रुद्रपुर: कट्टों में लिखा मिला मुर्गा चूर्ण, जनता बन रही मूर्ख, भगवान जाने क्या मिला है इन दवाओं में..

रुद्रपुर: कट्टों में लिखा मिला मुर्गा चूर्ण, जनता बन रही मूर्ख, भगवान जाने क्या मिला है इन दवाओं में..

मनोज आर्या, रुद्रपुर,अमृत विचार। एसटीएफ और स्वास्थ्य विभाग द्वारा दबोचे गए नकली हर्बल दवाओं को बनाने वाला गिरोह ऑनलाइन दवाओं को बेचकर इंसानी जिंदगियों के साथ खिलवाड़ कर रहे थे। यहां तक कि पकड़े गए दोनों आरोपियों को मेडिसिन लाइन का कोई अनुभव भी नहीं है। बावजूद गिरोह धड़ल्ले से अब तक हजारों लोगों को ऑनलाइन दवा बेच चुके हैं। दवा बनाने वालों में कोई आरोपी बीए है तो कोई इंटर पास।

एसटीएफ की गिरफ्त में संदिग्धों ने पूछताछ में अब तक बताया कि हर्बल दवा बनाने वाले गिरोह में छह लोग शामिल हैं। उनकी शैक्षिक योग्यता बीए और इंटरमीडिएट तक ही है। किसी को भी मेडिसिन लाइन का कोई अनुभव नहीं है और न ही किसी भी प्रकार का कोई प्रशिक्षण प्राप्त किया है।

बताया कि आधुनिकता की दौर में ऑनलाइन दवा बेचने का प्लान दो साल पहले आया। इसके बाद अपना एक नेटवर्क बनाकर एक साल पहले अमरिया यूपी में कार्यालय खोलकर हर्बल नकली दवा बनाने का धंधा शुरू किया और जब धंधा चलने लगा तो चार माह पहले ही सितारगंज के थारू गौरी खेड़ी आकर ऑनलाइन दवा बेचना शुरू कर दिया।

पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उन्होंने ऑनलाइन ही अपनी एक वेबसाइट बनाई। जब कोई ग्राहक उस पर एप्लाई करता था तो तुरंत खुद का बनाये हुए कॉल सेंटर के माध्यम से कॉल कर पैसों का भुगतान किया जाता था। दवाई बताए गये पते पर भेज दी जाती थी।

आरोपियों का कहना था कि पिछले एक साल के अंदर ऑनलाइन के माध्यम से अनुमानित 35 से 40 हजार लोगों को देश भर के अलग-अलग स्थानों पर दवा भेजी जा चुकी है। प्रत्येक पैकेट की कीमत 1575 रुपये होती है और सभी बीमारियों की दवा बताकर बेचा जाता था। इसके अलावा आरोपियों ने कई ऐसे चौंकाने वाले खुलासे भी किये हैं। जिसके बाद एसटीएफ अब बरामद दवाओं की फॉरेंसिक जांच रिपोर्ट का इंतजार कर रही है। जांच रिपोर्ट में दवाओं के नकली और इंसानी जिंदगी के लिए द्यातक होने की पुष्टि हो जाती है।

तो इसके बाद संयुक्त टीम पूरे नेटवर्क की धरपकड़ में जुट जाएंगी। एसटीएफ प्रभारी एमपी सिंह ने बताया कि आला अधिकारियों के आदेश आने के बाद एसटीएफ प्रकरण की जांच कौन करेगा। इसको निर्धारित किया जाएंगा। फिलहाल टीम को दवाओं के नकली या असली होने की रिपोर्ट का इंतजार है। इसके बाद ही संदिग्धों की भूमिका व पूरे गिरोह से जुड़े लोगों की सरगर्मी से तलाश की जाएंगी।

 

ऑनलाइन भ्रामक प्रचार कर बेच डाली हर बीमारी की दवा
रुद्रपुर। सितारगंज के गांव थारू गौरी खेड़ा से नकली दवा बनाने के गिरोह का पर्दाफाश करने के बाद पता चला कि गिरोह के लोग ऑनलाइन अपनी दवाओं का ऐसा भ्रामक प्रचार करते थे। इस प्रचार को देखकर लोगों ने दवाइयां मंगाना शुरू कर  दिया। हर बीमारी के लिए चूर्ण, कैप्सूल और पाउडर के उत्पाद शामिल होते है। मगर दवा के ऊपर किसी ब्रांड का रैपर या टैग नहीं होता था। इन दवाओं को ताकत बढ़ाने व बीमारियों के उपचार का दावा जरुर लिखा होता था। जब स्वास्थ्य विभाग ने दवा कंपनी का नाम पूछा तो आरोपी संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए।

मुर्गा लिखे चूर्ण के मिले कई कट्टे, 500 कैप्सूल बरामद
रुद्रपुर। जिस वक्त एसटीएफ और स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त टीम ने नकली हर्बल फैक्ट्री में छापा मारा तो टीम को मौके से भारी मात्रा में मुर्गा लिखे चूर्ण के कट्टों के अलावा 500 कैप्सूल, तीन कट्टे कच्चा माल, दो मशीनें और भारी मात्रा में दवा पैक करने वाले डिब्बे बरामद किए। इसके अलावा जब टीम ने दवा बनाने संबंधी अनुमति या फिर विक्रय करने के दस्तावेज मांगे तो आरोपियों द्वारा किसी भी प्रकार के दस्तावेज नहीं दिखाए। जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बरामद दवाओं को जांच के लिए फॉरेंसिक लैब भेज दिया गया है। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही टीम को पता चल पाएगा की दवा कितनी घातक है।

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