बरेली: सौ से ज्यादा अवैध बरातघर... बज रहा है नियम-कायदों का बैंड

बरेली: सौ से ज्यादा अवैध बरातघर... बज रहा है नियम-कायदों का बैंड

बरेली, अमृत विचार। शहर में बरातघरों की तादाद दो सौ के आसपास ही है लेकिन इनमें से सौ से ज्यादा नगर निगम के लाइसेंस के बगैर चल रहे हैं। बैंक्वेट हॉल एसोसिएशन में ही डेढ़ सौ से ज्यादा बरातघर शामिल हैं।यानी इस एसोसिएशन में भी तमाम बरातघर नगर निगम में बगैर पंजीकरण कराए शामिल हो गए हैं।

ये अवैध बरातघर एक तरफ खुलेआम नियम-कायदों की धज्जियां उड़ाने के साथ राजस्व का भी नुकसान पहुंचा रहे हैं तो दूसरी तरफ लोगों के लिए सिरदर्द बने हुए हैं। इसके बावजूद खुद नगर निगम ने ही कई साल से इसकी परवाह नहीं की है।

नगर निगम में कई सालों से किसी नए बरातघर का पंजीकरण नहीं हुआ है। हालांकि इस बीच भारी तादाद में बरातघरों का निर्माण हुआ है। बैंक्वेट हॉल एसोसिएशन के दावे के मुताबिक शहर में डेढ़ सौ बरातघर पंजीकृत हैं, लेकिन नगर निगम का कहना है कि नए बने बरातघरों में से एक का भी पंजीकरण नहीं हुआ है। नगर निगम में ज्यादातर वही बरातघर पंजीकृत हैं जो पीलीभीत, बदायूं और नैनीताल रोड समेत प्रमुख सड़कों पर बने हैं। ये सभी बरातघर कई साल पुराने हैं, लेकिन शहर में हर साल कई नए बरातघर बनकर तैयार हो जाते हैं लेकिन नगर निगम में उनका पंजीकरण नहीं कराया जाता। बढ़ते-बढ़ते इन अवैध बरातघरों की संख्या सौ के भी पार निकल गई है।

शहर में कई बरातघर राजनेताओं के हैं। कई उद्यमी भी बरातघर चला रहे हैं। नगर निगम का पंजीकरण शुल्क सिर्फ पांच हजार रुपये हैं लेकिन लाखों की कमाई के बावजूद ये लोग पंजीकरण के लिए इतनी मामूली रकम भी खर्च नहीं करना चाहते। नगर निगम के अधिकारी कहते हैं कि पंजीकरण से बचने के लिए ये लोग कई बार मंत्री और विधायकों तक से फोन कराते हैं।

मंडलायुक्त की सख्ती के बाद मार्च तक सबके पंजीकरण कराने का दावा
नगर निगम के अधिकारियों के मुताबिक नगर आयुक्त निधि गुप्ता वत्स के निर्देश के बाद पिछले महीने अभियान चलाकर बदायूं और पीलीभीत रोड पर 22 बरातघरों का पंजीकरण किया गया था। इससे पहले नगर निगम में सिर्फ 70 बरातघरों का ही पंजीकरण था। अब भी सौ से ज्यादा बरातघर पंजीकृत नहीं हैं। अब मंडलायुक्त की सख्ती के बाद नगर निगम फिर बरातघरों के पंजीकरण के लिए अभियान चलाने की तैयारी कर रहा है। अधिकारियों का दावा है कि मार्च 2024 तक शहर के सभी बरातघरों का पंजीकरण कर दिया जाएगा।

एरियर वसूलने का नियम नहीं लापरवाही में लाखों गंवाए
नगर निगम में सरकारी बकाया और लाइसेंस का प्रभार देख रहे ललतेश सक्सेना ने बताया कि सौ से ज्यादा बरातघर कई बरसों से बगैर पंजीकरण के चल रहे हैं लेकिन उनसे लाइसेंस शुल्क का एरियर नहीं वसूला जा सकता क्योंकि नगर निगम में लाइसेंस शुल्क का एरियर वसूलने का नियम ही नहीं है। उन्होंने बताया कि मार्च तक शहर के सभी बरातघरों के लाइसेंस बना दिए जाएंगे। मंडलायुक्त सौम्या अग्रवाल ने बरातघरों के लाइसेंस बनाने का निर्देश दिया है, इसमें अब कोई कोताही नहीं बरती जाएगी।

गली-मोहल्लों में चल रहे बरातघरों से रास्ते ब्लॉक, डीजे का शोर और बड़ा सिरदर्द
शहर में तमाम बरातघर गली-मोहल्लों के तंग इलाकों में चल रहे हैं। पार्किंग का इंतजाम इन बरातघरों में भी नहीं है लिहाजा उनमें जब भी कोई कार्यक्रम होता है, उनके बाहर वाहनों की भीड़ लगने से रास्ते ब्लॉक हो जाते हैं। रात भर इन बरातघरों में गूंजने वाला डीजे का शोर लोगों के लिए बड़ी समस्या है। इन बरातघरों का निर्माण सारे नियम-कायदों को ताक पर रखकर किया गया है लेकिन फिर भी न प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई की जाती है न नगर निगम और बीडीए की तरफ से।

बीडीए से बगैर नक्शा मंजूर कराए बने हैं कई बरातघर
तमाम बरातघर बीडीए से नक्शा मंजूर कराए बगैर बने हैं। कुछ साल पहले बीडीए की ओर से ऐसे 83 बरातघरों को नोटिस जारी किए थे जिनका निर्माण नक्शे के बगैर कर लिया गया था। एक-दो बरातघरों पर कार्रवाई भी की गई लेकिन उसके बाद यह सिलसिला बंद हो गया। अवैध ढंग से बने तमाम बरातघर अब भी बगैर कंपाउंडिंग कराए चल रहे हैं।

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