रामपुर : डेंगू बुखार में किन कारणों से हो जाती है मौत? जानिए सीएमएस के विशेष साक्षात्कार में

रामपुर : डेंगू बुखार में किन कारणों से हो जाती है मौत? जानिए सीएमएस के विशेष साक्षात्कार में

रामपुर, अमृत विचार। डेंगू होने पर सावधानी बरतने की जरूरत है। डेंगू मरीज के शरीर में अकड़न या तेज दर्द होने पर पेन किलर (दर्द निवारक) बिल्कुल न दें। ऐसा करने पर प्लेटलेट्स तेजी से घटने लगती है। जोकि मौत का कारण बन सकती है। घरों में साफ पानी को ढककर रखें। कूलर का पानी नियमित बदलें और साफ सफाई का विशेष ख्याल रखें। यह बात शनिवार को जिला पुरुष चिकित्सालय के सीएमएस डा. एच के मित्रा ने अमृत विचार से बातचीत में कही। प्रस्तुत हैं उनसे बातचीत के सवाल और जवाब।

Dr. Hk mitrra

डेंगू कैसे फैलता है?
डेंगू का मच्छर अक्सर साफ पानी में बैठता है। वही एडीज मच्छर अगर किसी को काट लेता है तो उसे डेंगू बुखार हो जाता है। अगर, उसी मरीज को काटा हुआ एडीज मच्छर दोबारा किसी को काट लेता है तो उसे डेंगू हो जाता है। यही डेंगू फैलने का मुख्य कारण है। 

डेंगू के मुख्य लक्षण क्या हैं?
ठंड लगकर बुखार आना, मांसपेशियां, जोड़ों, सिर और शरीर में दर्द होना, कमजोरी लगना, भूख न लगना, शरीर में रैशेज हो जाना आदि मुख्य लक्षण है। डेंगू के मरीज को जाड़ा देकर बार-बार बुखार आता है। अगर, किसी को ठंड लगकर बुखार आ रहा है तो वह तत्काल अपनी जांच कराए। इसमें रोग प्रतिरोधक क्षमता भी घट जाता है।

डेंगू का खतरा कब बढ़ जाता है?
डेंगू बुखार से पीड़ित मरीज की अगर, प्लेटलेट्स 10,000 या फिर इससे नीचे जाने लगती हैं तब खतरा बढ़ जाता है। इस दौरान किसी भी पेन किलर का सेवन नहीं करना है। ऐसा करने से प्लेटलेट्स काउंट तेजी से घटता है, जिसकी वजह से मरीज की मौत हो जाती है।

डेंगू के बचाव क्या-क्या हैं?
अपने आसपास साफ पानी बिल्कुल भी न एकत्र रखें। पानी को हमेशा ढककर रखें। कूलर का पानी रोज-रोज बदलते रहें। फ्रिज की पीछे की ट्रे के पानी को साफ करत रहें। डेंगू का मच्छर साफ पानी में अंडे देता है। साफ-सफाई का बेहद ख्याल रखें। बिना चिकित्सक के परामर्श के कोई भी दवा न लें। यह एक वायरल संक्रमण होता है जोकि कुछ पांच-सात दिनों में खुद सही हो जाता है।

डेंगू का इलाज क्या है?
डेंगू बुखार में पैरासिटामोल या फिर डोलो 600 का सेवन करें। इसके अलावा कोई दवाई न खाएं। शरीर को हाइड्रेट रखें। तरल पदार्थ पीते रहें। पर्याप्त मात्रा में स्वच्छ पानी पीएं। बहुत गंभीर होने पर ही मरीज को अस्पताल में भर्ती कराएं। ध्यान रखें कि प्लेटलेट्स काउंट कम न होने पाएं। जूस का सेवन भी कर सकते हैं।

प्लेटलेट्स कम होने पर क्या करें?
प्लेटलेट्स काउंट बढ़ाने के लिए पपीते की पत्ती के रस का सेवन प्रभावी उपचार है। इसमें ऐसे एंजाइम्स पाए जाते हैं जो प्लेटलेट्स बढ़ाने में सर्वाधिक कारगर हैं। गिलोय एक प्रसिद्ध आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है। इसका उपयोग भी प्लेटलेट काउंट बढ़ाने में किया जाता है। अनार के जूस या फल खाकर भी प्लेटलेट्स बढ़ा सकते हैं। कीवी में विटामिन सी पाया जाता है, जोकि शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। यह थोड़ा महंगा होता है लेकिन प्लेटलेट्स बढ़ाने में बहुत कारगर होता है।

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