बरेली: रकम डूबने का डर...140 में से 16 आवेदकों को दिया लाभ

बरेली, अमृत विचार। लोगों को स्वरोजगार का मौका देने के लिए शुरू की गई योजना प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम पर बैंकों का पैसा डूबने का डर हावी हो गया है। बैंकों की ओर से ऋण के आवेदनों को मंजूरी नहीं दी जा रही है। लक्ष्य के मुताबिक 140 लोगों को लोन देना था, इसके सापेक्ष 220 लोगों ने आवेदन किया लेकिन बैंकों ने सिर्फ 16 लोगों का ऋण मंजूर किया है जो लक्ष्य का करीब 11 प्रतिशत ही है।
यह हाल तब है जब केंद्र सरकार की ओर से जिला प्रशासन को लगातार इन योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए निगरानी का निर्देश दिया गया है। हाल ही में हुई समीक्षा बैठक में डीएम ने बैंक प्रतिनिधियों को रोजगार सृजन योजना के तहत ज्यादा से ज्यादा पात्र लाभार्थियों को ऋण देने का निर्देश दिया था।
स्वरोजगार की दिशा में प्रेरित करने वाली इस महत्वपूर्ण योजना के तहत इस सत्र की दूसरी तिमाही में 140 के लक्ष्य के सापेक्ष 220 आवेदन मिले। इनमें से 50 को ही स्वीकृत किया गया लेकिन ऋण 16 लोगो को ही दिया गया है। 68 आवेदनों को निरस्त कर दिया गया और 102 आवेदन बैंक शाखाओं में लंबित पड़े है। अग्रणी जिला प्रबंधक वीके अरोड़ा के मुताबिक सभी बैंकों को इसी तिमाही में लक्ष्य पूरा करने का निर्देश दिया गया है। अगली समीक्षा बैठक में लंबित मामलों की संख्या कम हो जाएगी।
ऋण न मिलने की मायूसी, तीन गुना घटे आवेदन
सरकारी योजनाओं के तहत बैंकों की ओर से ऋण न दिए जाने के कारण आवेदन करने वाले लोगों का रुझान भी घटता जा रहा है। आंकड़ों के अनुसार इस वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में इस योजना के तहत 650 आवेदन आए थे,जो इस तिमाही में 220 ही रह गए जो पिछली तिमाही से तीन गुना कम हैं। पिछली तिमाही में 96 के लक्ष्य के सापेक्ष 141 आवेदन स्वीकृत किए गए थे और 89 को ऋण दिया गया था।
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