वृद्धावस्था पेंशन घोटाला: शाहजहांपुर में उच्च अधिकारियों की मंजूरी बिना ही ट्रांसफर हो गए ढाई करोड़! जानिए मामला

वृद्धावस्था पेंशन घोटाले में नित हो रहे नए खुलासे

वृद्धावस्था पेंशन घोटाला: शाहजहांपुर में उच्च अधिकारियों की मंजूरी बिना ही ट्रांसफर हो गए ढाई करोड़! जानिए मामला

शाहजहांपुर, अमृत विचार। वृद्धावस्था पेंशन घोटाले में नित नए खुलासे हो रहे हैं। अब पता चला है कि पेंशन का पैसा वृद्धों के खातें में ट्रांसफर किए जाने से पहले डीएम या सीडीओ से अनुमोदन ही नहीं लिया गया था। पूर्व समाज कल्याण अधिकारी राजेश कुमार ने बिना अनुमोदन के ही ढाई करोड़ रुपये फर्जी लाभार्थियों के खाते में ट्रांसफर कर दिए। इतना बड़ा कदम उन्होंने क्यों उठाया यह विवेचना का हिस्सा बनाया जा सकता है। 

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हालांकि अभी तक की जांच में इस संबंध में कोई दस्तावेज सामने नहीं आया है कि डीएम या सीडीओ से पैसा ट्रांसफर करने के लिए कोई अनुमोदन लिया गया हो। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या पूर्व समाज कल्याण अधिकारी इतने निरंकुश हो गए थे कि वह उच्च अधिकारियों के अनुमोदन के बिना ही काम कर रहे थे।

शाहजहांपुर के समाज कल्याण विभाग में हुआ वृद्धावस्था पेंशन घोटाला विभाग का अब तक का सबसे बड़ा घोटाला माना जा रहा है। कहा जा रहा है कि उम्र के अंतिम पड़ाव पर बुजुर्ग आर्थिक तंगी से जूझ रहे होते हैं और एक-एक पैसा उनके लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। उनकी कई उम्मीदें पेंशन से जुड़ी होती हैं और उसी पेंशन पर डाका डालकर जालसाजों ने बुजुर्गों के हक पर डाका डाल दिया।

प्रकरण ढाई करोड़ की भारी भरकम रकम से जुड़ा होने के कारण तो गंभीर है ही, लेकिन और ज्यादा गंभीर इसलिए है क्योंकि जालसाजों से मानवता को भी कुचला है। ऐसे आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई होना जरूरी समझा जा रहा है। कहा जा रहा है कि किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी कभी भी हो सकती है। नामजद के अलावा भारी संख्या में तमाम अन्य नाम भी सामने आ सकते हैं। पुलिस जांच में जल्द तेजी आ सकती है।

अब घोटाले की जांच रिपोर्ट से एक और खुलासा हुआ है। पता चला है कि खाता संख्या बदलने के बाद पात्रों की सूची पर डीएम या सीडीओ से  यमानुसार अनुमोदन लिया जाना चाहिए था, लेकिन पूर्व समाज कल्याण अधिकारी ने ऐसा नहीं किया। बिना अनुमोदन के ही ढाई करोड़ जाली खातों में भेज दिए गए। बाद में घोटाले से जुड़े आरोपियों ने इस पैसे का बंदरबांट कर लिया। 

यही वजह थी कि जांच के दौरान समाज कल्याण विभाग शाहजहांपुर की ओर से वृद्धावस्था पेंशन से संबंधित कोई अभिलेख नहीं दिए गए। नवीन स्वीकृत पेंशनरों के आवेदन पत्र और मुख्य विकास अधिकारी या जिलाधिकारी की ओर से अनुमोदित सूची में से कुछ भी नहीं मिला। आधार प्रमाणीकरण से संबंधित कोई भी अभिलेख या पत्रावली जांच टीम को नहीं दी गई।

वृद्धावस्था पेंशन घोटाले में रिपोर्ट दर्ज करा दी गई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। साक्ष्यों के आधार पर पुलिस आगे कार्रवाई करेगी। हमारा प्रयास है कि दोषियों को सजा मिले---वंदन सिंह, जिला समाज कल्याण अधिकारी।

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