सीतारमण ने जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरणों के अध्यक्ष और सदस्यों की आयु सीमा बढ़ाने के लिए विधेयक किया पेश 

सीतारमण ने जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरणों के अध्यक्ष और सदस्यों की आयु सीमा बढ़ाने के लिए विधेयक किया पेश 

नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के अपीलीय न्यायाधिकरणों के अध्यक्ष और सदस्यों की आयु सीमा बढ़ाने के लिए बुधवार को लोकसभा में एक विधेयक पेश किया। 

केंद्रीय माल और सेवा कर (दूसरा संशोधन) विधेयक, 2023 में जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण (जीएसटीएटी) के अध्यक्ष और सदस्यों के लिए आयु सीमा क्रमशः बढ़ाकर 70 वर्ष और 67 वर्ष करने के प्रावधान किये गये हैं। अभी यह आयु सीमा क्रमश: 67 वर्ष और 65 वर्ष है। अपीलीय न्यायाधिकरण में अप्रत्यक्ष करों से संबंधित मामलों में मुकदमेबाजी में 10 साल का 'पर्याप्त अनुभव' रखने वाला एक वकील जीएसटीएटी के न्यायिक सदस्य के रूप में नियुक्त होने के लिए पात्र होगा। 

संशोधन के अनुसार, जीएसटीएटी के अध्यक्ष और न्यायिक एवं तकनीकी सदस्य चार साल तक या क्रमशः 70 वर्ष और 67 वर्ष की आयु प्राप्त करने तक (जो भी पहले हो) पद पर बने रहेंगे। सरकार की ओर से पहले अधिसूचित नियमों में जीएसटीएटी के अध्यक्ष और सदस्यों के लिए आयु सीमा क्रमशः 67 वर्ष और 65 वर्ष निर्धारित की गई थी। सीतारमण की अध्यक्षता और सभी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के वित्त मंत्रियों वाली जीएसटी परिषद ने अक्टूबर में आयु मानदंड में बदलाव को मंजूरी दी थी। 

संशोधित विधेयक के कानून बनने के बाद, जीएसटीएटी के अध्यक्ष और सदस्यों को क्रमशः 70 और 67 वर्ष की आयु सीमा तक दो साल की अवधि के लिए पुनर्नियुक्ति मिल सकेगी। संसद ने मार्च में जीएसटी अधिनियम में संशोधन को मंजूरी दे दी थी, जिससे केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर अपीलीय न्यायाधिकरण (जीएसटीएटी) का गठन संभव हो सका। इसके बाद, जीएसटीएटी को 31 जुलाई को अधिसूचित किया गया था। विधेयक में कहा गया है कि 50 वर्ष से कम उम्र का व्यक्ति अध्यक्ष या सदस्य के रूप में नियुक्ति का पात्र नहीं होगा। 

अधिसूचना के अनुसार, गुजरात और केंद्रशासित प्रदेशों - दादरा एवं नगर हवेली, तथा दमन एवं दीव - में जीएसटीएटी की दो तथा गोवा और महाराष्ट्र को मिलाकर तीन पीठ होंगी। कर्नाटक और राजस्थान में दो-दो, जबकि उत्तर प्रदेश में तीन पीठ होंगी। पश्चिम बंगाल, सिक्किम, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह; तमिलनाडु और पुडुचेरी में दो-दो जीएसटीएटी पीठ, जबकि केरल और लक्षद्वीप में एक-एक पीठ होगी। पूर्वोत्तर के सात राज्यों- अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड और त्रिपुरा- में एक-एक पीठ होगी। अन्य सभी राज्यों में जीएसटीएटी की एक-एक पीठ होगी। 

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