मानहानि मामले में केजरीवाल और संजय सिंह को लगा झटका, तत्काल सुनवाई से अदालत का इनकार 

मानहानि मामले में केजरीवाल और संजय सिंह को लगा झटका, तत्काल सुनवाई से अदालत का इनकार 

अहमदाबाद। गुजरात उच्च न्यायालय ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की शैक्षिक डिग्री पर आम आदमी पार्टी (आप) के नेता अरविंद केजरीवाल तथा संजय सिंह के बयानों को लेकर दर्ज आपराधिक मानहानि मामले में उन्हें भेजे गये समन रद्द करने की याचिकाओं पर तत्काल सुनवाई करने से मंगलवार को इनकार कर दिया। 

दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल और राज्यसभा सदस्य सिंह ने गुजरात विश्वविद्यालय द्वारा दायर आपराधिक मानहानि मामले में निचली अदालत के समन के खिलाफ अपनी पुनरीक्षण याचिकाओं को खारिज किये जाने के सत्र अदालत के 14 सितंबर के आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती दी है। न्यायमूर्ति समीर दवे ने मंगलवार को उच्च न्यायालय में सूचीबद्ध मामले में तत्काल सुनवाई के अनुरोध को खारिज कर दिया। केजरीवाल के वकील पर्सी कवीना ने तत्काल आधार पर सुनवाई का अनुरोध किया था। मामले में अब 29 सितंबर को सुनवाई होगी।

उच्च न्यायालय ने पहले भी दो मौकों पर आप नेताओं की तत्काल सुनवाई की याचिकाओं को खारिज कर दिया था। सत्र अदालत के न्यायाधीश जे एम ब्रह्मभट्ट ने पहले एक आदेश में निचली अदालत के दोनों नेताओं को समन भेजने के फैसले को कायम रखा था और कहा था कि यह आदेश ना तो अवैध है और ना ही त्रुटिपूर्ण है। मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने प्रधानमंत्री की डिग्री के सिलसिले में व्यंग्यात्मक और अपमानजनक बयानों को लेकर गुजरात विश्वविद्यालय द्वारा दायर मानहानि मामले में 15 अप्रैल को केजरीवाल और सिंह को तलब किया था। 

गुजरात विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार पीयूष पटेल ने दोनों आप नेताओं के बयान को लेकर उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था। इससे पहले उच्च न्यायालय ने मोदी की डिग्री पर मुख्य सूचना आयुक्त के एक आदेश को रद्द कर दिया था। शिकायत के अनुसार दोनों नेताओं ने एक संवाददाता सम्मेलन में और ट्विटर (अब एक्स) पर मोदी की डिग्री को लेकर विश्वविद्यालय पर निशाना साधते हुए ‘अपमानजनक’ बयान दिये थे। 

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