मुरादाबाद : नौकरी संग समाज को शिक्षित करने का फर्ज निभा रहे अजय

प्रेरणादायी : जिला पूर्ति अधिकारी अजय प्रताप सिंह 2018 से कालेजों में दे रहे हैं निशुल्क शिक्षण

मुरादाबाद : नौकरी संग समाज को शिक्षित करने का फर्ज निभा रहे अजय

विनोद श्रीवास्तव, अमृत विचार। सेवा का जज्बा व जुनून हो तो कोई भी दायित्व सामाजिक सेवा के फर्ज की अड़चन नहीं बनती। इस सोच के साथ जिला पूर्ति अधिकारी पद के कर्तव्य निर्वहन के साथ ही अजय प्रताप सिंह समाज को शिक्षित करने का फर्ज 5 वर्षों से बखूबी निभा रहे हैं। बालिका शिक्षा को प्रोत्साहित करने पर उनका विशेष ध्यान है। उनका मानना है कि बालिका के शिक्षित होने पर एक दो परिवार नहीं बल्कि समाज को सकारात्मक दिशा मिलती है। 

मुरादाबाद के जिला पूर्ति अधिकारी अजय प्रताप सिंह मूलरूप से बलिया जिले के ग्राम डुमरी, विकास खंड चिलकहर के निवासी हैं। खुद की पढ़ाई के समय इलाहाबाद विश्वविद्यालय से दर्शनशास्त्र विषय में एमए उत्तीर्ण कर वह सिविल सेवा की तैयारी में जुट गए। पढ़ाई में गंभीर व लगन की देन थी कि वह 2004 में पीसीएस परीक्षा में सफल होकर इस सेवा में आए।

2008 दिसंबर में नौकरी ज्वाइन करने के बाद जिला पूर्ति अधिकारी के रूप में आजमगढ़, वाराणसी, सोनभद्र, चंदौली, जौनपुर में सेवा देने के बाद वर्तमान में वह मुरादाबाद में पदस्थ हैं। एक सिविल सेवक होने के साथ ही वह कॉलेज में निशुल्क शिक्षण कर छात्र-छात्राओं का भविष्य संवारने में मदद कर रहे हैं। वह अपने पद के दायित्व को निभाने के साथ ही समय निकाल कर कक्षा 10 तक विज्ञान, गणित, सामाजिक विज्ञान का निशुल्क शिक्षण करते हैं। उनके कार्य को विभागीय अधिकारियों के साथ ही जिलाधिकारियों ने भी सराह कर दूसरों को भी प्रेरणा लेने की सलाह दी। 

जहां भी रहे शिक्षण कार्य को जारी रखा
मुरादाबाद।अजय प्रताप जहां भी जिला पूर्ति अधिकारी के रूप में तैनात रहे। नौकरी के साथ शिक्षण कार्य को जारी रखा। 2018 से वह स्कूल-कॉलेजों में ज्ञान बांटते रहे। जौनपुर जिले के कम्पोजिट विद्यालय शिवापार के अलावा अन्य जिलों में भी उनका यह सेवा भाव अनवरत जारी रहा। मुरादाबाद में वह राजकीय इंटर कॉलेज पाकबड़ा के अलावा वर्तमान में कृष्णा बाल विद्या मंदिर इंटर कॉलेज मंगूपुरा में निशुल्क पढ़ाकर शिक्षा की अलख जला रहे हैं। मन में सेवा भाव यहीं तक नहीं वह गरीब छात्रों को वह अपने स्तर से किताब कापी और अन्य शिक्षण सहायक सामग्री उपलब्ध कराकर उनकी मदद करते हैं। 

शिक्षा से दूर होता है अंधेरा
मुरादाबाद। वह मानते हैं कि शिक्षा ऐसा माध्यम है जिससे जीवन का अंधकार दूर होता है। रास्ते चाहे कितने भी कठिन हों, लेकिन शिक्षा से वह आसान हो जाता है। वह बताते हैं कि उनका उद्देश्य है गरीब और कमजोर बच्चों तक शिक्षा की रोशनी पहुंचाना। क्योंकि खुद के साथ ही समाज और देश की स्थितियों में बदलाव गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से ही सम्भव है। उनकी सोच है कि ज्ञान किसी दायरे में सीमित नहीं रहना चाहिए। इसकी सार्थकता अधिकाधिक प्रसार में है।

कोविड संक्रमण काल में ऑनलाइन जुड़ाव 
मुरादाबाद। कोविड संक्रमण काल में जब स्कूल-कालेज बंद थे तो वह ऑनलाइन माध्यम से छात्र-छात्राओं को मार्गदर्शन देते रहे। जिससे उनकी शिक्षा में रुकावट न आए। कई गरीब छात्रों की मदद कर ऑनलाइन शिक्षण से जोड़े रखा।  

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