटी) का उपयोग, यूटिलिटी सर्विस के लिए अलग बिल्डिंग की व्यवस्था, सेंट्रलाइज्ड कूलिंग सिस्टम (चिलर एंड कूलिंग टावर), प्रत्येक दो टॉवरों के बीच 6,000 वर्ग मीटर क्षेत्र में गार्डनः स्पैन में प्रत्येक फ्लोर पर गार्डन युक्त एट्रीयम, प्रत्येक टावर में लग्जुरियस एंट्रेंस फोयर, एक्सेस कंट्रोल सिस्टम – टचलेस और कार्डलेस, 54,000 मीट्रिक टन लोहे के सरिये का उपयोग, पांच लाख क्यूबिक मीटर कंक्रीट का उपयोग, 11.25 लाख वर्ग फुट एलिवेशन ग्लास, 12 लाख रनिंग मीटर, इलेक्ट्रिकल और आईटी फाइबर वायर, 5.50 लाख रनिंग मीटर एचवीएसी, फायर फाइटिंग और प्लम्बिंग पाइप, पांच एंट्री, पांच एग्जिट और सात पेडेस्ट्रियन गेट हैं।
क्या है सूरत डायमंड बोर्स?
सूरत डायमंड बोर्स (SDB) एक प्लान डायमंड ट्रेडिंग बिजनेस सेंटर है, जिसकी स्थापना डायमंड ट्रेडिंग बिजनेस को मुंबई से सूरत शिफ्ट करने के लिए की गई है। मौजूदा समय में सूरत डायमंड पोलिश और कटिंग का हब है और अभी सूरत में डायमंड ट्रेडिंग महिधरपरा हीरा बाजार और वराछा हीरा बाजार में होती है। जहां व्यापारी बिना किसी सुरक्षा के सड़क पर ही खुले में लेनदेन करते हैं। इस कारण से एक बड़ी संख्या में डायमंड ट्रेडिंग मुंबई के बीकेसी यानी बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स में होती है। जहां इंटरनेशनल बायर्स के साथ कई आधुनिक सुविधाएं भी मौजूद हैं।
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