केजीएमयू : ट्रामा सेंटर में रूई, ग्लव्स, बीपी मशीन तक नहीं, अंजू बाला बोलीं- कुलपति से आयोग मांगेगा जवाब

केजीएमयू : ट्रामा सेंटर में रूई, ग्लव्स, बीपी मशीन तक नहीं, अंजू बाला बोलीं- कुलपति से आयोग मांगेगा जवाब

लखनऊ, अमृत विचार। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) स्थित ट्रामा सेंटर में सोमवार को व्यवस्था की पोल उस समय खुल गई जब राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग की सदस्य अंजू बाला एक मरीज को देखने पहुंची। मरीजों को रूई, दस्ताने, सैनिटाइजर और बीपी मशीन तक बाहर से खरीद कर लानी पड़ रही थी। इतना ही नहीं मरीजों को बेड पर बिछाने के लिए चादर भी उपलब्ध नहीं थी। इस अव्यवस्था को देख राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग की सदस्य अंजू बाला ने जिम्मेदारों को बुलाकर नाराजगी जताई। साथ ही यह भी कहा कि जल्द ही मरीजों की इन समस्याओं को लेकर कुलपति से जवाब मांगेगी। हालांकि राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग की सदस्य अंजू बाला की फटकार सुनने के बाद आनन-फानन में ट्रामा सेंटर प्रशासन ने मरीजों को चादर उपलब्ध करा दी। 

दरअसल, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग की सदस्य अंजू बाला सोमवार को केजीएमयू स्थित ट्रामा सेंटर के आर्थोपेडिक विभाग में भर्ती मरीज को देखने पहुंची थीं। इसी दौरान उनकी नजर बेड पर गई। जिन पर चादत तक नहीं थी। जिस पर उन्होंने नाराजगी जताई। इसके बाद उन्होंने देखा कि एक युवक बीपी मशीन लेकर आ रहा है। जब उन्होंने उस युवक से बीपी मशीन खरीदकर लाने का कारण पूछा, जिस पर युवक भावुक हो उठा। युवक ने बताया कि उसके पास इतने पैसे नहीं हैं कि वह इलाज के लिए इस तरह के उपकरण खरीद सके, लेकिन यहां पर इस तरह के उपकरण न होने के चलते दूसरों से उधार लेकर यह सब सामान खरीद कर लाया है।  युवक की कहानी तो बानगी मात्र है।

अमृत विचार के साथ हुई बातचीत में राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग की सदस्य अंजू बाला ने बताया कि सरकार की तरफ से हर प्रकार की कोशिश की जा रही है कि मरीजों को बेहतर से बेहतर इलाज मुहैया कराया जाये। संसाधनों के आभाव के कारण मरीज को इलाज में दिक्कत न आये। इसलिए संसाधन भी भरपूर मात्रा में उपलब्ध कराये जा रहे हैं। उसके बाद भी ट्रामा सेंटर आये मरीज को रूई, दस्ताने, सैनिटाइजर, बीपी मशीन जैसी चीजें खरीदनी पड़े। तो इतनी बड़ी जगह का क्या फायदा। इससे तो सरकार की छवि खराब करने का काम किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इसके लिए जल्द ही केजीएमयू की कुलपति से जवाब मांगा जायेगा। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि ट्रामा सेंटर में मरीजों का दबाव अधिक है। यहां दूसरे राज्यों से भी मरीज इलाज के लिए आते हैं। ऐसे में यहां पर व्यवस्था तो और बेहतर होनी चाहिए।

राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग की सदस्य अंजू बाला ने बताया कि ट्रामा सेंटर के स्टोर इंचार्ज को बुलाकर जानकारी ली, तो पता चला कि एक साल से ट्रामा सेंटर में गलब्स, रूई और सैनिटाइजर की कमी बनी हुई है। 

केजीएमयू के ट्रामा सेंटर प्रभारी डॉ. संदीप तिवारी ने इस पूरे मामले में बताया है कि जब राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग की सदस्य अंजू बाला यहां आईं। उस समय वह ओटी में थे। इसलिए उन्होंने क्या कहा इस बात की जानकारी उन्हें नहीं हो पाई। हालांकि ट्रामा सेंटर प्रभारी ने कहा कि बीपी मशीन किसी मरीज को नहीं खरीदना चाहिए। वह तो ट्रामा सेंटर में उपलब्ध है। उसके लिए मॉनिटर लगे हुये हैं। बीपी मशीन खरीदने की बात उचित नहीं है। इसके अलावा कई चीजों का टेंडर हो रखा है। जो जल्द ही उपलब्ध हो जायेंगी।

यह भी पढ़ें : रायबरेली : आकाशीय बिजली गिरने से दंपत्ति झुलसे, कई घरों के इलेक्ट्रानिक उपकरण हुये खराब