मुरादाबाद: लुटेरे पकड़ से दूर, मोबाइल व ई-रिक्शा भी नहीं खोज पाई पुलिस, 80 सीसीटीवी कैमरों को खंगाल चुकी, नतीजा सिफर

नमन गुप्ता कांड: ई-रिक्शा व परचून दुकान की कमाई पर निर्भर है आठ लोगों का परिवार, कर्ज लेकर करा रहे बेटे का इलाज संजीव, अब तक उपचार में 70,000 खर्च

मुरादाबाद: लुटेरे पकड़ से दूर, मोबाइल व ई-रिक्शा भी नहीं खोज पाई पुलिस, 80 सीसीटीवी कैमरों को खंगाल चुकी, नतीजा सिफर

मुरादाबाद, अमृत विचार। मूंढापांडे थानाध्यक्ष समेत पुलिस की पांच टीमें अपहृत किशोर के बरामद होने के पांच दिन बाद भी लुटेरों का सुराग नहीं लगा सकी हैं। दलपतपुर से लेकर रामपुर दोराहा और रोडवेज बस अड्डे से पीलीकोठी तक 70-80 सीसीटीवी कैमरों के फुटेज पुलिस ने देख ली। लेकिन, लुटेरे पुलिस पकड़ से दूर हैं। यहां तक की नमन का मोबाइल और ई-रिक्शा भी पुलिस अब तक नहीं खोज पाई।

15 वर्षीय नमन गुप्ता को सात सितंबर से अपहरणकर्ताओं के चंगुल में फंसा था। वह रविवार 10 सितंबर दोपहर 2.30 बजे रामपुर दोराहा के पास कुएं से घायल स्थिति में मिला था। अपहरणकर्ताओं ने उसका मोबाइल, ई-रिक्शा भी लूट लिया। धारदार हथियार से उसकी पीछे से गर्दन काट दी। फिर नमन गुप्ता को मरा समझकर कुआं में फेंक दिया था। कॉसमॉस अस्पताल में नमन को भर्ती हुए गुरुवार को पांच दिन हो गए हैं। पिता संजीव बेटे के इलाज में कर्ज लेकर अब तक 70,000 से भी अधिक रुपये खर्च कर चुके हैं। बताया, बुधवार को 13,500 रुपये की एमआरआई कराई है। 

संजीव बहुत परेशान हैं, गरीब हैं। खेती भी नहीं है। हर वक्त बेटे के स्वस्थ होने के लिए उसके माता-पिता रो-रोकर ईश्वर से प्रार्थना कर रहे हैं। संजीव ने बताया कि कई बार कुछ पूछने पर नमन धीमी आवाज में थोड़ा-थोड़ा बोलता है। पूछने पर उसने उन्हें बताया है कि वह ई-रिक्शा खाली लेकर रामपुर दोराहा की तरफ आ रहा था। रास्ते में दलपतपुर में उसे एक व्यक्ति ने रोका और जीरो प्वाइंट से खीरा लोड कर लेने की बात कही। जिस पर नमन ने उस व्यक्ति से कहा कि वह अपना ई-रिक्शा सड़क से नीचे नहीं उतारेगा। सड़क किनारे यदि खीरे रखे हैं तो वह लोड कर लेगा।

 जिस पर उस व्यक्ति ने सड़क किनारे ही खीरा रखे होने का भरोसा दिया। इस तरह खीरे के परिवहन का भाड़ा 150 रुपये तय हो गया। फिर वह व्यक्ति उसके ई-रिक्शा पर बैठकर जीरो प्वाइंट तक आया। यहां उसे सड़क किनारे खीरे नहीं दिखे। नमन के पूछने पर ई-रिक्शा पर बैठै उस व्यक्ति ने कहा, सड़क से उतरकर थोड़ा खेत की तरफ चलो। नमन ने ई-रिक्शा सड़क से उतारने को मना कर दिया। जिस पर वह व्यक्ति उससे झगड़ने लगा तो नमन ने रिक्शे का साॅकेट निकाल लिया। तभी तीन और अपरिचित व्यक्ति आ गए। इन चारों अपरिचितों ने पहले नमन गुप्ता को वहीं जीरो प्वाइंट पर मारा। मोबाइल छीन लिया और चार व्यक्तियों में एक ने किसी को फोन कर कहा भी कि मुर्गा जाल में फंस गया है...।

 फिर उसे काशीपुर रामपुर दोराहा के पास अमानतनगर की ओर सनराइज अस्पताल के सामने सुनसान इलाके में बंद जेड इंपेक्स एक्सपोर्ट फैक्ट्री में ले गए। यहां फैक्ट्री में एक बुजुर्ग पहले से था। इस बुजुर्ग को अपहरणकर्ताओं ने फैक्ट्री से बाहर भगा दिया। नमन ने पिता संजीव को बताया है कि बुजुर्ग अपहरणकर्ताओं से कह रहा था कि फैक्ट्री में कैमरे लगे हैं। यहां पर फिर उन चारों ने नमन को मारा और उसमें किसी ने एक ने उसके पीछे से गर्दन पर धारदार हथियार से हमला कर दिया। तुरंत बाद नमन गुप्ता बेहाेश होकर जमीन पर गिर गया था। इसके बाद उसे हमलावर कहां ले गए, वह जान नहीं पाया।

गरीब है संजीव का परिवार
संजीव मूंढापांडे थाना क्षेत्र के सरकड़ा खास गांव के रहने वाले हैं। वह कहते हैं कि बेटा नमन पिछले सप्ताह गुरुवार सुबह बिना कुछ खाए-पिए ई-रिक्शा लेकर घर से निकला था। संजीव बीमार हैं। इसलिए बेटा ई-रिक्शा से कुछ रुपये कमाने गया था। संजीव ने बताया कि परचून दुकान व ई-रिक्शा की कमाई से आठ लोगों के परिवार का खर्च चल रहा है। डेढ़ साल पहले 80,000 रुपये से ई-रिक्शा खरीदा था। ई-रिक्शा संजीव चलाते थे। दुकान पर बुजुर्ग पिता शिव कुमार गुप्ता बैठते हैं। चार बच्चों में नमन ही बड़ा है। वह कक्षा-10 में है। दो बेटियां हैं। 7 सितंबर को संजीव की तबियत खराब थी तो नमन ई-रिक्शा चलाने गया था।

कुआं में था सांप का जोड़ा
संजीव ने बताया कि उनके बेटे ने बताया है कि कुआं में जब उसे होश आया तो वह समझ नहीं पाया कि वह किस इलाके में है। कोई उसे बचा ले, इसके लिए वह चिल्ला रहा था। कुआं में सांप का जोड़ा भी था। इसलिए उसे डर भी लग रहा था। कुआं में कमर तक पानी था। संजीव कहते हैं कि अपहरण के बाद उनका बेटा साढ़े तीन दिन बिना कुछ खाए-पीए वह कुएं से बरामद हुआ।
वर्जन-

नमन गुप्ता का अपहरण कर जानलेवा हमला करने वाले जल्द ही पुलिस की गिरफ्त में होंगे। जीरो प्वाइंट पर सीसीटीवी कैमरे के फुटेज में ई-रिक्शा दिखा है। इस पर एक अन्य व्यक्ति बैठा दिख रहा है लेकिन, अंधेरा होने से वह पहचान में नहीं आ रहा है।- दीपक मलिक, थाना प्रभारी, मूंढापांडे

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