बरेली: हम किसी से कम नहीं...क्योंकि हम हैं 'स्पेशल', मूकबधिर बच्चों पर खास रिपोर्ट

बरेली: हम किसी से कम नहीं...क्योंकि हम हैं 'स्पेशल', मूकबधिर बच्चों पर खास रिपोर्ट

हरदीप सिंह (टोनी), बरेली, अमृत विचार। बच्चे देश का भविष्य होते हैं। आज के बच्चे कल देश और समाज की तरक्की में अपना महत्वपूर्ण योगदान देंगे। इसके लिए बच्चों को अच्छी शिक्षा देना बेहद जरूरी है। ताकि वे पढ़-लिखकर किसी काबिल बन सकें। लेकिन बड़ी संख्या में ऐसे बच्चे भी हैं, जो बोल और सुन नहीं पाते। जिन्हें मूकबधिर या स्पेशल चाइल्ड कहा जाता है। ऐसे बच्चों को शिक्षित बनाना किसी चुनौती से कम नहीं है। 

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वहीं सरकार की ओर से इन स्पेशल बच्चों की पढ़ाई लिखाई के लिए तमाम इंतजाम किए गए हैं। इसके साथ ही जगह-जगह संकेत विद्यालय भी बने हुए हैं, जहां ऐसे मासूम बच्चों की पढ़ाने लिखाने के साथ ही खेलकूद और सामाजिक गतिविधियां भी कराई जाती हैं, जिससे ये बच्चे भी समान्य बच्चों की तरह जीवन जी सकें और अपने माता-पिता का नाम रोशन करें। वहीं बरेली में ऐसा ही एक राजकीय संकेत विद्यालय हैं, जहां स्पेशल बच्चों को खेल-खेल में पढ़ाई कराई जाती है और शिक्षा की अलख जगाने का काम किया जा रहा है। 

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यह संकेत विद्यालय आम स्कूलों की तरह दी नजर आता है, लेकिन गौर से देखने यहां की दीवारें कुछ अलग ही कहानी बयां करती हैं। क्योंकि यहां की दीवारों पर सांकेतिक भाषा की वर्णमाला और अंग्रेजी के अल्फाबेट के अलावा हिंदी इंग्लिश के ब्रेल कोड लिखे हुए हैं। हालांकि बच्चों को शुरुआत में कुछ दिक्कतें आती हैं, लेकिन धीरे-धीरे सांकेतिक भाषा को समझने लगते हैं। संकेत विद्यालय में स्पेशल बच्चों को सभी विषय साइन लैंग्वेज में ही पढ़ाए जाते हैं। 

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इसके अलावा बच्चों के मानसिक विकास के लिए पजल गेम्स की भी व्यवस्था है। जिनमें बच्चे भी काफी रुचि लेते हैं। राजकीय संकेत विद्यालय में सहायक अध्यापिका डॉ. शिवी बंसल ने बताया कि स्कूल में सिर्फ दो शिक्षिकाएं हैं, जो बच्चों को पढ़ाती हैं। उनका उद्देश्य है कि ये बच्चे भी पढ़-लिखकर आम बच्चों की तरह अपना मुकाम हासिल करें और देश की तरक्की में अपनी सहयोग कर सकें।

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