लखनऊ: अधिक पैदावार से आलू की निकासी हुई धीमी, कोल्ड स्टोरेज में पड़ा है डंप, उद्यान विभाग आया पशोपेश में

लखनऊ: अधिक पैदावार से आलू की निकासी हुई धीमी, कोल्ड स्टोरेज में पड़ा है डंप, उद्यान विभाग आया पशोपेश में

लखनऊ। प्रदेश में इस वर्ष हुई आलू की अधिक पैदावार और कम दाम ने किसानों के साथ उद्यान विभाग को मुश्किल में डाल दिया है। क्योंकि अतिरिक्त पैदावार के कारण बाजार में उपलब्धता अधिक है। इस कारण कोल्ड स्टोर से निकासी की रफ्तार धीमी है और आलू डंप पड़ा है। जबकि नई फसल के लिए सभी कोल्ड स्टोर नवंबर अंत तक खाली करने हैं।

यह हालात तब हैं जब जिलों में अगेती यानी कच्चे आलू की बोआई चल रही है और 25 अक्टूबर के बाद पक्के की बोआई शुरू हो जाएगी। आंकड़ों पर नजर डाले तो वर्ष 2022-23 में 694 लाख हेक्टेयर में 242 लाख मीट्रिक टन आलू की पैदावार हुई थी और दो हजार कोल्ड स्टोर में 145 लाख मीट्रिक टन भंडारित किया गया था। इसमें करीब 55 प्रतिशत ही आलू निकल पाया है और किसान लागत न निकलने के कारण दाम बढ़ने का इंतजार कर रहे हैं।

बीज में निकल जाएगा 30 प्रतिशत आलू


दरअसल, नई फसल के लिए नवंबर अंत में हरहाल में कोल्ड स्टोर खाली किए जाते हैं और तीन माह तक सफाई, मेंटीनेंस, सुरक्षा समेत अन्य कार्य कर कोल्ड स्टोर तैयार किए जाते हैं। निर्धारित समय पर कोल्ड स्टोर खाली न होने पर आलू फेंकने के हालात बनते हैं। हालांकि विभाग का मानना है कि ऐसी कोई स्थिति नहीं आएगी। अभी काफी समय है। कच्ची फसल की बोआई एक सप्ताह में और तेज हो जाएगी और आगे पक्की की बोआई होगी। जिसके लिए 30 प्रतिशत आलू बीज में निकल जाएगा। बाकी बिक्री में चला जाएगा।

आसपास के जिलों से भरे कोल्ड स्टोर

इस वर्ष आलू की पैदावार कई जिलों ने की, जहां कोल्ड स्टोर की संख्या कम रही। ऐसी स्थिति में आसपास जिलों के कोल्ड स्टोर में आलू भंडारित किया गया। इस कारण ज्यादातर कोल्ड स्टोर फुल हो गए। इधर, 2023-24 में 700 लाख हेक्ट्रेयर में 250 लाख मीट्रिक टन आलू की पैदावार का लक्ष्य रखा गया है।

इस वर्ष आलू की अधिक पैदावार हुई है। कोल्ड स्टोर में निकासी भी बराबर हो रही है। नई फसल की बोआई भी चल रही है। जिसमें काफी मात्रा में बीज के तौर पर आलू निकल जाएगा। किसी तरह की समस्या नहीं आएगी। बराबर जिलों में मॉनीटरिंग कर रहे हैं।

                                     - अतुल कुमार, निदेशक, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग, उत्तर प्रदेश।