टास्क फोर्स ने अतीक के करीबी अब्बास से की पूछताछ, हुए कई बड़े खुलासे

प्रयागराज, अमृत विचार। माफिया अतीक अहमद की बेनामी संपत्तियाें की जानकारी हांसिल करने में जुटी कमिश्नरेट पुलिस की टास्क फोर्स को अतीक के करीबी मो.अब्बास से पूछताछ में अहम सबूत मिले है। अब्बास से आठ घंटे तक हुई पूछताछ में उसके और अतीक के कारोबार से जुड़े कई खुलासे सामने आये हैं।
अतरसुइया के दरियाबाद का रहने वाला मो.अब्बास अतीक अहमद का बेहद करीबी और कारोबारी पार्टनर है। वह सिविल लाइंस स्थित मैक टॉवर का मालिक भी है। अतीक का बेहद करीबी होने के नाते 2020 में माफिया के खिलाफ चले अभियान के दौरान दरियाबाद स्थित उसके तीन मंजिला मकान को भी बुलडोजर से ध्वस्त करा दिया गया था। गुरुवार को टास्क फोर्स ने उसे हिरासत में लेकर 8 घंटे पूछताछ की है।
सूत्रों के मुताबिक माफिया की बेनामी संपत्ति को लेकर की गई पूछताछ लगे काफी खुलासे किये। सिविल लाइंस में सरदार पटेल मार्ग स्थित मैक टॉवर को 2020 में ही पीडीए ने सील किया था। अब्बास से अतीक के कारोबार और उसमें लगाई गई रकम के बारे में भी पूछताछ की गई। टीम ने उससे कुछ दस्तावेज मांगे हैं। जिसके बाद दस्तावेजों की जांच की जाएगी।
1986 से अतीक के संपर्क में था अब्बास
अब्बास से पूछताछ के दौरान कई अहम खुलासे सामने आये हैं। अतीक के सहयोग से उसने सिविल लाइंस में मैक टॉवर बनवाया। इसके बाद करेली में मैक टाॅउन के नाम से टाउनशिप भी बसाई थी। छत्तीसगढ़ में बेशकीमती 7.30 बीघा जमीन पर उसकी प्लॉटिंग का भी काम कराने की बात सामने आई। अब्बास पर कुल 16 मुकदमे दर्ज हैं। 2002 व 2003 में उस पर जार्जटाउन, कोतवाली व खुल्दाबाद में गैंगस्टर की कार्रवाई की गई। पीडीए ने सिविल लाइंस स्थित उसके मार्केट मैक टॉवर को सील कर दिया था। आरोप है कि मकान के ऊपरी हिस्से में अवैध निर्माण कराया गया था।
अतीक के शूटर अख्तर ने उगला था नाम
2020 में अब्बास तब चर्चा में आया था जब अतीक के शूटर ने उसका नाम उगला था। मध्य प्रदेश के शहडोल में अतीक के खास शूटर मो.अख्तर उर्फ बालम को पकड़ा गया था। उसने पूछताछ में बताया था कि अतीक का कारोबार अब्बास ही देखता है। इसके बाद उसकी तलाश में तत्कालीन एडीजी जोन प्रेमप्रकाश ने खुद दबिश दी थी, लेकिन वह मौके से गायब हो गया था।
कारोबारी इम्तियाज ने बनाया था करोड़ों का इंजीनियरिंग कालेज
माफिया अतीक अहमद के करीबी कारोबारी इम्तियाज चावल के बारे में पुलिस की टास्क फोर्स को बेहद चौंकाने वाली जानकारी मिली है। पता चला है कि महज नौ वर्षों में राइस मिल चलाने वाला यह शख्स करोड़ों के इंजीनियरिंग कॉलेज का मालिक बन बैठा। करनाल में स्थित इस कॉलेज के चार हिस्सेदारों में वह भी शामिल था। उसे संबंधित दस्तावेजों के साथ तलब किया गया है।