Etawah Train Fire: हर चेहरे पर दहशत... लोग बोले- भूल नहीं सकते आग का मंजर, बस बच गए
इटावा में आग की चपेट में ट्रेन के आने से यात्रियों में दहशत।
इटावा में आग की चपेट में ट्रेन के आने से यात्रियों में दहशत का माहौल। कानपुर सेंट्रल स्टेशन में ट्रेन पहुंचते ही यात्रियों मे उतरने की होड़ में मच गई।
कानपुर, अमृत विचार। इटावा के सराय भूपत स्टेशन पर आग की चपेट में आई आनंद विहार दरभंगा क्लोन स्पेशल एक्सप्रेस ट्रेन के रात 10. 54 बजे सेंट्रल स्टेशन आते ही यात्रियों में उतरने की होड़ मच गई। प्लेटफॉर्म नंबर चार पर उतरे यात्रियों ने कहा कि बोगी में आग का मंजर भूल नहीं सकते हैं। ऐसा ही लग रहा है जैसे मानों भगवान ने बचा लिया। कई यात्री अपने जल चुके सामान के बारे में रेलवे अधिकारियों को बता रहे थे। सुरक्षा कारणों से पूरी ट्रेन की जांच की गई। चार नई बोगी लगाई गईं। डॉग स्क्वॉयड भी मुस्तैद रहा।
बोगी में ऐसा लगा कि जैसे कुछ चीज जल रही है। अचानक धुंआ उठने लगा। अब तो लग रहा है कि भगवान ने ही बचा लिया।- सत्यम कुमार
जैसे ही बोगी में आग लगी सभी यात्री भागने लगे। इसमें कुछ यात्री गिर कर चुटहिल भी हो गए। सामान भी छूट गया।- लाल बहादुर
सारा सामान जल कर राख हो गया। ट्रेन से उतर कर खाना खाने को भी पैसा नहीं है। जो पैसा है वह जरूरत के लिए बचा है।- मनीष कुमार
अचानक लोग चिल्लाने लगे। इस भागदौड़ में मोबाइल, पर्स और बैग छूट गया। अब बस जल्दी से घर पहुंचना है।- विशाल शर्मा
तीस हजार रुपये के करीब सामान में छुपा कर ला रहे थे। सामान भी चला गया पैसे भी चले गए। त्योहार पर घर जा रहे थे।- सत्येंद्र शाह
एसी बोगी फुल
ट्रेन में जली बोगी के यात्रियों को अन्य बोगियों में बैठाया गया। ऐसे में स्लीपर बोगी भर जाने से एसी बोगी की फर्श पर भी यात्रियों को जगह दी गई। इन बोगियों से उतर रहे यात्रियों ने कहा कि ऐसा लगा शायद यह सफर जीवन का अंतिम सफर साबित होगा।
रेलवे अधिकारियों ने घेरा डाला
ट्रेन के सेंट्रल पर आते ही पूरे प्लेटफॉर्म में अधिकारियों की ओर से एनाउंस शुरू कर दिया गया। किसी भी यात्री को ट्रेन के पास नहीं जाने दिया गया। इस बीच रेलवे अधिकारी और आरपीएफ के अधिकारियो ने सुरक्षा की कमान संभाली। ट्रेन में चढ़ने वाले यात्रियों के सामान की जांच की गई।
यात्रियों को दिया गया पानी
ट्रेन के यात्रियों को रेलवे प्रशासन की ओर से पानी, बिस्कुट और चार का वितरण किया गया। सहायक वाणिज्य प्रबंधक संतोष त्रिपाठी की ओर से रेलवे अधिकारियों ने यात्रियों से पूछ कर उन्हें भोजन भी वितरित कराया। उधर आरपीएफ प्रभारी बीपी सिंह की टीम की ओर से ट्रेन की बोगियों की जांच की गई।
पटाखे या देशी बम से हुआ धमाका, लगी आग
दरभंगा एक्सप्रेस में आग का कारण अभी स्पष्ट नहीं है। कहा जा रहा है कि बोगी के नीचे लगे सिलेंडरनुमा कंडेशनर फटने से आग लगी लेकिन कंडेशनर सिर्फ एसी कोचों में लगा होता है और जिसमें आग लगी वह स्लीपर कोच है। स्लीपर कोच में कंडेशनर होता नहीं तो आग कैसे लगी। हो न हो किसी पटाखे के झोले या गठरी में धमाका हुआ। पटाखा था या देशी बम या कोई और विस्फोटक, ये जांच के बाद ही पता लगेगा। सभी यात्रियों ने धमाके की बात कही है तो धमाका किसका है, इसका जवाब अफसरों के पास नहीं है।
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