मुरादाबाद : पितृ पक्ष में पितरों को तृप्त करने से दूर होता है दोष, जानिए...

कल से शुरू होगा पितृ पक्ष, 14 अक्टूबर को होगी पितृ विसर्जन अमावस्या

मुरादाबाद : पितृ पक्ष में पितरों को तृप्त करने से दूर होता है दोष, जानिए...

मुरादाबाद, अमृत विचार। पितृ पक्ष भाद्रपद की पूर्णिमा से लेकर आश्विन अमावस्या तक होता है। पितृपक्ष या श्राद्ध पक्ष में अपने पितरों के लिए तर्पण, पिंडदान, श्राद्ध, पंचबलि कर्म आदि किए जाते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पितृ पक्ष में पितरों को तृप्त करने से पितृ दोष दूर होता है। परिवार में सुख, शांति, खुशहाली और उन्नति होती है। 

पं. केदार मुरारी ने बताया कि पितृ पक्ष के अलावा हर माह की अमावस्या को भी पितरों को प्रसन्न करने के उपाय किए जाते हैं। उन्होंने बताया कि पितृ पक्ष 2023 का प्रारंभ भाद्रपद पूर्णिमा तिथि 29 सितंबर से होगा जो दोपहर 03: 26 मिनट तक रहेगी। इसके बाद से आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि शुरू हो जाएगी, जो 30 सितंबर को दोपहर 12: 21 मिनट तक है। 

पंडित केदार मुरारी

 

मृत्यु की तिथि मालूम न हो तो क्या करें? 
यदि आपको अपने पितरों के निधन की तिथि ज्ञात नहीं है तो ऐसे में आप सर्व पितृ अमावस्या के दिन उनके लिए श्राद्ध कर सकते हैं।  इस दिन ज्ञात और अज्ञात सभी पितरों के लिए श्राद्ध किया जाता है।  

श्राद्ध पक्ष की यह हैं तिथियां

  • प्रतिपदा का श्राद्ध-     29 सितंबर 
  • द्वितीया श्राद्ध तिथि   - 30 सितंबर
  • तृतीया तिथि का श्राद्ध  -  1 अक्टूबर 
  • चतुर्थी तिथि श्राद्ध  -  2 अक्टूबर 
  • पंचमी तिथि श्राद्ध   - 3 अक्टूबर 
  • षष्ठी तिथि का श्राद्ध -   4 अक्टूबर 
  • सप्तमी तिथि का श्राद्ध -   5 अक्टूबर 
  • अष्टमी तिथि का श्राद्ध   - 6 अक्टूबर 
  • नवमी तिथि का श्राद्ध  -  7 अक्टूबर 
  • दशमी तिथि का श्राद्ध -   8 अक्टूबर 
  • एकादशी तिथि का श्राद्ध -   9 अक्टूबर 
  • माघ तिथि का श्राद्ध    -  0 अक्टूबर 
  • द्वादशी तिथि का श्राद्ध    -11 अक्टूबर 
  • त्रयोदशी तिथि का श्राद्ध -   12 अक्टूबर 
  • चतुर्दशी तिथि का श्राद्ध   - 13 अक्टूबर 
  • सर्वपितृ मोक्ष श्राद्ध तिथि  -  14 अक्टूबर
  • बिना विवाह जनेऊ के बालक का श्राद्ध चतुर्थी को करें
  • सुहागन महिला का श्राद्ध नवमी को करें
  • संन्यासी का श्राद्ध एकादशी को करें
  • आत्महत्या करने वालों का श्राद्ध चतुर्दशी को करें
  • जिसकी तिथि के बारे में जानकारी न हो उनका श्राद्ध अमावस्या को करें।

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