UP Crime: महिला अपराध में प्रदेश में दूसरे नंबर पर कानपुर... मामलों के निस्तारण के लिए चल रहा मिशन शक्ति
महिला अपराध में प्रदेश में दूसरे नंबर पर कानपुर है।

महिला अपराध में प्रदेश में दूसरे नंबर पर कानपुर है। इसमें घरेलू उत्पीड़न के मामले सबसे ज्यादा पाए गए है। मामलों के निस्तारण के लिए मिशन शक्ति चल रहा।
कानपुर, [गौरव श्रीवास्तव]। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में इस साल महिलाओं के साथ सबसे ज्यादा अपराध की घटनाएं लखनऊ में हुई हैं। दूसरे नंबर पर कानपुर और तीसरे नंबर पर गाजियाबाद रहा है। आंकड़े बताते हैं कि घरेलू हिंसा की घटनाएं ज्यादा हुई हैं।
ये हालात तब हैं जब चार साल से यूपी सरकार प्रदेश में मिशन शक्ति अभियान चला रही है जिसके तहत थानों में महिला हेल्प डेस्क खोली गई है। साथ ही सुनवाई के लिए निजी केबिन बनाए गए हैं।
महिला विवेचक और महिला सिपाहियों की विशेष नियुक्ति की गई है। पिंक चौकी और छेड़छाड़ को रोकने के लिए स्कूटी मोबाइल बनाई गई है। अभी तक परिवार परामर्श केंद्र में सुनवाई होती थी, लगातार महिला अपराध का आंकड़ा बढ़ता देख हर थाने पर सुनवाई का स्थान बनाया गया है।
आंचल और आरजू जैसे मामलों ने बढ़ाया आंकड़ा
नजीराबाद थानाक्षेत्र के अशोक नगर में हुआ मसाला कारोबारी की पत्नी आंचल खरबंदा का मामला हो या दक्षिण की आरजू कटारे का। स्वरूप नगर में महिला की छत से गिरकर मौत हो या नर्स की चौथी मंजिल से गिरकर मौत। सभी मामलों की जांच में उत्पीड़न ही सामने आया। कल्याणपुर में चौथी मंजिल से कारोबारी की बेटी के फेंकने का मामला भी सुर्खियों में रहा। घाटमपुर में चचेरे भाइयों ने रेप कर किशोरी की हत्या कर दी थी। नौबस्ता और बर्रा में भी तमाम मामले आ चुके हैं। जिनमें किशोरी से लेकर महिलाओं का जमकर उत्पीड़न हुआ।
सभी थानों में दो सैकड़ा से ज्यादा मामले पेंडिंग
कमिश्नरेट के 52 थानाक्षेत्रों में तकरीबन दो सैकड़ा से ज्यादा मामले पेंडिंग में पड़े हैं। सूत्रों ने बताया कि एक महीने से कमिश्नरेट में पुलिस कर्मियों की कमी है, जिसकी वजह से जांचें पेंडिंग में पड़ी हैं। थानों से प्रार्थना पत्र आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं।
यूपी में दर्ज महिला अपराध के मामले
2020 49385
2021 56083
2022 65743
महिला अपराध के दर्ज हुए मामले
वर्ष गाजियाबाद लखनऊ कानपुर
2020 341 2636 1056
2021 591 2161 894
2022 1063 2231 2099
इन अपराध का शिकार हो रहीं महिलाएं
हत्या, रेप, गैंगरेप, आत्महत्या के लिए मजबूर करना, एसिड अटैक, एसिड अटैक का प्रयास करना, पति और रिश्तेदारों का उत्पीड़न, अपहरण कर शादी के लिए मजबूर करना, शादी के लिए मजबूर करना, हत्या के लिए अपहरण करना, नाबालिग के साथ रेप, सेक्सुअल असाल्ट विद चिल्ड्रेन, यौन उत्पीड़न, महिलाओं को ब्लैकमेल करना, महिलाओं के साथ साइबर क्राइम, अश्लील वीडियो बनाकर वायरल करना, आदि अपराधों का महिलाएं शिकार हो रही हैं।
कानपुर में 2022 में अपराध दर्ज: 2099
- ब्लैकमेलिंग : 02
- दहेज हत्या : 43
- गैंगरेप के बाद हत्या : 0
- नाबालिग के साथ रेप : 86
- बच्चियों से रेप : 118
- पॉक्सो के मामले : 152
- वीडियो वायरल करना : 16
- हत्या के लिए अपहरण : 0
- महिलाओं से साइबर अपराध : 18
- शादी के लिए अपहरण : 241
- किशोरियों ने किए अपराध : 279
- सुसाइड के लिए मजबूर करना : 0
- पति और रिश्तेदारों का उत्पीड़न : 1144
- छेड़छाड़ : 0
छेड़छाड़ के आंकड़ों में साधी चुप्पी, यौन उत्पीड़न में अव्वल
एनसीआरबी के आंकड़ों में कानपुर में छेड़छाड़ के आंकड़े शामिल ही नहीं है। इन्हें शून्य दर्शाया गया है। यौन उत्पीड़न से जुड़े मामले में कानपुर तीसरे नंबर पर है। यौन उत्पीड़न के दिल्ली में 364 मुंबई में 335 व कानपुर में 240 मामले सामने आए।
पेंडिंग मामलों की मॉनिटरिंग की जा रही है। जल्द ही मामलों का निस्तारण किया जाएगा। अगर किसी को कोई समस्या है तो वह संबंधित थाने में जाकर हेल्पडेस्क से मदद ले।- आनंद प्रकाश तिवारी, संयुक्त पुलिस आयुक्त
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