देवांश लॉज केस: कासगंज में लेखपाल समेत चार लोगों पर FIR के आदेश, जानिए पूरा मामला

पीड़ित ने लिया न्यायालय का सहारा तो मिलता दिखाई दिया न्याय 

देवांश लॉज केस: कासगंज में लेखपाल समेत चार लोगों पर FIR के आदेश, जानिए पूरा मामला

कासगंज, अमृत विचार। शहर की सबसे चर्चित विवादित संपत्ति देवांश लॉज पर कब्जे का मामला अब नए मोड़ ले गया है। लेखपाल सहित चार के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने के आदेश न्यायालय ने दिए हैं। पीड़ित ने आरोपियों पर भू माफिया होने का आरोप भी लगाया है। अब पीड़ित को नए सिरे से न्याय की उम्मीद जाग गई है। इधर इस कार्रवाई के बाद खलबली मचती दिखाई दे रही है।

शहर के नदरई गेट क्षेत्र में देवांश लॉज की संपत्ति विवादित है। यहां गाटा संख्या 36, 37, 38 को लेकर विवाद बना हुआ है। इस मामले में जब सदर लेखपाल पर आरोप लगे तो उन्हें हटा दिया गया। उसके बाद अमृत विचार समाचार पत्र की खबरों को संज्ञान लेने एवं विधायक की नाराजगी के बाद एसडीएम, तहसीलदार और नायब तहसीलदार को हटाया गया। इधर मामला अभी शांत नहीं हुआ है। मामले में पीड़ित बैजनाथ अग्रवाल ने न्यायालय का सहारा लिया है। 

उन्होंने न्यायालय में दिए गए प्रार्थना पत्र में लिखा कि उनके सगे भाई कैलाशनाथ अग्रवाल के बेटे अजय अग्रवाल ने भू माफियाओं से षड्यंत्र कर एक फर्जी दावा कराया और कैलाशनाथ बनाम राहुल कुमार आदि के नाम से दायर किए गए दावे में जो आदेश हुआ उसका उल्लंघन भी किया गया। उन्होंने अपने अपना पक्ष रखते हुए तथ्य सामने रखा। गाटा संख्या 37 व 38 में हस्तक्षेप न करने के संबंध में आदेश कर लेने का भी पक्ष रखा और लिखा कि बीती 20 जुलाई को सुबह लगभग 10 बजे अजय अग्रवाल निवासी नदरई गेट, अश्विनी चतुर्वेदी निवासी नदरई गेट, राहुल कुमार निवासी मुहल्ला नवाब एवं लेखपाल प्रदीप सक्सेना निवासी चित्रगुप्त कॉलोनी ने अवैध रूप से कब्जा कराया। 

आरोप है कि 15-20 अज्ञात लोग ट्रैक्टर और जेसीबी लेकर पहुंचे। उस समय लेखपाल ने जबरन मौके पर फीता डालकर नापतोल कर दी। जब जानकारी हुई तो पीड़ित मौके पर पहुंचा और अपने हिस्से पर जबरन कब्जा करने से पहले रोका तो उसे डरा धमका कर भगा दिया। इस संबंध में कोतवाली पुलिस को सूचना दी गई तो पुलिस ने जवाब दिया कि न्यायालय का आदेश शांतिपूर्ण कब्जा करने में हस्तक्षेप न करने के लिए है और वह आदेश का पालन कर रहे हैं। 

पीड़ित ने बताया कि न्यायालय के आदेश के विरुद्ध जाकर इन सभी लोगों ने गाटा संख्या 38 में बनी बाउंड्रीवाल, बनी दुकान तोड़कर अंदर घुस गए और गाटा संख्या 37 में स्थित देवांश लॉज की बिल्डिंग को जबरन जेसीबी से तोड़ने लगे। उसमें रखा सामान लूट लिया। 25 से 30 लाख रुपए का सामान जबरन लूट ले गए और भवन को भी काफी क्षति पहुंचाई। जिससे लगभग चार करोड रुपए का नुकसान हुआ है।  पीड़ित ने अपना पक्ष रखा और तथ्य भी प्रस्तुत किए। 

न्यायालय ने पूरे मामले को लेकर गंभीरता दिखाई। फिर कोतवाली पुलिस से आख्या मांगी। उसके बाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय से आदेश जारी किया गया है, जिसमें लिखा गया है की प्रार्थना पत्र के अनुसार धारा 156(3) के अंतर्गत स्वीकार किया जाता है। थानाध्यक्ष कासगंज जनपद कासगंज को आदेशित किया जाता है कि वह प्रार्थना पत्र के संदर्भ में सुसंगत धाराओं में एफआईआर दर्ज करके विवेचना करें और समय सीमा के अंदर अपनी आख्या न्यायालय में प्रस्तुत करें।

यह भी पढ़ें- कासगंज: 26 दिग्गजों को पटखनी देकर केपी सिंह फिर बने जिलाध्यक्ष, कार्यकर्ताओं ने किया स्वागत