महिला आरक्षण का नारी शक्ति वंदन विधेयक 2023 पर प्रतिक्रिया, महिला आरक्षण में ओबीसी की उपेक्षा सामाजिक न्याय का असंतुलन
महिला आरक्षण का नारी शक्ति वंदन विधेयक 2023 पर प्रतिक्रिया।
महिला आरक्षण का नारी शक्ति वंदन विधेयक 2023 पर प्रतिक्रिया। महिला आरक्षण का नारी शक्ति वंदन विधेयक 2023 पर प्रतिक्रिया।
कानपुर, अमृत विचार। लोकसभा में पेश महिला आरक्षण विधेयक (नारीशक्ति वंदन विधेयक (128वां संशोधन विधेयक 2023) के प्राविधानों जहां एक ओर भाजपा और उसके सहयोगी दल इसे ऐतिहासिक और महिलाओं के हक में वहीं बताया वहीं विपक्ष ने कहा कि आरक्षण के भीतर आरक्षण की व्यवस्था की मांग करते हुए ओबीसी महिलाओं के लिए आरक्षण न दिया जाने से भाजपा की मानसिकता झलकती है।
लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण परिसीमन के बाद ही लागू होगा। परिसीमन और जनगणना के आधार लागू करने के पेच के कारण 2024 के चुनाव में इसका लागू होना संभव नहीं दिखता। कुछ महिला नेता इसे पोलिटिकल गेम चेंजर के रूप में देखती हैं। उनके मुताबिक 2019 की जीत में भाजपा को 36% वोट महिलाओं के मिले थे। जबकि कांग्रेस को 20% तो बाकी दलों को 44% वोट महिलाओं के मिले थे। अबकी यह भाजपा के पक्ष में बढ़ सकता है।
आधी आबादी को हक मिलेगा- प्रमिला पांडे
महिला आरक्षण बिल लोकसभा में पेश होने पर महापौर प्रमिला पांडेय ने खुशी जाहिर की है। महापौर ने कहा कि पिछले 27 सालों से यह बिल कांग्रेस के कारण लटका हुआ था। लेकिन, पीएम मोदी के कारण अब यह बिल न केवल लोकसभा में पेश किया गया है, बल्कि जल्द ही लोकसभा-राज्यसभा से पारित होकर कानून की शक्ल भी ले लेगा। इसके बाद सच्चे मायने में आधी आबादी को उसका हक मिलेगा।
प्रमिला पांडे
मैं विधेयक से संतुष्ठ नहीं- सुभाषिनी
राष्ट्रीय महिला आयोग की पूर्व सदस्य सुभाषिनी अली सहगल का कहना है कि विधेयक का प्रारूप बदलने का कोई औचित्य नहीं है। वह कहती हैं कि कांग्रेस के शासनकाल में जो विधेयक राज्यसभा में पारित किया गया था। उसे ही पेश करते तो बेहतर होता। एक बड़े वर्ग की महिलाओं को इसका लाभ नहीं मिल पाएगा। इस पर बहस के दौरान विपक्ष के प्रस्ताव भी जोड़ने पर विचार किया जाना चाहिए।
सुभषिनी अली सहगल पूर्व सांसद
विधेयक हमारा, श्रेय ले रही भाजपा- करिश्मा ठाकुर
प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष करिश्मा ठाकुर ने विधेयक स्वागत करते हुए कहा कि श्रेय कोई ले पर देश जानता है कि महिला आरक्षण विधेयक कांग्रेस की देन है। 2010 में मनमोहन सिंह सरकार के समय राज्यसभा में पारित हुआ था पर पर्याप्त संख्याबल के अभाव में यह अमल में नहीं लाया जा सका था। भाजपा तब समर्थन दे देती तो यह लागू हो गया होता। सदन में बहस के दौरान विपक्ष के सुझावों को इसमें शामिल किया जाना चाहिए।
करिश्मा ठाकुर
ओबीसी के साथ धोखा है- अंजिला वर्मा
सपा की वरिष्ठ नेता पूर्व कार्यकारिणी सदस्य अंजिला वर्मा कहती हैं कि मोदी सरकार ने महिला आरक्षण विधेयक पेश तो कर दिया पर ओबीसी को आरक्षण के दायरे से बाहर रखकर अच्छा नहीं किया। यह 52 फीसदी पिछड़ी आबादी के साथ सरासर अन्याय है। ओबीसी को भी शामिल कराने की मांग को लेकर अंजिला ने महिलाओं को एकजुट करके आंदोलन चलाने का निर्णय लिया है।
अंजिला वर्मा एडवोकेट
महिलाओं का सम्मान बढ़ेगा- सरला मिश्रा
उत्तर प्रदेश श्रमिक कल्याण समिति की प्रदेश उपाध्यक्ष सरला मिश्रा ने कहा कि विधेयक को सभी दल एकजुट होकर लागू करें। देर आयद दुरुस्त आयद। जो बिल पहले ही पारित होना चाहिए उसे विलंबित किया गया नारी शक्ति वंदन अधिनियम से घर घर जागरूकता जागेगी। उन्होंने कहा कि नारी को जातियों में बांटने का प्रयास नहीं करें। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को महिला आरक्षण बिल लाने पर स्वागत करते हुए धन्यवाद दिया।
सरला मिश्रा
सामाजिक न्याय का संतुलन नहीं है- शालिनी
सपा प्रवक्ता शालिनी द्विवेदी स्पष्ट कहती हैं कि महिला आरक्षण विधेयक में 33 फीसदी आरक्षण है पर ओबीसी के लिए कोई व्यवस्था न करके सरकार ने देश की बड़ी आबादी की उपेक्षा की जिसकी संख्या करीब 52 फीसदी से भी ज्यादा बतायी जाती है। इस विधेयक में सामाजिक न्याय में संतुलन का अभाव साफ दिखता है। शालिनी द्विवेदी कहती हैं कि पिछड़े दलित और अल्पसंख्यक महिलाओं के लिए एक निश्चित संख्या में आरक्षण का प्राविधान होना चाहिए।
शालिनी द्विवेदी
दल महिलाओं को सम्मान दें- नीलम चतुर्वेदी
महिला मंच एव वूमेन एलायंस की संयोजक नीलम चतुर्वेदी का कहना है कि 27 साल से लंबित आरक्षण विधेयक स्वागत योग्य है। उम्मीद है कि विधेयक पारित हो जाएगा। लोकसभा चुनाव में इस पर अमल किया जाए। नीलम ने दलों से अपील की है कि सभी राजनीतिक दलों से की पूरी गंभीरता से सामाजिक कार्य में कुशल और बुद्धिजीवी महिलाओं को आरक्षण का लाभ देकर आगे बढा़एं।
नीलम चतुर्वेदी
मोदी जी ने महिलाओं का सम्मान बढ़ाया- रेखा
गृहणी श्रीमती रेखा शर्मा कहती हैं कि नारी शक्ति वंदन विधेयक के माध्यम से महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण देकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की महिलाओं का सम्मान बढ़ाया है। अब पार्टियां महिलाओं को जातियों बांटने के बजाय उन्हें आगे बढ़ाएं। यह आरक्षण आर्थिक आधार पर होता और बेहतर होता।
रेखा शर्मा